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राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए आयोग ने जारी किए निर्देश, आपराधिक प्रकरणों का विवरण तीन बार करना होगा प्रकाशित - MP by-election news

मध्यप्रदेश में होने वाले 27 विधानसभा के उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के द्वारा अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और चुनाव प्रचार भी लगभग शुरू हो चुका है.

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भोपाल न्यूज
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Published : Sep 13, 2020, 6:20 PM IST

भोपाल| प्रदेश में होने वाले 27 विधानसभा के उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के द्वारा अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और चुनाव प्रचार भी लगभग शुरू हो चुका है, हालांकि अभी तक उप चुनाव की तिथि घोषित नहीं की गई है. लेकिन चुनाव आयोग के द्वारा इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. उपचुनाव को दृष्टिगत रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए निर्देश जारी किए हैं कि सभी राजनीतिक दल एवं चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपना आपराधिक प्रकरण का विवरण तीन बार प्रकाशित करना होगा.

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ ही उन्हें नामांकित करने वाले राजनीतिक दलों को आपराधिक प्रकरण यदि उम्मीदवार का है तो उसके संबंध में संबंधित प्रत्याशी और राजनीतिक दल को निर्वाचित प्रक्रिया के दौरान तीन बार इसका प्रकाशन समाचार पत्र और टेलीविजन पर करना होगा.

भारत निर्वाचन आयोग के उप सचिव पवन दीवान ने जानकारी में बताया है कि आयोग ने आपराधिक प्रकरणों के प्रचार के संबंध में संबंधित प्रत्याशी और राजनीतिक दल जो उन्हें चुनाव के लिए नामांकित करते हैं, उनके लिए अपने निर्देशों को कारगर और सरल करने का निर्णय लिया है, आयोग सदैव इस नैतिक मापदंड पर जोर देते हुए चुनावी प्रजातंत्र की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत है.

उन्होंने जानकारी दी है कि आयोग द्वारा उक्त संदर्भ में दिए गए निर्देशानुसार अभ्यार्थी और नामांकित करने वाले राजनीतिक दल को आपराधिक प्रकरणों से संबंधित जानकारी का प्रथम प्रचार नाम वापसी की अंतिम तिथि के 4 दिन के अंदर, द्वितीय प्रचार नाम वापसी की अंतिम तारीख के 5 से 8 दिन के बीच और तृतीय प्रचार चुनाव प्रचार के 90 दिन से अंतिम दिन के मध्य यानी मतदान के 2 दिन पहले तक करवाना अनिवार्य होगा. इस टाइमलाइन से वोटरों को अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनने के लिए सुविज्ञ तरीका प्राप्त होगा.

आयोग के उप सचिव के द्वारा जानकारी दी गई है कि ऐसे प्रत्याशी जो चुनाव लड़े बिना विजय हुए हैं और इन्हें नामांकित करने वाले राजनीतिक दलों के प्रचार के संबंध में भी यह स्पष्ट किया जाता है कि उन्हें भी यदि कोई आपराधिक प्रकरण है तो उसके संबंध में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उनके राजनीतिक दलों के लिए लागू प्रचार के निर्देशों के पालन को करना पड़ेगा.

आयोग द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार अभी तक इस विषय में जारी सभी फॉर्मेट और निर्देश का सार संग्रह सभी हितग्राहियों की सुविधा के लिए प्रकाशित किया जा रहा है. इसके माध्यम से इस विषय पर वोटरों और अन्य हितग्राहियों में अधिक जागरूकता निर्माण में मदद मिलेगी. पूर्ववर्ती आपराधिक प्रकरण वाले चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उनको नामांकित करने वाले राजनीतिक दलों को इस संबंध में जारी समस्त निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य है. यह संशोधित दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे.

भोपाल| प्रदेश में होने वाले 27 विधानसभा के उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के द्वारा अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और चुनाव प्रचार भी लगभग शुरू हो चुका है, हालांकि अभी तक उप चुनाव की तिथि घोषित नहीं की गई है. लेकिन चुनाव आयोग के द्वारा इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. उपचुनाव को दृष्टिगत रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए निर्देश जारी किए हैं कि सभी राजनीतिक दल एवं चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपना आपराधिक प्रकरण का विवरण तीन बार प्रकाशित करना होगा.

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ ही उन्हें नामांकित करने वाले राजनीतिक दलों को आपराधिक प्रकरण यदि उम्मीदवार का है तो उसके संबंध में संबंधित प्रत्याशी और राजनीतिक दल को निर्वाचित प्रक्रिया के दौरान तीन बार इसका प्रकाशन समाचार पत्र और टेलीविजन पर करना होगा.

भारत निर्वाचन आयोग के उप सचिव पवन दीवान ने जानकारी में बताया है कि आयोग ने आपराधिक प्रकरणों के प्रचार के संबंध में संबंधित प्रत्याशी और राजनीतिक दल जो उन्हें चुनाव के लिए नामांकित करते हैं, उनके लिए अपने निर्देशों को कारगर और सरल करने का निर्णय लिया है, आयोग सदैव इस नैतिक मापदंड पर जोर देते हुए चुनावी प्रजातंत्र की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत है.

उन्होंने जानकारी दी है कि आयोग द्वारा उक्त संदर्भ में दिए गए निर्देशानुसार अभ्यार्थी और नामांकित करने वाले राजनीतिक दल को आपराधिक प्रकरणों से संबंधित जानकारी का प्रथम प्रचार नाम वापसी की अंतिम तिथि के 4 दिन के अंदर, द्वितीय प्रचार नाम वापसी की अंतिम तारीख के 5 से 8 दिन के बीच और तृतीय प्रचार चुनाव प्रचार के 90 दिन से अंतिम दिन के मध्य यानी मतदान के 2 दिन पहले तक करवाना अनिवार्य होगा. इस टाइमलाइन से वोटरों को अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनने के लिए सुविज्ञ तरीका प्राप्त होगा.

आयोग के उप सचिव के द्वारा जानकारी दी गई है कि ऐसे प्रत्याशी जो चुनाव लड़े बिना विजय हुए हैं और इन्हें नामांकित करने वाले राजनीतिक दलों के प्रचार के संबंध में भी यह स्पष्ट किया जाता है कि उन्हें भी यदि कोई आपराधिक प्रकरण है तो उसके संबंध में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उनके राजनीतिक दलों के लिए लागू प्रचार के निर्देशों के पालन को करना पड़ेगा.

आयोग द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार अभी तक इस विषय में जारी सभी फॉर्मेट और निर्देश का सार संग्रह सभी हितग्राहियों की सुविधा के लिए प्रकाशित किया जा रहा है. इसके माध्यम से इस विषय पर वोटरों और अन्य हितग्राहियों में अधिक जागरूकता निर्माण में मदद मिलेगी. पूर्ववर्ती आपराधिक प्रकरण वाले चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उनको नामांकित करने वाले राजनीतिक दलों को इस संबंध में जारी समस्त निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य है. यह संशोधित दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे.

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