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CM ने की मेट्रो कंपनी के गवर्निंग बोर्ड की बैठक, लिया अहम निर्णय - भोपाल में मेट्रो कंपनी के गवर्निंग बोर्ड की बैठक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेट्रो कंपनी के गवर्निंग बोर्ड की बैठक ली, जिसमें नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनोज गोविल, कंपनी के एमडी नीतेश व्यास उपस्थित रहे.

Metro Board Governing Board Meeting
मेट्रो कंपनी के गवर्निंग बोर्ड की बैठक
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Published : Aug 27, 2020, 3:29 AM IST

भोपाल। प्रदेश में मेट्रो रेल को लेकर पिछले तीन वर्षों से लगातार कवायद जारी है. हालांकि राजधानी में मेट्रो का काम शुरू हो चुका है, लेकिन अभी भी कुछ प्रतिशत काम ही शुरू हो पाया है. सत्ता में वापसी के साथ ही बीजेपी मेट्रो प्रोजेक्ट को तेजी से जमीन पर उतारने में जुड़ गई है. यही वजह है कि पिछले 1 माह के दौरान मेट्रो रेल के संबंध में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह अधिकारियों के साथ मिलकर 3 बार समीक्षा कर चुके हैं. इसी संबंध में मंत्रालय में सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कंपनी के गवर्निंग बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनोज गोविल, कंपनी के एमडी नीतेश व्यास उपस्थित रहे.

सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में कंपनी का नाम अब 'मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड' में परिवर्तित किए जाने के प्रस्ताव को विधिवत स्वीकृति प्रदान की गई है. कंपनी को बोर्ड बनाए जाने के संबंध में भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बीच 19 अगस्त 2019 को त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया गया था.

सीएम ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में आगामी कार्रवाईयां तत्परता के साथ पूरी की जाएं, जिससे इंदौर और भोपाल शहरों में मेट्रो रेल के कार्य को गति प्रदान कर तय किए गए समय में पूर्ण किया जा सके. एमडी नीतेश व्यास ने बताया कि त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार की प्रोजेक्ट में बराबर भागीदारी की जा रही है, जिसके तहत बनाए जा रहे नए बोर्ड में भारत सरकार के 5 संचालक और मध्यप्रदेश सरकार के 5 संचालक (प्रबंध संचालक सहित) शामिल होंगे. मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय विकास के आयुक्त प्रबंध संचालक होंगे. वहीं वित्त विभाग के प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग सहित नगरीय विकास विभाग इसके संचालक होंगे.

मेट्रो रेल के निर्माण कार्य के लिए भारत सरकार के मेट्रो रेल अधिनियमों के तहत मेट्रो निर्माण क्षेत्र को ‘मेट्रोपोलिटन क्षेत्र’ घोषित किया जाना आवश्यक है. इसी के चलते बैठक में इंदौर और भोपाल मेट्रो क्षेत्रों को 'मेट्रोपोलिटन क्षेत्र' घोषित किए जाने संबंधी कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया गया है.

भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की फिलहाल की स्थिति

1. 12 जनवरी 2017 को मध्य प्रदेश सरकार की स्वीकृति के बाद भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का कार्य मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है.

2. भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को 11 सितंबर 2018 को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) सहित 3 अक्टूबर 2018 को केन्द्रीय कैबिनेट की स्वीकृति मिली.

3. 19 अगस्त 2019 को भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए.

4. 14 सितंबर 2019 को इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई.

5. 26 सितंबर 2019 को भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई.

6. 14 नवंबर 2019 को 'यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक' द्वारा भोपाल मेट्रो के लिए ऋण (कुल प्रस्ताव-3493.34 करोड़ रुपए) स्वीकृत किया गया. साथ ही 10 दिसंबर 2019 को वित्तीय समझौता हुआ.

7. 2 दिसंबर 2019 को 'न्यू डेवलपमेंट बैंक' ने इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए ऋण (कुल प्रस्ताव- 3 हजार 200 करोड़ रुपए) स्वीकृत किया.

8. 22 दिसंबर 2017 को मेसर्स डीबी इंजीनियरिंग एंड कंसलटिंग जीएमबीएच (जर्मनी) और सहयोगी कंपनियों मेसर्स लूईस बर्गर एसएएस (यूएसए) सहित मेसर्स जियो डाटा इंजीनियरिंग एसपीए (इटली) को प्रोजेक्ट का जनरल कंसलटेंट बनाया गया.

9. 1 नवंबर 2018 को भोपाल और इंदौर मेट्रो के पहले सिविल कार्य के लिए कॉन्ट्रेक्ट एग्रीमेंट किया गया. इसके अनुसार भोपाल मेट्रो के अंतर्गत 247 करोड़ 6 लाख रुपए की लागत से 6.22 किलोमीटर लंबी वायाडक्ट (रेलवे पुल) और इंदौर मेट्रो कार्य के अंतर्गत 228 करोड़ 96 रुपए की लागत से 5.29 किलोमीटर लंबी वायाडक्ट (रेलवे पुल) बनाए जाएंगे.

भोपाल। प्रदेश में मेट्रो रेल को लेकर पिछले तीन वर्षों से लगातार कवायद जारी है. हालांकि राजधानी में मेट्रो का काम शुरू हो चुका है, लेकिन अभी भी कुछ प्रतिशत काम ही शुरू हो पाया है. सत्ता में वापसी के साथ ही बीजेपी मेट्रो प्रोजेक्ट को तेजी से जमीन पर उतारने में जुड़ गई है. यही वजह है कि पिछले 1 माह के दौरान मेट्रो रेल के संबंध में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह अधिकारियों के साथ मिलकर 3 बार समीक्षा कर चुके हैं. इसी संबंध में मंत्रालय में सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कंपनी के गवर्निंग बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनोज गोविल, कंपनी के एमडी नीतेश व्यास उपस्थित रहे.

सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में कंपनी का नाम अब 'मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड' में परिवर्तित किए जाने के प्रस्ताव को विधिवत स्वीकृति प्रदान की गई है. कंपनी को बोर्ड बनाए जाने के संबंध में भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बीच 19 अगस्त 2019 को त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया गया था.

सीएम ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में आगामी कार्रवाईयां तत्परता के साथ पूरी की जाएं, जिससे इंदौर और भोपाल शहरों में मेट्रो रेल के कार्य को गति प्रदान कर तय किए गए समय में पूर्ण किया जा सके. एमडी नीतेश व्यास ने बताया कि त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार की प्रोजेक्ट में बराबर भागीदारी की जा रही है, जिसके तहत बनाए जा रहे नए बोर्ड में भारत सरकार के 5 संचालक और मध्यप्रदेश सरकार के 5 संचालक (प्रबंध संचालक सहित) शामिल होंगे. मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय विकास के आयुक्त प्रबंध संचालक होंगे. वहीं वित्त विभाग के प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग सहित नगरीय विकास विभाग इसके संचालक होंगे.

मेट्रो रेल के निर्माण कार्य के लिए भारत सरकार के मेट्रो रेल अधिनियमों के तहत मेट्रो निर्माण क्षेत्र को ‘मेट्रोपोलिटन क्षेत्र’ घोषित किया जाना आवश्यक है. इसी के चलते बैठक में इंदौर और भोपाल मेट्रो क्षेत्रों को 'मेट्रोपोलिटन क्षेत्र' घोषित किए जाने संबंधी कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया गया है.

भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की फिलहाल की स्थिति

1. 12 जनवरी 2017 को मध्य प्रदेश सरकार की स्वीकृति के बाद भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का कार्य मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है.

2. भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को 11 सितंबर 2018 को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) सहित 3 अक्टूबर 2018 को केन्द्रीय कैबिनेट की स्वीकृति मिली.

3. 19 अगस्त 2019 को भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए.

4. 14 सितंबर 2019 को इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई.

5. 26 सितंबर 2019 को भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई.

6. 14 नवंबर 2019 को 'यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक' द्वारा भोपाल मेट्रो के लिए ऋण (कुल प्रस्ताव-3493.34 करोड़ रुपए) स्वीकृत किया गया. साथ ही 10 दिसंबर 2019 को वित्तीय समझौता हुआ.

7. 2 दिसंबर 2019 को 'न्यू डेवलपमेंट बैंक' ने इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए ऋण (कुल प्रस्ताव- 3 हजार 200 करोड़ रुपए) स्वीकृत किया.

8. 22 दिसंबर 2017 को मेसर्स डीबी इंजीनियरिंग एंड कंसलटिंग जीएमबीएच (जर्मनी) और सहयोगी कंपनियों मेसर्स लूईस बर्गर एसएएस (यूएसए) सहित मेसर्स जियो डाटा इंजीनियरिंग एसपीए (इटली) को प्रोजेक्ट का जनरल कंसलटेंट बनाया गया.

9. 1 नवंबर 2018 को भोपाल और इंदौर मेट्रो के पहले सिविल कार्य के लिए कॉन्ट्रेक्ट एग्रीमेंट किया गया. इसके अनुसार भोपाल मेट्रो के अंतर्गत 247 करोड़ 6 लाख रुपए की लागत से 6.22 किलोमीटर लंबी वायाडक्ट (रेलवे पुल) और इंदौर मेट्रो कार्य के अंतर्गत 228 करोड़ 96 रुपए की लागत से 5.29 किलोमीटर लंबी वायाडक्ट (रेलवे पुल) बनाए जाएंगे.

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