भोपाल। लफ्ज़ों को ज़ुबान पर बड़े करीने से संभालती है पूजा, पर आंखें चुगली कर जाती हैं. पहले आँखे हंसती हैं, फिर पूजा चहकती सी बोलती है, हैप्पी बर्थ डे गुलज़ार दादू. बर्थ डे गुलज़ार साहब का है ख्वाहिश पूजा की है कि दादू अपनी सालगिरह का जश्न भोपाल में भी मनाएं. आयुष हैं जो पूरी ताकत लगाकर दादू को आज के दिन स्पेशल थैंक्यू कहते हैं, पर क्यों ? फिर बताते हैं क्योंकि गुलज़ार दादू ने ही बताया था कि हम भी कुछ कर सकते हैं. दुनिया की हर आवाज़ से एक उम्र तक महरूम रही प्रार्थना जब सुन रही है तो आज का खास दिन अपने दादू की आवाज़ सुनते हुए ही गुज़ारनी चाहती है. प्रार्थना ने खास पॉटरी बनाई है गुलज़ार साहब के लिए. और उस पर उकेरी हैं उन्ही की लाइनें, चांद से पेंच लड़ा है, चांद ना कट जाए.
आरुषि में हर दिन गुलज़ार है : दिव्यांग बच्चों के लिए उम्मीद है संस्था आरुषि और गुल़ज़ार साहब के लिए उनका दूसरा घर. गुलज़ार साहब के ही लफ्ज़ों में कहें तो जहां वो अपनी बैटरी चार्ज करने आते हैं. बच्चों से गुलज़ार दादू का क्या रिश्ता है, बयां करने लफ्ज़ तो नहीं हैं बच्चों के पास, लेकिन आंखों की चमक सब कह देती है. गुलज़ार साहब ने इन बच्चों को देखने दुनिया को नई निगाह दी है. और दुनिया की कदमताल से ज़रा सा पीछे खड़े इन बच्चों को दिया है ये हौसला कि तुममें वो काबिलियत है, वो हुनर है कि दुनिया ठहरेगी तुम्हारी खातिर. हैप्पी बर्थ डे दादू
आरुषि में 18 अगस्त केवल तारीख कभी नहीं होती : ये खास दिन होता है जब इस सेंटर में आने वाला हर बच्चा तैयार होकर आता है दादू की बर्थ डे पार्टी के लिए. तैयारियां पहले से शुरू हो जाती हैं. इस बार बच्चों ने मिलकर वीडियो बनाया है, जो सालगिरह पर मुंबई भेजा गया है गुलज़ार दादू के पास. जिनके सुनने से लेकर बोल पाने तक का पूरा सफर गुलज़ार साहब की आँखों से गुज़रा हो, उन बच्चों की ज़ुबान से सालगिरह की मुबारक सुनना खास कैसे ना होता भला.
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आरुषि से गुलज़ार साहब का रिश्ता बयां करना मुश्किल : आरुषि के संचालक अनिल मुद्गल बताते हैं 33 बरस पहले जब आरुषि की शुरुआत हुई उस वक्त से गुलज़ार साहब साथ हैं. और हकीकत है कि इन बच्चों से आरुषि से गुलज़ार साहब का जो जुड़ाव है. वो बयां नहीं किया जा सकता है. दादू या तो खुद भोपाल बच्चों से मिलने आ जाते हैं नहीं तो बच्चों को मुंबई बुलवा लेते हैं. कोरोना में जब बच्चे मैराथन में मुंबई नहीं जा पाए तो बच्चों का अफसोस उनके दादू ने एक बहुत प्यारी नज़्म में बयां किया है. अंदाज़ा लगाइए कि वो उन बच्चों का हिस्सा बनकर सोचते हैं. और बच्चों की भी मोहब्बत ऐसी की दादू से उन्ही के बर्थ डे पर भोपाल विज़िट की विश मांगी है. Filmmaker Gulzar birthday, Arushi celebration in Bhopal, Birthday wishes to Gulzar