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'मामा' शिवराज के राज में 'भांजियां' हो रहीं लापता, देश में सबसे ज्यादा बच्चे एमपी में होते हैं गायब - Children disappearance cases

मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां से सबसे ज्यादा बच्चे लापता होते हैं. सरकार के तमाम दावों और पुलिस विभाग के तमाम अभियानों के बाद भी बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है. जब आप नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट पर नजर डालेंगे, तो एमपी में बच्चों से अपराध के आंकड़ों को देखकर चौंक जाएंगे. पढ़िए पूरी खबर.

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'मामा' शिवराज के राज में 'भांजियां' हो रहीं लापता
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Published : Aug 28, 2020, 7:34 PM IST

Updated : Aug 28, 2020, 8:43 PM IST

भोपाल। अपने आप को प्रदेश की बच्चियों का मामा कहने वाले शिवराज सिंह के राज में मध्यप्रदेश में 'भांजियां' सुरक्षित नहीं हैं. प्रदेश में 'भांजियों' के गायब होने की संख्या चिंताजनक है. ये स्थिति तब है, जब प्रदेश में महिला सुरक्षा और बाल अपराधों को कम करने के लिए पुलिस विभाग द्वारा कई ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए, तो पिछले साल गायब हुई 8610 लड़कियों में से 2267 अभी तक लापता हैं. हालांकि इस मामले में लड़के कहीं ज्यादा खुश किस्मत हैं. गायब हुए 26,100 लड़कों में से 371 लापता हैं. प्रदेश में मानव तस्करी के सवाल पर सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा चुप्पी साधे हुए हैं.

'मामा' शिवराज के राज में 'भांजियां' हो रहीं लापता

मध्य प्रदेश से सबसे ज्यादा गायब हो रहे बच्चे

देश में सबसे ज्यादा बच्चे गायब होने के मामले में मध्यप्रदेश शीर्ष पर है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के हिसाब से देखा जाए तो, देश में सबसे ज्यादा बच्चे मध्यप्रदेश में गायब होते हैं. पिछले साल दिसंबर माह तक मध्य प्रदेश में 11,216 बच्चे गायब हुए हैं. इनमें 8610 बच्चियां और 2606 नाबालिक लड़के हैं. हालांकि गायब हुए बच्चों में से 8568 बच्चे तो मिल गए, लेकिन 2638 बच्चे अब भी लापता हैं. इनमें से 2267 बच्चियां है, साल 2018 में 10038 बच्चे गायब हुए थे. वहीं 2017 में ये आंकड़ा 10,110 और 2016 में 8503 बच्चों का था.

children disappearance cases
अब तक लापता हुए बच्चे गायब

महिलाओं के गायब होने के मामले में एमपी तीसरे स्थान पर

नाबालिग के अलावा मध्यप्रदेश से महिलाओं के गायब होने की संख्या भी कम नहीं है. महिलाओं के गायब होने के मामले में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है. मध्यप्रदेश में 2018 में 29,761, 2017 में 26,587 और 2016 में 21,435 महिलाएं गायब हुई हैं.

children disappearance cases
2019 में गायब हुए बच्चे

मानव तस्करी के लगातार सामने आ रहे मामले

मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में गायब हो रहे बच्चों की घटनाओं के पीछे एक बड़ी वजह मानव तस्करी भी है. प्रदेश में लगातार मानव तस्करी की घटनाएं सामने आ रही हैं. फरवरी माह में ग्वालियर से गायब हुए 15 साल के किशोर को पुलिस ने हरियाणा के कैथल जिले के गांव से बरामद किया. मामले में एक महिला तस्कर का नाम सामने आया, जिसने बच्चे के नाम से 50 हजार रुपए लिए थे. इसी तरह पिछले साल जबलपुर में दो महिला सहित चार लोग गिरफ्तार किए गए थे, जो युवतियों को राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र ले जाकर बेच देते थे.

children disappearance cases
महिलाओं के गायब होने का स्थिति

लगातार हो रही घटनाएं, फिर भी सरकार गंभीर नहीं

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बच्चे गायब होने के बाद भी प्रदेश सरकार लगता है इस को लेकर गंभीर नहीं है. प्रदेश के 53 जिलों में से सिर्फ 24 जिलों में ही एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट स्थापित हो सकी है. गुमशुदा बच्चों के लिए लंबे समय से काम कर रही सामाजिक कार्यकर्ता रेखा श्रीधर के मुताबिक बच्चों के गायब होने के बाद इसकी जानकारी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी के तौर पर नियुक्त एसडीओपी स्तर के अधिकारी को देनी होती है, लेकिन अधिकांश मामलों में थानों से यह जानकारी ही नहीं दी जाती.

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तीन साल के आंकड़े

देह व्यापार की घटनाएं भी सामने आईं

मध्य प्रदेश से गायब हो रही युवतियों को देह व्यापार में धकेले जाने की भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. करीब 1 साल पहले सिंगरौली में आदिवासी नाबालिग लड़कियों को दूसरे राज्यों में बेचे जाने की घटना सामने आई थी. इसी तरह पिछले दिनों बैतूल में एक नाबालिक को बेचने का मामला सामने आया था. मामले में पुलिस ने 2 महिलाओं को भी गिरफ्तार किया. इस तरह की कई और घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं.

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मिलने वाले बच्चों का आंकड़ा

कांग्रेस ने साधा निशाना, गृहमंत्री ने साधी चुप्पी

बच्चों के गायब होने के मामले में मध्य प्रदेश के अव्वल होने के बाद भी प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इस मामले में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पूर्व मंत्री सरकार पर हमलावर हैं. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के मुताबिक मानव तस्करी बेहद ही गंभीर मुद्दा है और सरकार को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना चाहिए. प्रदेश के सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया जाना चाहिए. जब इस मुद्दे पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार किया है. पुलिस अधिकारी भी अभी इस पर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं.

भोपाल। अपने आप को प्रदेश की बच्चियों का मामा कहने वाले शिवराज सिंह के राज में मध्यप्रदेश में 'भांजियां' सुरक्षित नहीं हैं. प्रदेश में 'भांजियों' के गायब होने की संख्या चिंताजनक है. ये स्थिति तब है, जब प्रदेश में महिला सुरक्षा और बाल अपराधों को कम करने के लिए पुलिस विभाग द्वारा कई ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए, तो पिछले साल गायब हुई 8610 लड़कियों में से 2267 अभी तक लापता हैं. हालांकि इस मामले में लड़के कहीं ज्यादा खुश किस्मत हैं. गायब हुए 26,100 लड़कों में से 371 लापता हैं. प्रदेश में मानव तस्करी के सवाल पर सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा चुप्पी साधे हुए हैं.

'मामा' शिवराज के राज में 'भांजियां' हो रहीं लापता

मध्य प्रदेश से सबसे ज्यादा गायब हो रहे बच्चे

देश में सबसे ज्यादा बच्चे गायब होने के मामले में मध्यप्रदेश शीर्ष पर है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के हिसाब से देखा जाए तो, देश में सबसे ज्यादा बच्चे मध्यप्रदेश में गायब होते हैं. पिछले साल दिसंबर माह तक मध्य प्रदेश में 11,216 बच्चे गायब हुए हैं. इनमें 8610 बच्चियां और 2606 नाबालिक लड़के हैं. हालांकि गायब हुए बच्चों में से 8568 बच्चे तो मिल गए, लेकिन 2638 बच्चे अब भी लापता हैं. इनमें से 2267 बच्चियां है, साल 2018 में 10038 बच्चे गायब हुए थे. वहीं 2017 में ये आंकड़ा 10,110 और 2016 में 8503 बच्चों का था.

children disappearance cases
अब तक लापता हुए बच्चे गायब

महिलाओं के गायब होने के मामले में एमपी तीसरे स्थान पर

नाबालिग के अलावा मध्यप्रदेश से महिलाओं के गायब होने की संख्या भी कम नहीं है. महिलाओं के गायब होने के मामले में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है. मध्यप्रदेश में 2018 में 29,761, 2017 में 26,587 और 2016 में 21,435 महिलाएं गायब हुई हैं.

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2019 में गायब हुए बच्चे

मानव तस्करी के लगातार सामने आ रहे मामले

मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में गायब हो रहे बच्चों की घटनाओं के पीछे एक बड़ी वजह मानव तस्करी भी है. प्रदेश में लगातार मानव तस्करी की घटनाएं सामने आ रही हैं. फरवरी माह में ग्वालियर से गायब हुए 15 साल के किशोर को पुलिस ने हरियाणा के कैथल जिले के गांव से बरामद किया. मामले में एक महिला तस्कर का नाम सामने आया, जिसने बच्चे के नाम से 50 हजार रुपए लिए थे. इसी तरह पिछले साल जबलपुर में दो महिला सहित चार लोग गिरफ्तार किए गए थे, जो युवतियों को राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र ले जाकर बेच देते थे.

children disappearance cases
महिलाओं के गायब होने का स्थिति

लगातार हो रही घटनाएं, फिर भी सरकार गंभीर नहीं

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बच्चे गायब होने के बाद भी प्रदेश सरकार लगता है इस को लेकर गंभीर नहीं है. प्रदेश के 53 जिलों में से सिर्फ 24 जिलों में ही एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट स्थापित हो सकी है. गुमशुदा बच्चों के लिए लंबे समय से काम कर रही सामाजिक कार्यकर्ता रेखा श्रीधर के मुताबिक बच्चों के गायब होने के बाद इसकी जानकारी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी के तौर पर नियुक्त एसडीओपी स्तर के अधिकारी को देनी होती है, लेकिन अधिकांश मामलों में थानों से यह जानकारी ही नहीं दी जाती.

children disappearance cases
तीन साल के आंकड़े

देह व्यापार की घटनाएं भी सामने आईं

मध्य प्रदेश से गायब हो रही युवतियों को देह व्यापार में धकेले जाने की भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. करीब 1 साल पहले सिंगरौली में आदिवासी नाबालिग लड़कियों को दूसरे राज्यों में बेचे जाने की घटना सामने आई थी. इसी तरह पिछले दिनों बैतूल में एक नाबालिक को बेचने का मामला सामने आया था. मामले में पुलिस ने 2 महिलाओं को भी गिरफ्तार किया. इस तरह की कई और घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं.

children disappearance cases
मिलने वाले बच्चों का आंकड़ा

कांग्रेस ने साधा निशाना, गृहमंत्री ने साधी चुप्पी

बच्चों के गायब होने के मामले में मध्य प्रदेश के अव्वल होने के बाद भी प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इस मामले में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पूर्व मंत्री सरकार पर हमलावर हैं. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के मुताबिक मानव तस्करी बेहद ही गंभीर मुद्दा है और सरकार को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना चाहिए. प्रदेश के सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया जाना चाहिए. जब इस मुद्दे पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार किया है. पुलिस अधिकारी भी अभी इस पर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं.

Last Updated : Aug 28, 2020, 8:43 PM IST
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