भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को उज्जैन पहुंच चुके हैं. कार्यक्रम के अनुसार उज्जैन में वह 7 किमी की स्वागत रैली में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के अनुसार वह शनिवार को रात्रि विश्राम उज्जैन में करेंगे. क्योंकि उज्जैन उनका गृह नगर है. सीएम मोहन यादव शनिवार को रात्रि विश्राम महाकाल की नगरी में करेंगे. तो क्या सालों से चला आ रहा मिथक सीएम मोहन यादव तोड़ने जा रहे हैं. इस पर कई लोगों की नजरें टिकी हैं. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहां के राजा केवल बाबा महाकाल हैं. किसी दूसरे राजा का यहां रात्रि विश्राम अशुभ माना जाता है. CM Mohan Yadav night stay Ujjain
अभी तक होता रहा परंपरा का निर्वहन : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 16 दिसंबर शनिवार को उज्जैन पहुंच चुके हैं. कार्यक्रम के अनुसार वह यहां रात्रि विश्राम करेंगे. अब इसे अंधविश्वास कहें या सालों से चली आ रही परम्परा, लेकिन महाकाल की नगरी उज्जैन में मुख्यमंत्री रात नहीं रुकते. माना जाता है कि जो प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री महाकाल की नगरी में रात रुकता है, उसकी सत्ता हाथों से छिन जाती है. चूंकि सीएम मोहन यादव का विधानसभा क्षेत्र उज्जैन में ही है. उनका घर भी उज्जैन में है. इसलिए वह शनिवार को यहां रात्रि विश्राम करने जा रहे हैं. लेकिन माना जाता है कि भगवान महाकाल उज्जैन के राजा कहलाते हैं. ऐसे में यहां किसी दूसरे राजा का ठहरना उचित नहीं होता. CM Mohan Yadav night stay Ujjain
पुजारियों में अलग-अलग मत : हालांकि इस मामले में पंडित और पुरोहित के अपने-अपने मत हैं. महाकालेश्वर मंदिर के एक पंडित कहते हैं कि डॉ. मोहन यादव का उज्जैन में ही जन्म हुआ है. उन पर कोई मिथक का असर नहीं पड़ता है. सम्राट विक्रमादित्य के समय में मिथक प्रचलित था. इस मिथक को सम्राट विक्रमादित्य ने देवी देवताओं को प्रसन्न कर समाप्त कर दिया. वहीं, दूसरी तरफ एक और पुजारी का भी ऐसा ही कहना है. वहीं कुछ पुजारी कहते हैं कि उज्जैन में अभी तक कोई भी मुख्यमंत्री रात नहीं रुका है. हालांकि शास्त्रों में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री धार्मिक नगरी उज्जैन में नहीं ठहरेंगे. CM Mohan Yadav night stay Ujjain
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इन्हें गंवानी पड़ी कुर्सी : बताया जाता है कि आजादी के बाद देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भी महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे थे. बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री रात में उज्जैन में ही रुके और अगले दिन उन्हें अपनी सत्ता से हाथ गंवाना पड़ा. कर्नाटक के मुख्यमंत्री वायएस येदियुरप्पा भी रात में उज्जैन रुके थे और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. माना जाता है कि राजा भोज के समय से कोई भी राजा उज्जैन में रात्रि निवास नहीं करता. सिंहस्थ के दौरान भी शिवराज कभी उज्जैन में रात नहीं रुके. कुछ ऐसी प्रथा ओरछा के लिए भी है. क्योंकि ओरछा के राजा भगवान प्रभु श्रीराम हैं. इसलिए कोई सीएम या पीएम कभी ओरछा में नहीं रुका. CM Mohan Yadav night stay Ujjain