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आपकी सरकार-आपके द्वार की राज्य स्तर पर होगी निगरानी, सीएम ने आधा दर्जन को किया निलंबित - CM kamalnath

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'जन अधिकार कार्यक्रम' में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि 'आपकी सरकार आपके द्वारा' की राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके साथ ही प्रकरणों की समीक्षा में गड़बड़ी मिलने पर आधा दर्जन पर गाज गिरी है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम ने दिए निर्देश
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Published : Oct 10, 2019, 11:53 PM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम 'आपकी सरकार आपके द्वारा' की राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'जन अधिकार कार्यक्रम' की वीडियो कांफ्रेंस में इसके निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कार्यक्रम में समाधान होने वाले प्रकरणों की समीक्षा भी की जाए. जिससे यह पता चल सके कि जनता को इसका लाभ मिल रहा है या नहीं. साथ ही मामले में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि वे पटवारियों के साथ बैठक कर उन्हें जन हितैषी विशेषकर नामांतरण अन्य प्रकरणों में संवेदनशीलता के साथ काम करें और गांव में जाकर पटवारियों के कामों की समीक्षा करें.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए कि अतिवृष्टि से प्रभावित जिलों में सभी बाढ़ प्रभावितों को राहत और मुआवजा 15 अक्टूबर तक मिल जाए. कलेक्टर वन अधिकार प्रकरणों में विशेष सतर्कता बरतें. कोई भी प्रकरण कागजी कार्रवाई के निरस्त नहीं होना चाहिए. निरस्त हुए प्रकरणों की जांच की जाएगी और इसमें लापरवाही पाई गई तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

मुख्यमंत्री ने आगामी रबी फसल के लिए खाद एवं बीज का आकलन अभी से करके पूरी तैयारी करने के निर्देश भी कलेक्टरों को दिए. उन्होंने कहा कि बोनी के दौरान किसानों की कोई भी शिकायत खाद और बीज को लेकर नहीं मिलना चाहिए. मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी संभाग के आयुक्त खुद इन मामलों की समीक्षा करें.

उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों की जिम्मेदारी आयुक्तों की होगी. मुख्यमंत्री ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी कलेक्टर अपने जिलों में इस बात की जांच करें. जिन किसानों के ऋण माफ हो गए है उन्हें बैंकों से नोड्यूज प्रमाण-पत्र मिल जाएं. इस कार्य में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए.

प्रकरणों की समीक्षा में गड़बड़ी मिलने पर आधा दर्जन पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'जन-अधिकार कार्यक्रम' वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा करते हुए ग्वालियर में प्रदीप कुमार को समय पर छात्रवृत्ति स्वीकृत न करने पर सहायक आयुक्त आदिवासी को निलंबित करने के निर्देश दिए. साथ ही सीहोर में कृषक बलवान दांगी को भावांतर योजना में भुगतान न होने पर मण्डी सचिव और वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए. इसी तरह गुना जिले में वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत न करने के मामले में ग्राम रोजगार सहायक को दोषी पाए जाने पर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई.

नरसिंहपुर के कृषक हेमराज सेन को ढेड़ साल से भावांतर राशि न मिलने पर और किसानों के भुगतान की राशि गबन करने पर समिति के प्रशासक और पदाधिकारी पर एफआईआर कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने भी इस मामले में अदालत से स्टे लिया है उसे तत्काल वेकेट किया जाए.

भोपाल। कमलनाथ सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम 'आपकी सरकार आपके द्वारा' की राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'जन अधिकार कार्यक्रम' की वीडियो कांफ्रेंस में इसके निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कार्यक्रम में समाधान होने वाले प्रकरणों की समीक्षा भी की जाए. जिससे यह पता चल सके कि जनता को इसका लाभ मिल रहा है या नहीं. साथ ही मामले में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि वे पटवारियों के साथ बैठक कर उन्हें जन हितैषी विशेषकर नामांतरण अन्य प्रकरणों में संवेदनशीलता के साथ काम करें और गांव में जाकर पटवारियों के कामों की समीक्षा करें.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए कि अतिवृष्टि से प्रभावित जिलों में सभी बाढ़ प्रभावितों को राहत और मुआवजा 15 अक्टूबर तक मिल जाए. कलेक्टर वन अधिकार प्रकरणों में विशेष सतर्कता बरतें. कोई भी प्रकरण कागजी कार्रवाई के निरस्त नहीं होना चाहिए. निरस्त हुए प्रकरणों की जांच की जाएगी और इसमें लापरवाही पाई गई तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

मुख्यमंत्री ने आगामी रबी फसल के लिए खाद एवं बीज का आकलन अभी से करके पूरी तैयारी करने के निर्देश भी कलेक्टरों को दिए. उन्होंने कहा कि बोनी के दौरान किसानों की कोई भी शिकायत खाद और बीज को लेकर नहीं मिलना चाहिए. मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी संभाग के आयुक्त खुद इन मामलों की समीक्षा करें.

उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों की जिम्मेदारी आयुक्तों की होगी. मुख्यमंत्री ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी कलेक्टर अपने जिलों में इस बात की जांच करें. जिन किसानों के ऋण माफ हो गए है उन्हें बैंकों से नोड्यूज प्रमाण-पत्र मिल जाएं. इस कार्य में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए.

प्रकरणों की समीक्षा में गड़बड़ी मिलने पर आधा दर्जन पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'जन-अधिकार कार्यक्रम' वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा करते हुए ग्वालियर में प्रदीप कुमार को समय पर छात्रवृत्ति स्वीकृत न करने पर सहायक आयुक्त आदिवासी को निलंबित करने के निर्देश दिए. साथ ही सीहोर में कृषक बलवान दांगी को भावांतर योजना में भुगतान न होने पर मण्डी सचिव और वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए. इसी तरह गुना जिले में वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत न करने के मामले में ग्राम रोजगार सहायक को दोषी पाए जाने पर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई.

नरसिंहपुर के कृषक हेमराज सेन को ढेड़ साल से भावांतर राशि न मिलने पर और किसानों के भुगतान की राशि गबन करने पर समिति के प्रशासक और पदाधिकारी पर एफआईआर कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने भी इस मामले में अदालत से स्टे लिया है उसे तत्काल वेकेट किया जाए.

Intro:भोपाल । कमलनाथ सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम आपकी सरकार आपके द्वारा की राज्य स्तर पर माॅनीटरिंग की जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जन अध्किार कार्यक्रम की वीडियो कांफ्रेंस में इसके निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कार्यक्रम में समाधान होने वाले प्रकरणों की समीक्षा भी की जाए जिससे यह पता चल सके कि जनता को इसका लाभ मिल रहा है या नहीं। मामले में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि वे पटवारियों के साथ बैठक कर उन्हें जन हितैषी विशेषकर नामांतरण आदि प्रकरणों में संवेदनशीलता के साथ काम करने को कहें और वे गाँव में जाकर पटवारियों के कामों की समीक्षा करें।
         Body:मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने निर्देश दिए कि अतिवृष्टि से प्रभावित जिलों में सभी बाढ़ प्रभावितों को राहत और मुआवजा 15 अक्टूबर तक मिल जाए। कलेक्टर वन अधिकार प्रकरणों में विशेष सतर्कता बरतें। कोई भी प्रकरण कागजी कार्रवाही के निरस्त नहीं होना चाहिए। निरस्त हुए प्रकरणों की जाँच की जाएगी और इसमें लापरवाही पाई गई तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने आगामी रबी फसल के लिए खाद एवं बीज का आकलन अभी से करके पूरी तैयारी करने के निर्देश भी कलेक्टरों को दिए। उन्होंने कहा कि बोनी के दौरान किसानों की कोई भी शिकायत खाद और बीज को लेकर नहीं मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी संभाग के आयुक्त खुद इन मामलों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों की जिम्मेदारी आयुक्तों की होगी। मुख्यमंत्री ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी कलेक्टर अपने जिलों में इस बात की जाँच करें जिन पात्र किसानों के ऋण माफ हो गए है उन्हें बैंकों से नोड्यूज प्रमाण-पत्र मिल जाएं। इस कार्य में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।

प्रकरणों की समीक्षा में गड़बड़ी मिलने पर आधा दर्जन पर गिरी गाज

         जन-अधिकार कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा करते हुए ग्वालियर में प्रदीप कुमार को समय पर छात्रवृत्ति स्वीकृत न करने पर सहायक आयुक्त आदिवासी और सीहोर में कृषक बलवान दांगी को भावांतर योजना में भुगतान न होने पर मण्डी सचिव और वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए। इसी तरह गुना जिले में वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत न करने के मामले में ग्राम रोजगार सहायक को दोषी पाए जाने पर उनकी सेवाएँ समाप्त कर दी गई। उधर नरसिंहपुर के कृषक हेमराज सेन को ढेड़ साल से भावांतर राशि न मिलने पर और किसानों के भुगतान की राशि गबन करने पर समिति के प्रशासक और पदाधिकारी पर एफआईआर कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने भी इस मामले में अदालत से स्टे लिया है उसे तत्काल वेकेट किया जाए।
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