भोपाल। केंद्र सरकार कृषि सुधार विधेयक पर विपक्ष विरोध जता रहा है. वहीं इस विधेयक के विरोध में कई राज्यों में किसानों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बिल को किसानों के लिए आर्थिक समृद्धि का आधार बताया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में किसानों को अधिक से अधिक राहत की आवश्यकता है. कोरोना की स्थिति में किसान अपनी फसल के दाम खुद तय कर एक राष्ट्र, एक बाजार के अनुरूप अधिक लाभ हासिल कर सकते हैं. इसके लिए केंद्र सरकार के कृषि सुधार के लिए लाए गए दो विधेयक क्रांतिकारी सिद्ध होंगे.
सीएम ने लोकसभा से पारित कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य ( संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर कारगर विधेयक 2020 का स्वागत किया है. सीएम ने प्रधानमंत्री के देश के किसानों के कल्याण के लिए उठाए गए कदम को बहुत कारगर और प्रासंगिक बताया. उन्होंने कहा है कि आज देश का किसान आत्मनिर्भर बनने का इच्छुक है, वहीं केंद्र सरकार भी इस मंत्र को साकार करना चाहती है. देश का किसान नियंत्रण से मुक्त होना चाहता है. कृषि सुधार विधेयक का असली मतलब भी यही है कि किसान अपनी फसल का दाम खुद तय कर सके और राज्यों की सीमाओं से हटकर उपज की बिक्री खरीद करने के लिए स्वतंत्र हो. ताकि किसान को पूरा फायदा मिल सके.
कृषि क्षेत्र में होगा सकारात्मक परिवर्तन
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी )को यथावत रखते हुए राज्यों के अधिनियम के अंतर्गत संचालित मंडियां भी काम करेंगी. वहीं कृषि क्षेत्र में निवेश वृद्धि से सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा, इन विधेयकों के फलस्वरुप ना सिर्फ कृषि क्षेत्र बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत हो जाएगी. सीएम शिवराज ने कहा कि किसानों को रिटर्न के विकल्प मिल रहे हैं, साथ ही किसानों को आए समर्थन के लिए ही पीएम किसान स्कीम भी लागू की गई है. केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में बजट में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, साल 2020- 21 में 1,34, 399.77 करोड़ का आवंटन किया गया जो पूरे साल 1,30, 485.21 करोड़ से अधिक है वहीं इसके पहले साल भी आवंटन बढ़ाया गया था.
केंद्रीय बजट 2018- 19 में उत्पादन लागत का न्यूनतम डेढ़ गुना समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया था. अधिकांश फसलों की बुवाई में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, रबी सीजन 2020 में गत माह तक देश में 3.9 करोड़ मीट्रिक टन की खरीदी की गई है. किसानों को समर्थन मूल्य पर 75 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. इसी तरह से 01.32 करोड मेट्रिक टन धान की खरीदी कर किसानों को 24 हजार करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया है. सीएम ने कहा कि कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए देश में उठाए गए कदम आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को जमीन पर उतारने वाला कदम है .