भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के विज्ञान भवन में नक्सलप्रभावी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. जिसमें सीएम कमलनाथ भी शामिल हुए. जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नक्सलवाद के स्थाई समाधान के लिए राज्य और केन्द्र सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत बताई. इस समीक्षा बैठक में ग्यारह राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, डीजीपी वी.के. सिंह और एडीजी जी.पी. सिंह भी मौजूद रहे.
कमलनाथ-संचार माध्यमों को मजबूत बनाने की जरुरत
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार माध्यमों को मजबूत बनाया जाए, जिससे सूचनाएं तेजी से मिलें और तत्काल कार्रवाई की जा सके. उन्होंने कहा कि खराब कनेक्टिविटी के चलते नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस वायरलेस पर बहुत अधिक निर्भर है. साथ ही 50 प्रतिशत आदिवासी ब्लॉक में केवल टू-जी कनेक्टिविटी है. इन समस्याओं का समाधान होना जरूरी है.
मध्यप्रदेश सरकार उठाये गये कदम
मध्यप्रदेश में नक्सलवाद से निपटने में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में 'हाक' बल बनाया गया था. जिसमें सहभागिता आधारित विकास नीतियों के कारण नक्सलवाद को केवल दो जिलों बालाघाट और मंडला की सीमा तक सीमित करने में सफलता मिली. नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस को आधुनिक हथियार दिये गये और विशेष खुफिया शाखाएं बनाई गई हैं. मंडला और बालाघाट में नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में सरकार ने लोगों को बैंकिंग सुविधाओं की जानकारी देने के लिए वित्तीय साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है.
केंद्र से मांगी वित्तीय मदद
सीएम कमलनाथ ने केंद्र से नक्सल प्रभावी इलाकों में कनेक्टिविटी बढा़ने के लिए 34 करोड़ रुपये की राशि मंजूर करने की मांग की है. साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने के लिए भी केंद्र से सहयोग देने को कहा.