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केंद्रीय गृहमंत्री की समीक्षा बैठक में शामिल हुए सीएम कमलनाथ, नक्सल समस्या पर हुई चर्चा - केंद्रीय गृहमंत्रालय न्यूज

सीएम कमलनाथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा आयोजित नक्सल प्रभावी राज्यों की समीक्षा बैठक में शामिल हुये. बैठक में मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावी जिलों की समस्याओं पर चर्चा की गई.

केंद्रीय गृहमंत्री की समीक्षा बैठक में शामिल हुए सीएम कमलनाथ
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Published : Aug 26, 2019, 6:53 PM IST

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के विज्ञान भवन में नक्सलप्रभावी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. जिसमें सीएम कमलनाथ भी शामिल हुए. जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नक्सलवाद के स्थाई समाधान के लिए राज्य और केन्द्र सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत बताई. इस समीक्षा बैठक में ग्यारह राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, डीजीपी वी.के. सिंह और एडीजी जी.पी. सिंह भी मौजूद रहे.

कमलनाथ-संचार माध्यमों को मजबूत बनाने की जरुरत

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार माध्यमों को मजबूत बनाया जाए, जिससे सूचनाएं तेजी से मिलें और तत्काल कार्रवाई की जा सके. उन्होंने कहा कि खराब कनेक्टिविटी के चलते नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस वायरलेस पर बहुत अधिक निर्भर है. साथ ही 50 प्रतिशत आदिवासी ब्लॉक में केवल टू-जी कनेक्टिविटी है. इन समस्याओं का समाधान होना जरूरी है.

मध्यप्रदेश सरकार उठाये गये कदम

मध्यप्रदेश में नक्सलवाद से निपटने में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में 'हाक' बल बनाया गया था. जिसमें सहभागिता आधारित विकास नीतियों के कारण नक्सलवाद को केवल दो जिलों बालाघाट और मंडला की सीमा तक सीमित करने में सफलता मिली. नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस को आधुनिक हथियार दिये गये और विशेष खुफिया शाखाएं बनाई गई हैं. मंडला और बालाघाट में नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में सरकार ने लोगों को बैंकिंग सुविधाओं की जानकारी देने के लिए वित्तीय साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है.
केंद्र से मांगी वित्तीय मदद

सीएम कमलनाथ ने केंद्र से नक्सल प्रभावी इलाकों में कनेक्टिविटी बढा़ने के लिए 34 करोड़ रुपये की राशि मंजूर करने की मांग की है. साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने के लिए भी केंद्र से सहयोग देने को कहा.

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के विज्ञान भवन में नक्सलप्रभावी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. जिसमें सीएम कमलनाथ भी शामिल हुए. जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नक्सलवाद के स्थाई समाधान के लिए राज्य और केन्द्र सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत बताई. इस समीक्षा बैठक में ग्यारह राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, डीजीपी वी.के. सिंह और एडीजी जी.पी. सिंह भी मौजूद रहे.

कमलनाथ-संचार माध्यमों को मजबूत बनाने की जरुरत

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार माध्यमों को मजबूत बनाया जाए, जिससे सूचनाएं तेजी से मिलें और तत्काल कार्रवाई की जा सके. उन्होंने कहा कि खराब कनेक्टिविटी के चलते नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस वायरलेस पर बहुत अधिक निर्भर है. साथ ही 50 प्रतिशत आदिवासी ब्लॉक में केवल टू-जी कनेक्टिविटी है. इन समस्याओं का समाधान होना जरूरी है.

मध्यप्रदेश सरकार उठाये गये कदम

मध्यप्रदेश में नक्सलवाद से निपटने में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में 'हाक' बल बनाया गया था. जिसमें सहभागिता आधारित विकास नीतियों के कारण नक्सलवाद को केवल दो जिलों बालाघाट और मंडला की सीमा तक सीमित करने में सफलता मिली. नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस को आधुनिक हथियार दिये गये और विशेष खुफिया शाखाएं बनाई गई हैं. मंडला और बालाघाट में नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में सरकार ने लोगों को बैंकिंग सुविधाओं की जानकारी देने के लिए वित्तीय साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है.
केंद्र से मांगी वित्तीय मदद

सीएम कमलनाथ ने केंद्र से नक्सल प्रभावी इलाकों में कनेक्टिविटी बढा़ने के लिए 34 करोड़ रुपये की राशि मंजूर करने की मांग की है. साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने के लिए भी केंद्र से सहयोग देने को कहा.

Intro:
भोपाल : मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नक्सलवाद के स्थाई समाधान के लिए राज्य और केन्द्र सरकार के संयुक्त कोशिश की जरूरत बताई है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा विज्ञान भवन में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार माध्यमों को मजबूत बनाया जाए, जिससे सूचनाएं तेजी से मिलें और उस पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। बैठक में ग्यारह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया। बैठक में मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, डीजीपी वी.के. सिंह और एडीजी जी.पी. सिंह भी मौजूद थे।
Body: प्रदेश में नक्सलवाद से निपटने में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में “हाक“ बल बनाया गया था । इसमें सहभागिता आधारित विकास नीतियों के कारण नक्सलवाद को केवल दो जिलों बालाघाट और मंडला की सीमा तक सीमित करने में सफलता मिली। राज्य पुलिस को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ समन्वय बनाने के निर्देश दिये गये है। पुलिस बल के आधुनिकीकरण पर अधिक जोर दिया गया है। वे आधुनिक गैजेट्स जैंसे ट्रैकर्स, जीपीएस, ड्रोन, ट्रैप कैमरा, बॉडी प्रोटेक्टिव आर्मरेस और जंगल रिस्ट वाहनों से लैस हैं। उन्होंने ह्यूमन इंटेलिजेंस के साथ कपलिंग टेक्नोलॉजी की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष खुफिया शाखा बनाई गई है।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खराब कनेक्टिविटी मुख्य मुद्दा है जो सूचनाओं के संग्रह करने और आपस में सूचनाएँ साझा करने को बाधित करता है। उन्होंने बालाघाट और मंडला जिलों में कम से कम फोर-जी कनेक्टिविटी का प्रावधान करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि खराब टेलीफोन और मोबाइल नेटवर्क कव्हरेज के कारण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार नेटवर्क पुलिस वायरलेस पर बहुत अधिक निर्भर है। 50 प्रतिशत आदिवासी ब्लॉक में केवल टू-जी कनेक्टिविटी है। उन्होंने 33.74 करोड़ रुपये की मंजूरी के लिए भी अनुरोध किया, जिसके लिए पीएमजीवाई के तहत केंद्र सरकार को प्रस्ताव और डीएमजी को बालाघाट में दो सड़कों और एक पुल और मंडला जिलों में दो सड़कों और तीन पुलों के निर्माण के लिए प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने बालाघाट (बिरसा) के एक ब्लॉक और मंडला (मैनपुर, बीजाडांडी, मवई और मोहगांव) में एक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) स्थापित करने के लिए वर्ष 2019-20 के लिए धनराशि को जल्द मंजूरी देने का अनुरोध किया।
कमल नाथ ने नागरिकों के वित्तीय समावेशन की आवश्यकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बालाघाट और मंडला में प्रति लाख आबादी पर 6.6 बैंक शाखाएं हैं, जबकि राज्य के औसत बैंक ब्रांच की संख्या 10.58 है। प्रति बैंक शाखा का क्षेत्रफल लगभग 102.5 वर्ग किमी है राज्य का औसत 49 वर्ग किमी है ऐसी स्थिति से निपटने के लिए, राज्य सरकार ने इस वर्ष 16 अगस्त 2019 से 15 सितंबर 2019 तक राज्य के 89 आदिवासी ब्लॉकों में एक वित्तीय साक्षरता अभियान शुरू किया है। इस दौरान लगभग 30 वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किए जाएंगे। मंडला और बालाघाट जिलों के 12 आदिवासी ब्लॉक भी इसमें शामिल हैं।
Conclusion:कमल नाथ ने बताया कि सरकार आदिवासियों के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। प्राप्त किए गए 6.26 लाख पट्टा दावा आवेदनों में से 2.66 लाख मामलों में अधिकार दिए गए हैं। सभी 3.66 लाख आवेदनों की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं, जो अपूर्ण दस्तावेज के कारण खारिज कर दिए गए थे। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में 3.6 लाख खारिज किए गए दावों के व्यापक, पारदर्शी और त्वरित निपटान के लिए ’वन मित्र’ पोर्टल शुरू किया गया है।
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