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9 साल बाद हिंदी विश्वविद्यालय को मिला भवन, राज्यपाल-सीएम ने किया ऑनलाइन लोकार्पण

करीब नौ साल बाद आखिरकार हिंदी विश्वविद्यालय को अपना भवन मिल ही गया. हिंदी दिवस के मौके पर भोपाल के मुगालिया कोर्ट में बनाए गए हिंदी विश्वविद्यालय भवन का राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऑनलाइन लोकार्पण किया.

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Published : Sep 14, 2020, 5:04 PM IST

CM Shivraj Singh Chauhan
सीएम शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए स्थापित अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय को 9 साल बाद अपना भवन मिल गया है. भोपाल के मुगालिया कोर्ट में बनाए गए हिंदी विश्वविद्यालय का राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऑनलाइन लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई बिल्डिंग मिलने के बाद अब एक बार फिर चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई हिंदी में कराए जाने की अनुमति मांगी जाएगी.

सीएम ने कहा कि हिंदी विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग को लेकर कई किताबें हिंदी में प्रकाशित की हैं. अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में कराए जाने को लेकर भी औपचारिक अनुमति लेने के प्रयास शुरू किए जाएंगे. हिंदी का स्वरूप भी विस्तृत हो रहा है. ये दायित्व भी हिंदी विश्वविद्यालय का है कि वो इस संबंध में शोध करे कि कैसे हिंदी को बढ़ावा दिया जा सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी की स्वीकार्यता को बढ़ाने की कोशिश भी की जानी चाहिए. हिंदी विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली दूसरी भाषा है. हिंदी भाषा का दायरा लगातार बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिंदी सामग्री की खपत 94 फीसदी तक बढ़ गई है. विदेशों में भी हिंदी सीखा जा रहा है. यदि मातृ भाषा में किसी विषय की पढ़ाई की जाए तो वो जल्द आत्मसात होती है. जब चीन और जापान जैसे देश में उनकी भाषा में पढ़ाई हो सकती है तो फिर हिंदी में पढ़ाई क्यों नहीं की जा सकती.

विदिशा रोड के पास बनाए गए नए भवन के पहले हिंदी विश्वविद्यालय को पुरानी विधानसभा और फिर भोज विश्वविद्यालय परिसर में जगह दी गई थी. करीब 9 साल बाद अब मुगालिया कोर्ट के पास नया भवन बनकर तैयार हुआ है.

भोपाल। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए स्थापित अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय को 9 साल बाद अपना भवन मिल गया है. भोपाल के मुगालिया कोर्ट में बनाए गए हिंदी विश्वविद्यालय का राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऑनलाइन लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई बिल्डिंग मिलने के बाद अब एक बार फिर चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई हिंदी में कराए जाने की अनुमति मांगी जाएगी.

सीएम ने कहा कि हिंदी विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग को लेकर कई किताबें हिंदी में प्रकाशित की हैं. अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में कराए जाने को लेकर भी औपचारिक अनुमति लेने के प्रयास शुरू किए जाएंगे. हिंदी का स्वरूप भी विस्तृत हो रहा है. ये दायित्व भी हिंदी विश्वविद्यालय का है कि वो इस संबंध में शोध करे कि कैसे हिंदी को बढ़ावा दिया जा सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी की स्वीकार्यता को बढ़ाने की कोशिश भी की जानी चाहिए. हिंदी विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली दूसरी भाषा है. हिंदी भाषा का दायरा लगातार बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिंदी सामग्री की खपत 94 फीसदी तक बढ़ गई है. विदेशों में भी हिंदी सीखा जा रहा है. यदि मातृ भाषा में किसी विषय की पढ़ाई की जाए तो वो जल्द आत्मसात होती है. जब चीन और जापान जैसे देश में उनकी भाषा में पढ़ाई हो सकती है तो फिर हिंदी में पढ़ाई क्यों नहीं की जा सकती.

विदिशा रोड के पास बनाए गए नए भवन के पहले हिंदी विश्वविद्यालय को पुरानी विधानसभा और फिर भोज विश्वविद्यालय परिसर में जगह दी गई थी. करीब 9 साल बाद अब मुगालिया कोर्ट के पास नया भवन बनकर तैयार हुआ है.

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