भोपाल। प्रदेश में मानसून की शुरूआत के साथ ही बिजली गुल होने की समस्याएं तेजी से सामने आने लगी हैं. थोड़ी देर की बारिश में ही कई शहरों में बिजली गुल होने जैसी समस्या लगातार बन रही है, जिसे देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में बिजली विभाग के कार्यों की समीक्षा की है. समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव संजय दुबे उपस्थित रहे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली गुल की समस्या किसी भी हाल में नहीं होनी चाहिए, क्योंकि प्रदेश के पास मात्रा से अधिक बिजली उपलब्ध है. इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में हर हाल में बिजली चोरी रोकने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने बिजली विभाग की व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.
बिजली विभाग के अधिकारियों से बातचीत करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई के लिए किसानों को 10 घंटे बिजली और घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की सुविधा सुनिश्चित की जाए. प्रदेश में जरूरत से अधिक बिजली उपलब्ध है, इसलिए बिजली आपूर्ति में कमी नहीं आनी चाहिए. इसके लिए बिजली विभाग सिस्टम को ठीक करें, व्यवस्थाएं सुधारे, जिससे मेटेनेंस कार्य निरंतर जारी रहे.
सीएम शिवराज ने कहा कि कृषि पंपों के लिए दिए जाने वाली बिजली संबंधी सहायता की राशि सीधे किसानों के खातों में डाली जाएगी. यह सुनिश्चित किया जाए कि लाभ लेने वाला हर किसान बिजली का बिल भरे, जिससे बिजली की चोरी सख्ती से रोकी जाए.
सीएम ने कहा कि प्रदेश में आवश्यकता से अधिक बिजली उपलब्ध है. हमारी क्षमता 21 हजार मेगावॉट की है, जबकि गत वर्ष एक दिन में अधिकतम बिजली 14 हजार 555 मेगावॉट खर्च हुई. इस साल अधिकतम संभावित आवश्यकता 16 हजार मेगावॉट होगी. अतिरिक्त बिजली को अन्य राज्यों को देने के निर्देश दिए है. मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने निर्देश दिए है कि मध्य क्षेत्र में ट्रिपिंग बढ़ी है. वहां की स्थिति सुधारी जाए, क्योंकि सर्वाधिक शिकायतें मध्य क्षेत्र से आ रही हैं.
प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि लॉकडाउन के चलते बिजली की खपत में 10 से 15 प्रतिशत की कमी आई है. अच्छी बारिश की वजह से भी बिजली की मांग में कमी आई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में बिजली की शिकायतों के त्वरित निवारण की व्यवस्था की गई है. बिजली संबंधी शिकायतों का निराकरण एक घंटे में कर दिया जाता है. साथ ही खराब ट्रांसफार्मर एक से 3 दिन में बदल दिए जाते हैं.