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मनरेगा के कार्यों को लेकर सीएम शिवराज ने की समीक्षा बैठक, मंत्री और अधिकारी हुए शामिल

मनरेगा योजना के तहत प्रदेश के कई जिलों में काम शुरु हो गए हैं, मनरेगा के कार्य समीक्षा को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बैठक आयोजित की. वहीं अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में मजदूरी दर सबसे कम है जिसे बढ़ाने को लेकर चर्चा की गई.

CM Shivraj Singh Chauhan holds a meeting to review the work of MNREGA
मनरेगा के कार्य समीक्षा को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की बैठक आयोजित
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Published : Aug 19, 2020, 10:51 AM IST

भोपाल। कोरोना संकट काल के दौरान अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार ने कई तरह के नवाचार किए हैं. इसके अलावा मनरेगा योजना के तहत भी प्रदेश के कई जिलों में काम शुरु कर दिया गया है. वहीं इन सभी व्यवस्थाओं और मनरेगा के कार्य समीक्षा को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बैठक की, बैठक के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस मनोज श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे. बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ,पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल भी शामिल हुए.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब तक किए गए कामों को लेकर भी अधिकारियों से बिंदुवार चर्चा की. साथ ही मनरेगा के तहत किए जा रहे कामों को और विस्तार देने के निर्देश भी दिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हो सके. इसके अलावा समीक्षा बैठक के दौरान मध्यप्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत प्रति दिवस दी जा रही मजदूरी दर को लेकर भी चर्चा की गई, क्योंकि जो पैसा प्रति दिन के हिसाब से प्रदेश में दिया जा रहा है वह अन्य राज्यों की तुलना में बेहद कम है. जिसे बढ़ाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया, ताकि मजदूरों को केंद्र सरकार से निर्धारित की गई राशि प्राप्त हो सके.

समीक्षा बैठक के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए ग्रामों का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है. ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने में मनरेगा योजना अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकती है साथ ही योजना में इस साल 20.50 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए जाने के साथ, आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत 40 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त प्रावधान है. वहीं उन्होंने कहा कि ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना बनाकर एवं समयबद्ध रूप से कार्य किया जाए.

सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत प्रति दिन मजदूरी दर 190 रूपये है, जबकि दूसरे राज्यों में जैसे महाराष्ट्र में 238 रूपये, गुजरात में 224, राजस्थान में 220 तथा हरियाणा में सर्वाधिक 290 रूपये है. यह दर केन्द्र द्वारा निर्धारित की जाती है. वहीं प्रदेश की मनरेगा मजदूरी दर बढ़वाने के लिए आवश्यक 'टाइम एण्ड मोशन स्टडी' शीघ्र करवाई जाए. सीएम ने कहा कि मनरेगा के कार्यों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कार्य गुणवत्तापूर्ण हों, समय से पूरा हो जाएं और पूरे हुए कार्य उपयोग में आने लगें. वहीं मनरेगा कार्यों का सही मूल्यांकन भी सुनिश्चित किया जाए.

सीएम ने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत 79 प्रतिशत जॉब कार्डधारी कार्य कर रहे हैं जो कि अच्छा प्रतिशत है. अन्य राज्यों उत्तरप्रदेश में 57 प्रतिशत, पश्चिम बंगला में 72 प्रतिशत, राजस्थान में 73 प्रतिशत तथा बिहार में 36 प्रतिशत सक्रिय जॉब कार्डधारी हैं. प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा के अंतर्गत समय पर मजदूरी भुगतान का प्रतिशत भी गत 5 वर्षों की तुलना में सर्वाधिक रहा है.

साल 2020-21 में यह 93 प्रतिशत रहा जबकि साल 2019-20 में समय पर मजदूरी भुगतान का प्रतिशत 84.19 प्रतिशत मात्र था. मनरेगा के तहत प्रदेश में अब तक 2 लाख 87 हजार कार्य पूर्ण हो चुके हैं, गत वर्ष इस अवधि तक पूर्ण हुए कार्यों की संख्या एक लाख 64 हजार तक ही सीमित रही .पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि मनरेगा से प्रदेश के छोटे-बड़े प्रत्येक गांव में शांतिधाम बनवाए जा रहे हैं.

भोपाल। कोरोना संकट काल के दौरान अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार ने कई तरह के नवाचार किए हैं. इसके अलावा मनरेगा योजना के तहत भी प्रदेश के कई जिलों में काम शुरु कर दिया गया है. वहीं इन सभी व्यवस्थाओं और मनरेगा के कार्य समीक्षा को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बैठक की, बैठक के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस मनोज श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे. बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ,पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल भी शामिल हुए.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब तक किए गए कामों को लेकर भी अधिकारियों से बिंदुवार चर्चा की. साथ ही मनरेगा के तहत किए जा रहे कामों को और विस्तार देने के निर्देश भी दिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हो सके. इसके अलावा समीक्षा बैठक के दौरान मध्यप्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत प्रति दिवस दी जा रही मजदूरी दर को लेकर भी चर्चा की गई, क्योंकि जो पैसा प्रति दिन के हिसाब से प्रदेश में दिया जा रहा है वह अन्य राज्यों की तुलना में बेहद कम है. जिसे बढ़ाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया, ताकि मजदूरों को केंद्र सरकार से निर्धारित की गई राशि प्राप्त हो सके.

समीक्षा बैठक के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए ग्रामों का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है. ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने में मनरेगा योजना अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकती है साथ ही योजना में इस साल 20.50 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए जाने के साथ, आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत 40 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त प्रावधान है. वहीं उन्होंने कहा कि ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना बनाकर एवं समयबद्ध रूप से कार्य किया जाए.

सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत प्रति दिन मजदूरी दर 190 रूपये है, जबकि दूसरे राज्यों में जैसे महाराष्ट्र में 238 रूपये, गुजरात में 224, राजस्थान में 220 तथा हरियाणा में सर्वाधिक 290 रूपये है. यह दर केन्द्र द्वारा निर्धारित की जाती है. वहीं प्रदेश की मनरेगा मजदूरी दर बढ़वाने के लिए आवश्यक 'टाइम एण्ड मोशन स्टडी' शीघ्र करवाई जाए. सीएम ने कहा कि मनरेगा के कार्यों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कार्य गुणवत्तापूर्ण हों, समय से पूरा हो जाएं और पूरे हुए कार्य उपयोग में आने लगें. वहीं मनरेगा कार्यों का सही मूल्यांकन भी सुनिश्चित किया जाए.

सीएम ने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत 79 प्रतिशत जॉब कार्डधारी कार्य कर रहे हैं जो कि अच्छा प्रतिशत है. अन्य राज्यों उत्तरप्रदेश में 57 प्रतिशत, पश्चिम बंगला में 72 प्रतिशत, राजस्थान में 73 प्रतिशत तथा बिहार में 36 प्रतिशत सक्रिय जॉब कार्डधारी हैं. प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा के अंतर्गत समय पर मजदूरी भुगतान का प्रतिशत भी गत 5 वर्षों की तुलना में सर्वाधिक रहा है.

साल 2020-21 में यह 93 प्रतिशत रहा जबकि साल 2019-20 में समय पर मजदूरी भुगतान का प्रतिशत 84.19 प्रतिशत मात्र था. मनरेगा के तहत प्रदेश में अब तक 2 लाख 87 हजार कार्य पूर्ण हो चुके हैं, गत वर्ष इस अवधि तक पूर्ण हुए कार्यों की संख्या एक लाख 64 हजार तक ही सीमित रही .पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि मनरेगा से प्रदेश के छोटे-बड़े प्रत्येक गांव में शांतिधाम बनवाए जा रहे हैं.

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