भोपाल। प्रदेश के कोरोना संक्रमित क्षेत्रों में कमी आई है. एक्टिव केस की संख्या में निरंतर कमी आ रही है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा की.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में संक्रमित क्षेत्रों की संख्या में कमी आयी है. पहले प्रदेश में 896 संक्रमित क्षेत्र थे, जो घटकर 613 रह गए हैं. वहीं प्रदेश के बैतूल, श्योपुर, अलीराजपुर जिले भी संक्रमण से मुक्त हो गये हैं.
इन जिलों में पिछले 21 दिनों से कोरोना का कोई भी प्रकरण नहीं पाया गया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे.
बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, एसीएस हैल्थ मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे.
एक्टिव केसेस की संख्या अब 1723
एसीएस हेल्थ मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में अब कोरोना के एक्टिव केसेस की संख्या 1723 रह गयी है, जो कि कुल पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या का 48 प्रतिशत है. 10 मई को प्रदेश में 196 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर घर गए, वहीं 157 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए.
संक्रमित क्षेत्रों का सघन सर्वे करें
सीएम शिवराज ने खंडवा और देवास जिले की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि संक्रमित क्षेत्रों में सघन सर्वे करें. इन क्षेत्रों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो. कहीं भी भीड़ इकट्ठी ना होने दी जाए.
फिजिकल डिस्टेंसिंग आवश्यक
सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग बहुत आवश्यक है. सभी जिलों में इस पर विशेष ध्यान दिया जाए. प्रत्येक जिले में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की नियमित बैठकें हों. जनप्रतिनिधियों और समाज के हर वर्ग का सहयोग लें.
जम्मू से 628 मजदूर आएंगे
अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी ने बताया कि प्रदेश में बाहर से अभी तक 1 लाख 90 हजार श्रमिक आ गए हैं, शेष आ रहे हैं. इनके लिए प्रतिदिन 7 से 10 ट्रेनें प्रदेश आ रही हैं. जम्मू कश्मीर में हमारे 628 मजदूर फंसे हैं, जिन्हें बस के माध्यम से वापस लाया जा रहा है.
अब कॉल सेंटर 250 सीट का
प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि अब आने-जाने की अनुमति के लिये बनाए गए कॉल सेंटर 0755-2411180 को 250 सीट का कर दिया गया है, जिससे यह नंबर आसानी से लग जाएगा. आज 10 हजार 691 पास आने-जाने के लिए जारी किए गए.
बाहर के मजदूरों को भी भिजवाने की व्यवस्था करें
सीएम शिवराज ने निर्देश दिए कि मध्यप्रदेश में फंसे मजदूरों के उनके राज्यों में जाने की व्यवस्था संबंधित राज्य के अधिकारियों से समन्वय कर की जाए. उन्हें कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए.