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CM शिवराज का बड़ा ऐलान, नगर सरकार के प्रतिनिधियों का मानदेय और भत्ता दोगुना किया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj big announcement) ने नगर सरकार में चुने हुए प्रतिनिधियों का मानदेय और भत्ता दोगुना (Doubled Maandey and allowance) कर दिया है. दस रुपये में भोजन के लिए हर निकाय में रसोई खोलेंगे. सीएम शिवराज ने कहा कि अब नई कोई अवैध कॉलोनी नहीं बनेगी.सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश में सड़कें खराब हो रही हैं, पैसे की कमी है. लेकिन उसके बाद भी हम सड़के बना रहे हैं. भोपाल में नगरीय निकाय के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएम ने नैतिकता का पाठ पढ़ाया.

CM Shivraj big announcement doubled Maandey and allowance
नगर सरकार के प्रतिनिधियों का मानदेय और भत्ता दोगुना किया
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Published : Dec 19, 2022, 3:19 PM IST

Updated : Dec 19, 2022, 3:33 PM IST

  • हम सदैव विनम्र बने रहें। मुख्यमंत्री हो, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष या पार्षद सभी जनता के सेवक हैं।

    भोपाल में नगरीय निकायों के नव-निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की कार्यशाला-सह-सम्मेलन में सहभागिता की। https://t.co/QWPWkubHUs https://t.co/x8ZcFrflWW pic.twitter.com/cxJ51684kq

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भोपाल। मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले नगरीय निकायों में महापौर का मानदेय 20 हजार रुपये प्रतिमाह और पांच हजार रुपये भत्ता, अध्यक्ष का मानदेय 15 हजार रुपये प्रतिमाह और चार हजार रुपये भत्ता, पार्षद का मानदेय 10 हजार रुपये किए जाने का प्रस्ताव रखा था. अब उपाध्यक्ष को दो हजार रुपये की जगह चार हजार रुपये मानदेय और सत्कार भत्ता आठ सौ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा. पार्षद को एक हजार 800 रुपये के स्थान पर तीन हजार रुपये दिए जाएंगे. प्रति बैठक भत्ता 195 रुपये के स्थान पर तीन सौ रुपये होगा, जो प्रतिमाह 900 रुपये से अधिक नहीं होगा. इसी तरह नगर परिषद के अध्यक्ष का मानदेय दो हजार 400 रुपये से बढ़ाकर साढ़े तीन किया जाएगा. इन्हें सत्कार भत्ता प्रतिमाह साढ़े चार हजार रुपये देने का प्रस्ताव है. उपाध्यक्ष का वेतन तीन हजार रुपये मानदेय और सत्कार भत्ता एक हजार 200 रुपये दिया जाएगा. पार्षदों को दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय बढ़ाकर चार हजार मिलेगा.

1760 करोड़ खर्च होंगे सड़कों पर : निकायों की सड़कों के लिए 1 हजार 760 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर रहे हैं. निकायों के सीएमओ के पद रिक्त हैं, उन्हें भरने के लिए कैडर बनाएंगे. कोई वार्ड का मुख्यमंत्री है, कोई प्रदेश का मुख्यमंत्री है. अफसरों को सख्त निर्देश दे रहे हैं कि मिलकर काम करें. सीएम ने भ्रष्ट अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि भेंट पूजा वालों को किसी कीमत पर नहीं छोडूंगा. सब एक जैसे नहीं होते. बहुत से अच्छे भी होते हैं. शिवराज ने कहा कि बिना पढ़े लिखे कोई कागज पर दस्तखत मत करना, वरना आप ही फंसोगे. मुख्यमंत्री शिवराज ने नवनिर्वाचित पार्षदों को टिप्स भी दी.

जनप्रतिनिधियों से कहा- अहंकार नहीं पालना : उन्होंने कहा कि मेरा अनुभव बहुत बड़ा हो गया है. 35 साल से विधायक हूं. ऐसा न सोचें. हमेशा विनम्र बने रहना. यदि हमें अहंकार आ गया, तो समझो जनता के मन से उतर जाओगे. इसके बाद निर्णयक समय में वह आपका साथ नहीं देगी. उन्होंने कहा कि बिना पढ़े-लिखे किसी कागज पर साइन मत करना. नियम प्रक्रिया जानने के बाद भी साइन करना. ऐसा करने से हम नहीं फंसेंगे, गलती से साइन कर दिया तो हम ही फंसेंगे. हम कुछ भी बन जाएं पार्षद, महापौर, विधायक या सांसद बन जाओ, लेकिन असल में हम जनता के सेवक हैं.

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जनप्रतिनिधि को धैर्यवान होना चाहिए : सीएम ने कहा कि आप जनप्रतिनिधि पूरी जनता के हैं. भले ही किसी ने आपको वोट नहीं दिया हो. उसका भी काम करना है. भोपाल में नगरीय निकाय के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया था, जिसमे सीएम ने उन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ाया. खास बात ये रही कि इस सम्मेलन में कांग्रेस से चुने हुए प्रतिनिधि भी शामिल हुए. सीएम ने कहा कि ऐसा काम हमने खुद चुना है. ऐसे में जनता आपके पास किसी भी वक्त आएगी. आपको नाराज नहीं करना. क्योंकि आप उनके पास गए थे. वोट मांगने जनता नहीं आई थी हमसे कहने कि आप चुनाव लड़ लो. कई बार फंड नहीं होता है, लेकिन जनता काम का दबाव बनाती है. ऐसी स्थिति में आपको धैर्य बनाये रखना.

  • हम सदैव विनम्र बने रहें। मुख्यमंत्री हो, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष या पार्षद सभी जनता के सेवक हैं।

    भोपाल में नगरीय निकायों के नव-निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की कार्यशाला-सह-सम्मेलन में सहभागिता की। https://t.co/QWPWkubHUs https://t.co/x8ZcFrflWW pic.twitter.com/cxJ51684kq

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भोपाल। मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले नगरीय निकायों में महापौर का मानदेय 20 हजार रुपये प्रतिमाह और पांच हजार रुपये भत्ता, अध्यक्ष का मानदेय 15 हजार रुपये प्रतिमाह और चार हजार रुपये भत्ता, पार्षद का मानदेय 10 हजार रुपये किए जाने का प्रस्ताव रखा था. अब उपाध्यक्ष को दो हजार रुपये की जगह चार हजार रुपये मानदेय और सत्कार भत्ता आठ सौ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा. पार्षद को एक हजार 800 रुपये के स्थान पर तीन हजार रुपये दिए जाएंगे. प्रति बैठक भत्ता 195 रुपये के स्थान पर तीन सौ रुपये होगा, जो प्रतिमाह 900 रुपये से अधिक नहीं होगा. इसी तरह नगर परिषद के अध्यक्ष का मानदेय दो हजार 400 रुपये से बढ़ाकर साढ़े तीन किया जाएगा. इन्हें सत्कार भत्ता प्रतिमाह साढ़े चार हजार रुपये देने का प्रस्ताव है. उपाध्यक्ष का वेतन तीन हजार रुपये मानदेय और सत्कार भत्ता एक हजार 200 रुपये दिया जाएगा. पार्षदों को दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय बढ़ाकर चार हजार मिलेगा.

1760 करोड़ खर्च होंगे सड़कों पर : निकायों की सड़कों के लिए 1 हजार 760 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर रहे हैं. निकायों के सीएमओ के पद रिक्त हैं, उन्हें भरने के लिए कैडर बनाएंगे. कोई वार्ड का मुख्यमंत्री है, कोई प्रदेश का मुख्यमंत्री है. अफसरों को सख्त निर्देश दे रहे हैं कि मिलकर काम करें. सीएम ने भ्रष्ट अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि भेंट पूजा वालों को किसी कीमत पर नहीं छोडूंगा. सब एक जैसे नहीं होते. बहुत से अच्छे भी होते हैं. शिवराज ने कहा कि बिना पढ़े लिखे कोई कागज पर दस्तखत मत करना, वरना आप ही फंसोगे. मुख्यमंत्री शिवराज ने नवनिर्वाचित पार्षदों को टिप्स भी दी.

जनप्रतिनिधियों से कहा- अहंकार नहीं पालना : उन्होंने कहा कि मेरा अनुभव बहुत बड़ा हो गया है. 35 साल से विधायक हूं. ऐसा न सोचें. हमेशा विनम्र बने रहना. यदि हमें अहंकार आ गया, तो समझो जनता के मन से उतर जाओगे. इसके बाद निर्णयक समय में वह आपका साथ नहीं देगी. उन्होंने कहा कि बिना पढ़े-लिखे किसी कागज पर साइन मत करना. नियम प्रक्रिया जानने के बाद भी साइन करना. ऐसा करने से हम नहीं फंसेंगे, गलती से साइन कर दिया तो हम ही फंसेंगे. हम कुछ भी बन जाएं पार्षद, महापौर, विधायक या सांसद बन जाओ, लेकिन असल में हम जनता के सेवक हैं.

Shivpuri Janseva Abhiyan जनसेवा अभियान में शामिल हुए शिवराज-सिंधिया, CM ने मंच से CMO और फूड इंस्पेक्टर को किया सस्पेंड

जनप्रतिनिधि को धैर्यवान होना चाहिए : सीएम ने कहा कि आप जनप्रतिनिधि पूरी जनता के हैं. भले ही किसी ने आपको वोट नहीं दिया हो. उसका भी काम करना है. भोपाल में नगरीय निकाय के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया था, जिसमे सीएम ने उन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ाया. खास बात ये रही कि इस सम्मेलन में कांग्रेस से चुने हुए प्रतिनिधि भी शामिल हुए. सीएम ने कहा कि ऐसा काम हमने खुद चुना है. ऐसे में जनता आपके पास किसी भी वक्त आएगी. आपको नाराज नहीं करना. क्योंकि आप उनके पास गए थे. वोट मांगने जनता नहीं आई थी हमसे कहने कि आप चुनाव लड़ लो. कई बार फंड नहीं होता है, लेकिन जनता काम का दबाव बनाती है. ऐसी स्थिति में आपको धैर्य बनाये रखना.

Last Updated : Dec 19, 2022, 3:33 PM IST
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