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क्लिकर डिवाइस से होगी बच्चों की पढ़ाई, विद्यार्थियों का होगा मूल्यांकन

शासकीय स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए क्लीकर डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा. इस डिवाइस के माध्यम से शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए पाठ को विद्यार्थियों ने कितना समझा इसका मूल्यांकन किया जा सकेगा.

क्लीकर डिवाइस से होगी बच्चों की पढ़ाई
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Published : Nov 15, 2019, 2:39 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 3:03 PM IST

भोपाल। शिक्षक के पढ़ाए पाठ को विद्यार्थियों ने कितना समझा, इसका मूल्यांकन करने के लिए अब सरकारी स्कूलों में क्लीकर का इस्तेमाल किया जाएगा. कक्षा में बच्चे ने क्या पढ़ा और क्या समझा. इसका मूल्यांकन करने के लिए सरकार क्लीकर का इस्तेमाल करने जा रही है. ये प्रोजेक्ट साथी परियोजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है, इसमें भोपाल के 6 स्कूल चयनित किए गए हैं.

क्लिकर डिवाइस से होगी बच्चों की पढ़ाई

एप हो रहा तैयार

स्कूल शिक्षा विभाग ने परियोजना के तहत एक एप तैयार कराया है.और इसे शिक्षक ऑपरेट करेंगे. जबकि शिक्षक के सवाल का जवाब देने के लिए विद्यार्थियों के पास कौन बनेगा करोड़पति केबीसी की ऑडियंस पोल की तरह एक क्लिकर डिवाइस रहेगी. इस पर दिए गए ऑप्शन पर क्लिक कर छात्र जवाब देंगे. स्कूल शिक्षा मंत्री ने बाल दिवस पर रायसेन जिले के साथ स्कूलों में इस योजना का शुभारंभ किया था. भोपाल के 6 स्कूलों में भी यह योजना लागू कर दी गई है.

भोपाल। शिक्षक के पढ़ाए पाठ को विद्यार्थियों ने कितना समझा, इसका मूल्यांकन करने के लिए अब सरकारी स्कूलों में क्लीकर का इस्तेमाल किया जाएगा. कक्षा में बच्चे ने क्या पढ़ा और क्या समझा. इसका मूल्यांकन करने के लिए सरकार क्लीकर का इस्तेमाल करने जा रही है. ये प्रोजेक्ट साथी परियोजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है, इसमें भोपाल के 6 स्कूल चयनित किए गए हैं.

क्लिकर डिवाइस से होगी बच्चों की पढ़ाई

एप हो रहा तैयार

स्कूल शिक्षा विभाग ने परियोजना के तहत एक एप तैयार कराया है.और इसे शिक्षक ऑपरेट करेंगे. जबकि शिक्षक के सवाल का जवाब देने के लिए विद्यार्थियों के पास कौन बनेगा करोड़पति केबीसी की ऑडियंस पोल की तरह एक क्लिकर डिवाइस रहेगी. इस पर दिए गए ऑप्शन पर क्लिक कर छात्र जवाब देंगे. स्कूल शिक्षा मंत्री ने बाल दिवस पर रायसेन जिले के साथ स्कूलों में इस योजना का शुभारंभ किया था. भोपाल के 6 स्कूलों में भी यह योजना लागू कर दी गई है.

Intro:दक्षिण कोरिया की तर्ज पर प्रदेश के शासकीय स्कूलों में डिजिटल माध्यम से होगी बच्चों की उपस्थिति दर्ज इसके साथ ही बच्चों ने कक्षा में क्या पढ़ा इसका भी डिजिटल माध्यम से होगा मूल्यांकन


Body:शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए पाठ को विद्यार्थियों ने कितना समझा इसका मूल्यांकन करने के लिए अब शासकीय स्कूलों में क्लीकर का इस्तेमाल किया जाएगा अब कक्षा में बच्चे ने क्या पढ़ा और क्या समझा इसका मूल्यांकन करने के लिए शासकीय क्लिक कर का इस्तेमाल किया जाएगा...
यह प्रोजेक्ट साथी परियोजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है इसमें भोपाल के 6 स्कूल चयनित किए गए हैं वही रायसेन के 7 स्कूलों में यह योजना शुरू की गई है..
इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा सातवीं परियोजना के तहत एक ऐप तैयार करवाई है इसे शिक्षक ऑपरेट करेंगे जबकि शिक्षक के सवाल का जवाब देने के लिए विद्यार्थियों के पास कौन बनेगा करोड़पति केबीसी की ऑडियंस पोल की तरह एक क्लिक कर डिवाइस रहेगी इस पर दिए गए ऑप्शन पर क्लिक कर छात्र जवाब देंगे स्कूल शिक्षा मंत्री ने बाल दिवस पर रायसेन जिले के साथ स्कूलों में इस योजना का शुभारंभ किया था वह राजधानी भोपाल के 6 स्कूलों में भी यह योजना लागू कर दी गई है..

शिक्षकों का कहना है कि क्लिकर के माध्यम से पढ़ाई कराना और भी आसान हो जाएगा और बच्चों को हमारा पढ़ाया हुआ समझ में आया या नहीं यह भी हमें तुरंत पता चल जाएगा इसके साथ ही बच्चों की उपस्थिति भी कुछ सेकंड्स में ही दर्ज कर ली जाएगी, जब बच्चा कक्षा में एंटर करेगा और बटन क्लिक करेगा तो हमारे पास मोबाइल में नोटिफिकेशन आ जाएगा जिससे डिजिटल माध्यम से बच्चों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी..

गौरतलब है कि यह योजना दक्षिण कोरिया की तर्ज पर प्रदेश के सभी स्कूलों में जल्द लागू की जाएगी फिलहाल रायसेन के 7 और भोपाल के 6 स्कूलों में लागू की गई है जिसमें सरोजिनी नायडू स्कूल,शासकीय माध्यमिक बालक बरखेड़ा, शासकीय माध्यमिक शाला, राजभवन शासकीय माध्यमिक शाला, कन्या जसलोक और शासकीय माध्यमिक शाला अहमदाबाद कोहेफिजा को चुना गया है इसमें शिक्षक के मोबाइल फोन पर एक ऐप होगा पाठ पढ़ाने के बाद शिक्षक विकल्प के रूप में बच्चों से सवाल करेंगे बच्चे इसका जवाब लिखकर डिवाइस से देंगे यह लेकर शिक्षक के मोबाइल एप से कनेक्ट रहेगा इसमें छात्रों की उपस्थिति भी लेकर के माध्यम से ही ले जाएगी इससे यह पता चल सकेगा कि किसी छात्र को कितना समझ में आया...

बाइट-प्रभाकर श्रीवास्तव डीपीसी
बाइट- मीना कोष्टा शिक्षिका
बाइट-स्टूडेंट



Conclusion:दक्षिण कोरिया के तर्ज पर राजधानी के शासकीय स्कूलों में डिजिटल माध्यम से होगी पढ़ाई
Last Updated : Nov 15, 2019, 3:03 PM IST
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