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अर्जुन सिंह आज जीवित होते, तो मेरे मुख्यमंत्री बनने की सबसे ज्यादा खुशी उन्हें होती: सीएम कमल नाथ

अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन कार्यक्रम में स्वर्गीय अर्जुन सिंह के जीवन पर आधारित लघु फिल्म का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम में अर्जुन सिंह केवल एक राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक सच्चे समाज सेवक भी थे.

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Published : Nov 3, 2019, 3:26 AM IST

Updated : Nov 3, 2019, 4:26 AM IST

अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन कार्यक्रम

भोपाल| शहर के मिंटो हॉल में अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन कार्यक्रम में स्वर्गीय अर्जुन सिंह के जीवन पर आधारित लघु फिल्म का शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि अर्जुन सिंह केवल एक राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक सच्चे समाज सेवक भी थे. उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह की प्रेरणा से ही वो चुनावी राजनीति में आए और छिंदवाड़ा से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा. इस मौके पर जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह और पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री ने अर्जुन सिंह से जुड़ी स्मृतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1977 से 1980 के बीच अर्जुन सिंह से उनकी नजदीकी तब बढ़ी, जब वो युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री और महाराष्ट्र के प्रभारी थे. उन्होंने बताया कि सौंसर में एक बड़ा आंदोलन किया था, जिसमें अर्जुन सिंह भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1984 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद वे पुन: मुख्यमंत्री बने. उसके बाद पंजाब के राज्यपाल बनने तक वो घटनाक्रम के साक्षी रहे.

अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन कार्यक्रम

सीएम कमल नाथ ने कहा कि आज अगर अर्जुन सिंह जीवित होते, तो उनके मुख्यमंत्री बनने की सबसे ज्यादा खुशी उन्हें होती. मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने अर्जुन सिंह को याद करते हुए कहा कि जटिल से जटिल समस्याओं को सुलझाने का कौशल अर्जुन सिंह में था. वो अपनी बात को सार्थक, सटीक और कम शब्दों में कहने में माहिर थे और राजनीति में सभी के प्रेरणा स्रोत भी रहे.

भोपाल| शहर के मिंटो हॉल में अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन कार्यक्रम में स्वर्गीय अर्जुन सिंह के जीवन पर आधारित लघु फिल्म का शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि अर्जुन सिंह केवल एक राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक सच्चे समाज सेवक भी थे. उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह की प्रेरणा से ही वो चुनावी राजनीति में आए और छिंदवाड़ा से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा. इस मौके पर जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह और पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री ने अर्जुन सिंह से जुड़ी स्मृतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1977 से 1980 के बीच अर्जुन सिंह से उनकी नजदीकी तब बढ़ी, जब वो युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री और महाराष्ट्र के प्रभारी थे. उन्होंने बताया कि सौंसर में एक बड़ा आंदोलन किया था, जिसमें अर्जुन सिंह भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1984 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद वे पुन: मुख्यमंत्री बने. उसके बाद पंजाब के राज्यपाल बनने तक वो घटनाक्रम के साक्षी रहे.

अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन कार्यक्रम

सीएम कमल नाथ ने कहा कि आज अगर अर्जुन सिंह जीवित होते, तो उनके मुख्यमंत्री बनने की सबसे ज्यादा खुशी उन्हें होती. मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने अर्जुन सिंह को याद करते हुए कहा कि जटिल से जटिल समस्याओं को सुलझाने का कौशल अर्जुन सिंह में था. वो अपनी बात को सार्थक, सटीक और कम शब्दों में कहने में माहिर थे और राजनीति में सभी के प्रेरणा स्रोत भी रहे.

Intro:अर्जुन सिंह जीवित होते, तो मेरे मुख्यमंत्री बनने की सबसे ज्यादा खुशी उन्हें होती = कमल नाथ

भोपाल | शहर के मिंटो हॉल में अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन कार्यक्रम में स्वर्गीय अर्जुन सिंह के जीवन पर आधारित लघु फिल्म का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि अर्जुन सिंह केवल एक राजनीतिक व्यक्तित्व ही नहीं बल्कि एक सच्चे समाज सेवक भी थे . उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह जी की प्रेरणा से ही वे चुनावी राजनीति में आए और छिंदवाड़ा से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा . इस मौके पर जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह एवं पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी उपस्थित थे .

Body:मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अर्जुन सिंह जी से जुड़ी स्मृतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1977 से 1980 के बीच अर्जुन सिंह से उनकी नजदीकी तब बढ़ी, जब वे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री और महाराष्ट्र के प्रभारी थे . उन्होंने बताया कि सौंसर में एक बड़ा आंदोलन किया था, जिसमें अर्जुन सिंह भी शामिल हुए . मुख्यमंत्री ने कहा कि 1984 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद वे पुन: मुख्यमंत्री बने। उसके बाद पंजाब के राज्यपाल बनने तक वे घटनाक्रम के साक्षी रहे .

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे पंजाब के राज्यपाल बने, तब वहाँ आतंकवाद चरम पर था . तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को उन पर पूरा विश्वास था कि अर्जुन सिंह कोई न कोई समाधान इस समस्या का निकालेंगे . उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह जी उनके विश्वास पर खरे उतरे और उन्होंने ऐतिहासिक लोंगोवाल समझौते के जरिए पंजाब में शांति स्थापित की . मुख्यमंत्री ने बताया कि अर्जुन सिंह की एक अलग कार्यशैली थी . जब वे केन्द्र में मंत्री बने, तो उनके निवास के पड़ौस में ही मेरा निवास था और दोनों के बीच एक गेट था, जिससे मेरा वहाँ आना-जाना निरंतर बना रहता था . उन्होंने बताया कि उनके घर में गाय थी, लेकिन उसके दूध और घी का फायदा उन्हें मिलता था .

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों को लघु वन उपज का फायदा आज अगर मिल रहा है, तो उसका पूरा श्रेय अर्जुन सिंह को जाता है . वे सर्वहारा वर्ग के लिए हमेशा चिंतित रहते थे और उन्हें जब भी मौका मिला उन्होंने इस वर्ग के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए . मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अगर अर्जुन सिंह जीवित होते, तो मेरे मुख्यमंत्री बनने की सबसे ज्यादा खुशी उन्हें होती .

Conclusion:मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि जटिल से जटिल समस्याओं को सुलझाने का कौशल अर्जुन सिंह में था . वे अपनी बात को सार्थक, सटीक और कम शब्दों में कहने में माहिर थे और राजनीति में हमारे प्रेरणा स्रोत भी रहे .
Last Updated : Nov 3, 2019, 4:26 AM IST
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