भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान कल्याण योजना के तहत प्रदेश के 77 लाख किसानों के खातों में 1540 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की. इधर कांग्रेस ने सरकार के राशि ट्रांसफर करने की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए उपचुनाव में इसका फायदा उठाने का आरोप लगाया है. हालांकि बीजेपी का कहना है कि यह एक चलती हुई योजना है, जिसके तहत किसानों को उनके हक की राशि दी गई है.
किसान कल्याण योजना के तहत ट्रांसफर की राशि
जिस किसान कल्याण योजना के तहत किसानों के खातों में राशि ट्रांसफर की गई है, यह वही योजना है जिसके तहत केन्द्र सरकार किसानों को सालाना 6 हजार रुपए की राशि ट्रांसफर करती है, शिवराज सरकार ने इसमें 4 हजार रुपए सालाना जोड़ दिए हैं, इसके तहत प्रदेश के किसानों को राज्य और केन्द्र सरकार की तरफ से सालाना कुल 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं. आज किसानों के खाते में उसी योजना के तहत 2-2 हजार की पहली किस्त डाली गई है.
एमपी में 4 सीटों पर होना है उपचुनाव
मध्य प्रदेश में 30 अक्टूबर को 3 विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है. कहने को 4 सीटों पर उपचुनाव है, लेकिन खंडवा लोकसभा सीट में 8 विधानसभाएं आती है, इस लिहाज से कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी उपचुनाव में सियासी फायदा लेने के लिए इस समय किसानों के खातों में राशि ट्रांसफर कर रही है. हालांकि अपनी सभा में शिवराज ने कांग्रेस पर निशाना भी साधा. शिवराज ने कहा कि 'मैंने पहले से चली आ रही योजना के तहत किसानों के खातों में राशि डाली लेकिन कांग्रेस इसकी भी बुराई कर रही है और शिकायत करने चुनाव आयोग पहुंची है.'
कमलनाथ ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
इसे लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कई ट्वीट किए हैं. कमलनाथ ने अपने ट्वीट में लिखा कि "महंगाई की मार के कारण लोग वापस चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर है. बढ़ती महंगाई के इस संकट काल में किसानों के खाते में मात्र दो हजार रुपये की राशि डाल कर यह इसे किसानों का सम्मान और किसानों का कल्याण बता रहे हैं ? वास्तव में किसानों का कल्याण व सम्मान करना हो तो हमारी सरकार की तरह उनके कर्ज माफ करो ,उन्हें कर्ज के दलदल से निकालों, खेती को लाभ का धंधा बनाओ."
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वास्तव में किसानों का कल्याण व सम्मान करना हो तो हमारी सरकार की तरह उनके कर्ज माफ करो ,उन्हें कर्ज के दलदल से निकालो , खेती को लाभ का धंधा बनाओ।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
प्रदेश में पिछले 28 उपचुनावो के समय भी इसी तरह किसानों के खाते में सम्मान निधि की किश्त डाली थी और चुनाव समाप्त होते ही प्रदेश के
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 23, 2021
प्रदेश में पिछले 28 उपचुनावो के समय भी इसी तरह किसानों के खाते में सम्मान निधि की किश्त डाली थी और चुनाव समाप्त होते ही प्रदेश केवास्तव में किसानों का कल्याण व सम्मान करना हो तो हमारी सरकार की तरह उनके कर्ज माफ करो ,उन्हें कर्ज के दलदल से निकालो , खेती को लाभ का धंधा बनाओ।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 23, 2021
प्रदेश में पिछले 28 उपचुनावो के समय भी इसी तरह किसानों के खाते में सम्मान निधि की किश्त डाली थी और चुनाव समाप्त होते ही प्रदेश के
'चुनावों के बाद किसानों को अपात्र बताकर वापस ले लेंगे राशि'
आगे के ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा है कि "प्रदेश में पिछले 28 उपचुनावों के समय भी इसी तरह किसानों के खाते में सम्मान निधि की किश्त डाली थी और चुनाव समाप्त होते ही प्रदेश के लाखों किसानों को अपात्र बताकर उन्हें वसूली के नोटिस थमा दिए. अधिकारी उन किसानों को वसूली के लिये रोज धमका रहे है, बेचारे किसान कर्ज लेकर ,जेवर गिरवी रख , यह राशि वापस लौटा रहे है. अब प्रदेश में उपचुनावों को देखते हुए शिवराज सरकार फिर राशि डाल रही है, चुनाव समाप्त होते ही पता नहीं कितने किसानों को अपात्र बता कर उन्हें भी वसूली के नोटिस भेज दिए जाएंगे ? वास्तव में प्रदेश में यह किसान सम्मान निधि ,किसान अपमान निधि बन चुकी है."
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अब प्रदेश में उपचुनावो को देखते हुए शिवराज सरकार फिर राशि डाल रही है ,चुनाव समाप्त होते ही पता नहीं कितने किसानों को अपात्र बता कर उन्हें भी वसूली के नोटिस भेज दिए जाएंगे ?
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वास्तव में प्रदेश में यह किसान सम्मान निधि ,किसान अपमान निधि बन चुकी है।
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वास्तव में प्रदेश में यह किसान सम्मान निधि ,किसान अपमान निधि बन चुकी है।अब प्रदेश में उपचुनावो को देखते हुए शिवराज सरकार फिर राशि डाल रही है ,चुनाव समाप्त होते ही पता नहीं कितने किसानों को अपात्र बता कर उन्हें भी वसूली के नोटिस भेज दिए जाएंगे ?
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वास्तव में प्रदेश में यह किसान सम्मान निधि ,किसान अपमान निधि बन चुकी है।
कितना कारगर डेढ़ हजार करोड़ का मरहम
बीजेपी-कांग्रेस की सियासत के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि पहले बाढ़, फिर सूखा और फिर बेमौसम बारिश से किसानों की जो फसलें बर्बाद हुई उसपर यह डेढ़ हजार करोड़ का मरहम किसानों के लिए कितना फायदेमंद है. एक तरफ किसान खाद के संकट से जूझ रहा है, तो दूसरी तरफ बेमौसम बारिश उनपर दोहरी चोट कर रही है. कई किसानों की खेत में खड़ी फसलें खाद के अभाव में और भारी बारिश की वजह से बर्बाद हो गई है.
बाढ़ से बेघर हुए लोगों को मुआवजे में देरी!
ग्वालियर-चंबल अंचल में आई बाढ़ के दौरान सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे, इसमें से कई लोगों का आरोप है कि उन्हें आज तक या तो मुआवजा ही नहीं मिला, या मुआवजा मिला भी तो नाम मात्र का मिला. इधर बाढ़ के बाद राज्य सरकार की तरफ से एक विस्तृत रिपोर्ट केन्द्र को भेजी गई थी, जिसमें बाढ़ से प्रदेश में 2 हजार करोड़ के नुकसान की बात कही गई थी.
किसानों को हुआ था 577 करोड़ का नुकसान
बाढ़ से ग्वालियर-चंबल संभाग (Flood in Gwalior-Chambal Region) के श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर के अलावा विदिशा में भारी नुकसान हुआ था. बाढ़ से 1.14 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की फसल चौपट हो गई थी. इन फसलों में सोयाबीन, मक्का, मूंग, धान, बाजरा और मूंगफली शामिल है, जिसमें किसानों का 577 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
बाढ़ के बाद खाद की किल्लत ने तोड़ी कमर
बाढ़ के बाद मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में खाद की किल्लत भी देखने को मिली. यूरिया और डीएपी के लिए किसान दर-दर भटकते नजर आए. मुरैना, भिंड में कई स्थानों पर खाद के ट्रकों को लूटने तक की कोशिश की गई. हालांकि सरकार अभी भी मानने को तैयार नहीं है कि प्रदेश में खाद का संकट है. कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज यह भी कहते नजर आए कि प्रदेश में खाद का संकट नहीं है.
बेमौसम बारिश ने किसानों को किया बर्बाद
बमुश्किल खाद जुटा पाए किसानों पर आखिरी वार बेमौसम बारिश ने किया है. प्रदेश के कई इलाकों में पिछले हफ्ते हुई बेमौसम बारिश ने खेतों में पड़ी किसानों की फसलों को खराब कर दिया. हालांकि मंच पर शिवराज सिंह चौहान यह भी बोलते हुए नजर आए वो बारिश से खराब हुई फसलों का मुआवजा भी किसानों को देंगे, लेकिन अभी तक इन फसलों का सर्वे कार्य भी ठीक ढंग से शुरू नहीं हो पाया है.