भोपाल। प्रदेश में हो रही भारी बारिश के बाद बाढ़ से प्रभावति क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर लौटे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिनों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हो रही अनवरत वर्षा के कारण प्रदेश के बड़े हिस्से में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अभी बारिश की तीव्रता कम होने से बारिश का पानी उतर तो रहा है, लेकिन ऐसे में मौसमी बीमारियों के बढ़ने का खतरा रहता है. इसलिए सभी संबंधित विभाग पूरी मुस्तैदी एवं कर्मठता के साथ निरंतर प्रभावित व्यक्तियों को हर आवश्यक सहायता पहुंचाने का काम करें. साथ ही सीएम ने कहा है कि काम में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बाढ़ राहत के लिए सभी जिलों में बनाए गए नियंत्रण कक्षों के साथ ही राज्य स्तरीय कॉल सेंटर 1079 और डायल-100 चौबीस घंटे चालू रहेंगे, और राजधानी भोपाल से जो भी मदद चाहिए उसे तुरंत देने के निर्देश दिए हैं.
देवास, हरदा, सीहोर, होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, खंडवा आदि जिलों में बाढ़ का अधिक असर हुआ है. कई गांव चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. वहीं मकानों की पहली मंजिल तक पानी भर गया है. लोगों के खेत पूरी तरह डूब गए हैं. पेड़ों के ऊपरी हिस्से ही दिखाई दे रहे हैं. नर्मदा नदी के 10 किलोमीटर तक दोनों ओर के क्षेत्रों में बाढ़ का असर हैं.
भारी बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और इसको लेकर सरकार ने सेना की मदद लेते हुए हेलीकॉप्टर से कई लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. इसके साथ ही हजारों लोगों को शिविर लगाकर सुरक्षित बाहर पहुंचाया गया है.
- 454 गांवों से 11 हजार लोग सुरक्षित निकाले गए, 170 राहत शिविर संचालित
- देवास, हरदा, सीहोर, होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, खंडवा सबसे ज्यादा प्रभावित
- राहत शिविरों में भोजन, स्वच्छ पेयजल, दवाईयां उपलब्ध कराई गईं
- मौसमी बीमारियों से बचाव व उपचार के सभी इंतजाम
- नालों, सड़कों की निरंतर साफ-सफाई व आवश्यक मरम्मत
- कॉल सेंटर 1079 एवं डायल-100 चौबीस घंटे अलर्ट रहेंगे