भोपाल। कोरोना संक्रमण की वजह से अभी तक शैक्षणिक संस्थान खोलने का निर्णय नहीं लिया जा सका है. इसकी वजह से स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. हालांकि उच्च शिक्षा विभाग अब कॉलेज स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए टीवी का सहारा लेने जा रहा है. उच्च शिक्षा विभाग दूरदर्शन पर कॉलेज स्टूडेंट्स की क्लॉस लगाएगा. इसकी शुरुआत 1 दिसंबर से होने जा रही है. ये क्लासेस अलग-अलग समय पर लगाई जाएंगी. जिससे स्टूडेंट्स घर बैठे ही पढ़ाई कर सकेंगे.
दूरदर्शन पर लगेगी कॉलेज स्टूडेंट्स की क्लास, एक दिसंबर से होगी शुरुआत
कोरोना की वजह से कॉलेज छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए उच्च शिक्षा विभाग दूरदर्शन पर क्लॉस शुरू कराएगा. इसकी शुरुआत 1 दिसंबर से होने जा रही है.
दूरदर्शन पर होगी पढ़ाई
भोपाल। कोरोना संक्रमण की वजह से अभी तक शैक्षणिक संस्थान खोलने का निर्णय नहीं लिया जा सका है. इसकी वजह से स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. हालांकि उच्च शिक्षा विभाग अब कॉलेज स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए टीवी का सहारा लेने जा रहा है. उच्च शिक्षा विभाग दूरदर्शन पर कॉलेज स्टूडेंट्स की क्लॉस लगाएगा. इसकी शुरुआत 1 दिसंबर से होने जा रही है. ये क्लासेस अलग-अलग समय पर लगाई जाएंगी. जिससे स्टूडेंट्स घर बैठे ही पढ़ाई कर सकेंगे.
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक एक दिसंबर से 30 दिसंबर तक अलग-अलग सब्जेक्ट के हिसाब से दूरदर्शन पर समय निर्धारित किया गया है. क्लॉसेस एक- एक घंटे की होंगी और एक दिन में दो सब्जेक्ट के वीडियो लेक्चर दिए जाएंगे. वीडियो लेक्चर सुबह 7 बजे से शुरू होंगे. उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं और टाइम टेबल को सभी कॉलेजों के सूचना पटल पर चस्पा भी कर दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि, यदि किसी के पास टीवी नहीं है, तो सामुदायिक भवनों में इसकी पर्याप्त व्यवस्था की जाएं.
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक एक दिसंबर से 30 दिसंबर तक अलग-अलग सब्जेक्ट के हिसाब से दूरदर्शन पर समय निर्धारित किया गया है. क्लॉसेस एक- एक घंटे की होंगी और एक दिन में दो सब्जेक्ट के वीडियो लेक्चर दिए जाएंगे. वीडियो लेक्चर सुबह 7 बजे से शुरू होंगे. उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं और टाइम टेबल को सभी कॉलेजों के सूचना पटल पर चस्पा भी कर दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि, यदि किसी के पास टीवी नहीं है, तो सामुदायिक भवनों में इसकी पर्याप्त व्यवस्था की जाएं.