भोपाल। नई शिक्षा नीति को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया है, छठवीं कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा दिए जाने का प्रावधान जल्द से जल्द लागू किया जाएगा. साथ ही स्कूली पाठ्यक्रम में संगीत, दर्शन, कला, नृत्य का भी समावेश किया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि, प्रदेश में नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को तत्परता के साथ लागू करने के लिए शिक्षा मंत्री एक टीम गठित करें, जो इस संबंध में कार्रवाई के लिए रूपरेखा बनाएं. प्रदेश में विदेश रूप से व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाना है. प्रदेश में विशेष रुप से व्यवसायिक शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाना है, जिससे बच्चे शुरू से ही अपने क्षेत्र में दक्षता हासिल करें और उन्हें भावी जीवन में एक अच्छी आजीविका प्राप्त हो सके. शिवराज सिंह ने कहा कि, नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूली पाठ्यक्रम में योग एवं नैतिक शिक्षा को विशेष महत्व दिया जाए.
ट्यूशन फीस के अलावा नहीं वसूल सकेंगे अन्य शुल्क
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि, कोरोना संकट के चलते निजी विद्यालय स्टूडेंट से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क नहीं वसूल पाएंगे. उन्होंने निर्देश दिए है कि, शिक्षा विभाग ये सुनिश्चित करें कि, यदि कोई अभिभावक बच्चे की फीस नहीं चुका पा रहा है, तो भी उनका नाम स्कूल से किसी भी हालत में नहीं कटना चाहिए. कोरोना संक्रमण में निजी स्कूलों की समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा मंत्री से कहा कि, वे प्रदेश के स्कूल संचालकों और अभिभावकों से बातचीत कर हल निकालें.
प्री प्राइमरी के बच्चों के लिए डिजिटल एजुकेशन शुरू होगी
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए डिजिटल शिक्षा की व्यवस्था के संबंध में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि, प्रदेश में प्री प्राइमरी के स्टूडेंट्स के लिए भी डिजिटल शिक्षा शुरू की जाएगी, जो उन्हें प्रत्येक सप्ताह 3 दिन दी जाएगी और प्रतिदिन 30 मिनट का समय निर्धारित होगा. इसके अलावा पहली से आठवीं तक की क्लास में सप्ताह में 5 दिन और हाई स्कूल हाई सेकेंडरी स्कूल में सप्ताह में 6 दिन डिजिटल शिक्षा दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है कि, कोरोना संकटकाल में गांव में टीवी के माध्यम से शैक्षणिक सामग्री पहुंचाने और शिक्षा देने की व्यवस्था की जाए. इसके लिए रिलायंस कंपनी द्वारा उनका जिओ टीवी एप की सेवा प्रदेश में निःशुल्क दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया कि, इस कार्य को अभियान के रूप में किया जाए.