भोपाल। प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है, लेकिन अभी पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुआ है. मौसम विभाग की माने तो, एक दो दिन में फिर से बारिश का दौर शुरु हो सकता है, जिसे देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए भोपाल कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट में मानसून की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की. बैठक के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा नगर निगम के कमिश्नर सहित आला अधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान शहर में बंद पड़ी खदानों और जलभराव वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर उचित उपाय करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए.
भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि, वो शासन की योजना अनुसार ही कार्य को प्राथमिकता में रखते हुए लक्ष्य की पूर्ति करें. जिले में अब तक एक तिहाई से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जिसके चलते कई जगह पानी भरना शुरु हो गया है. इसके अलावा खाली पड़े प्लॉटों पर भी पानी भरा होने के कारण मच्छर और डेंगू के लार्वा निर्मित हो सकते हैं, इसके अलावा शहर में ऐसी कई जगह हैं, जहां ठहरे पानी डेंगू का लार्वा पनपता है. इसलिए प्रशासनिक स्तर पर ऐसे सभी क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए और नगर निगम के माध्यम से इन सभी क्षेत्रों में दवा का छिड़काव और फागिंग कराई जाए.
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि, शहर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को जागरूक किया जाए. साथ ही सभी ग्रामीण क्षेत्रों में नीम के पत्तों का धुआं और अन्य सुरक्षा के उपाय भी लोगों को बताए जाएं, उन्हें मच्छरदानी लगाकर सोने के लिए प्रेरित करें, ताकी किसी भी तरह की बिमारी को रोका जा सके.
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि, शहर में जो भी खदाने बंद पड़ी हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से चिन्हित किया जाए. दरअसल शहर के आसपास में खदानें हैं, जो फिलहाल बंद हैं और मॉनसून शुरु होते ही उन खदानों में पानी भर जाता है. कई बार ऐसी ही खदानों में लोग नहाने या मौज मस्ती करने के उद्देश्य से पहुंचते है और हादसे का शिकार हो जाते हैं. ऐसी सभी बंद पड़ी खदानों को चिन्हित कर तत्काल प्रभाव से उस पर बैरिकेडिंग और तार की फेंसिंग की जाए, साथ ही वहां लोगों को जाने से भी रोका जाए,
कलेक्टर ने कहा है कि, वर्तमान में बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति पैदा होती है. ऐसे में घटना की आंशका बनी रहती है, जिसे पहले से नियंत्रित किया जाए, वहीं शहर के उन क्षेत्रों को भी तत्काल चिन्हित किया जाए, जहां पर हर वर्ष जलभराव की स्थिति पैदा होती है और लोगों के घरों में पानी पहुंच जाता है. इन सभी क्षेत्रों में अधिकारी बेहतर व्यवस्था करें, ताकि जलभराव की स्थिति निर्मित ना हो, इसके अलावा इन सभी क्षेत्रों में नगर निगम की हेल्पलाइन नंबर का भी प्रचार किया जाए. मानसून की शुरुआत के साथ ही शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए भी शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में पौधे रोपित किए जाएं और लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया जाए.