भोपाल। तीन बार के पार्षद और मेयर इन काउंसिल (MIC) सदस्य रहे कृष्ण मोहन सोनी यानी मुंदन भैया को भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) का अध्यक्ष बनाया गया है. लिली अग्रवाल और सुनील पांडे उपाध्यक्ष बने हैं. विधानसभा चुनाव से पहले इन नियुक्तियों के कई सियासी मायने भी हैं. दरअसल, BDA अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा में काफी लंबे समय से खींचतान चल रही थी. इस कुर्सी पर बैठने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट से कृष्णा गाडगे और शिवराज सिंह चौहान गुट से आलोक शर्मा के नाम सबसे आगे थे. लेकिन लॉटरी लगी कृष्ण मोहन सोनी की.
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आपसी खींचतान में अटकी थी नियुक्ति : पिछली बार भी जब बोर्ड और मंडलों के अध्यक्षों की लिस्ट आई थी तो BDA अध्यक्ष पद को होल्ड पर रख दिया गया था. इसका कारण एक नाम तय नहीं हो पाना माना जा रहा था. सिंधिया अपने समर्थक कृष्णा घाडगे को यह पद दिलाना चाहते थे जबकि शिवराज आलोक शर्मा का नाम बढ़ा रहे थे. शर्मा और घाडगे दोनों में से कोई भी उपाध्यक्ष पद लेने को तैयार नहीं था. इसी खींचतान की वजह से यह नियुक्ति अटकी थी.
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संघ और शिवराज के करीबी : कृष्ण मोहन सोनी भोपाल नगर निगम में तीन बार के पार्षद हैं. सीनियर होने के चलते उनको यह मौका मिला है. मुंदन भैया के नाम से मशहूर सोनी पूर्व महापौर कृष्णा गौर और आलोक शर्मा के कार्यकाल में भी MIC मेंबर रहे हैं. उनको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ ही शिवराज सिंह चौहान का करीबी भी माना जाता है. वे शिवराज के शुरुआती दौर से ही मित्र की तरह उनके साथ रहे हैं. वहीं, उपाध्यक्ष बने लिली अग्रवाल को पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह का करीबी माना जाता है. सुनील पांडे ध्रुव नारायण सिंह के समर्थक हैं. ऐसे में BDA में नियुक्तियों को देंखे तो सिंधिया की तुलना में शिवराज का पलड़ा भारी नजर आ रहा है.