भोपाल| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आत्मनिर्भर देश बनाने के अभियान को अब मध्यप्रदेश में भी तेज गति देने का काम शुरू हो रहा है आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश अभियान पूरे प्रदेश में युद्धस्तर पर चलाने की तैयारी की जा रही है और इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने का प्रयास सरकार के द्वारा किया जा रहा है, इस पूरे अभियान की रूपरेखा आज सीएम शिवराज सिंह चौहान वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करेंगे.
बताया जा रहा है कि हर विभाग अभियान के तहत ऐसे काम अपने हाथ में लेगा जिससे ना सिर्फ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले बल्कि प्रदेश के उत्पादों को अच्छा बाजार भी मिल सके. मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान पहली बार सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेंगे. इस दौरान आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए अब तक जो रणनीति बनाई गई है उस पर विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी.
साथ ही प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को किस तरह से बढ़ावा देना है, राजस्व के अतिरिक्त विकल्प किस तरह से खोजे जा सकते हैं, रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके किस तरह से निर्मित किए जा सकते हैं, उद्योगों को किस तरह से बढ़ावा मिल सकता है और प्रदेश में निवेश मित्र माहौल किस तरह से बनाया जाए, उन्नत कृषि श्रमिकों के नियोजन जैसे मुद्दों पर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में काम किया जाएगा. मुख्यमंत्री की यही मंशा है कि मध्य प्रदेश आत्मनिर्भर भारत के तहत दिए गए पैकेओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों का पहिया अब तेजी के साथ चल निकले.
बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान हुए अनुभवों को दृष्टिगत रखते हुए आत्मनिर्भर भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसी उद्देश्य से 200 करोड़ रुपए से अधिक के ग्लोबल टेंडर पर रोक लगाई गई है अब देश में ही बने ज्यादा से ज्यादा उपकरणों का उपयोग अस्पतालों में किया जाएगा.
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश अभियान के तहत यह प्रमुख काम सूची में सबसे ऊपर रहेंगे-
- कस्टम हायरिंग सेंटर खोलकर बेरोजगार ग्रामीण युवकों को रोजगार के अवसर मुहैया कराना.
- मंडी अधिनियम में प्रस्तावित कानूनों के मुताबिक बदलाव कर किसानों को उपज का वाजिब दाम दिलवाना.
- विभिन्न अनुमति प्राप्त करने में आने वाली परेशानियों को हर हाल में खत्म करना.
- वास्तविक एकल खिड़की व्यवस्था को प्रदेशभर में लागू करना.
- खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर जोर देकर स्वरोजगार को बढ़ावा देना.
- शहरों में छोटा व्यवसाय करने वालों को केंद्रीय योजना में ऋण दिलाकर ब्याज अनुदान प्रदान करना.
- स्व सहायता समूह की विभागीय कामों में निश्चित भागीदारी तय करना .