भोपाल। राजधानी भोपाल के सेमरा क्षेत्र में रहने वाला परिवार 2 महीने से अपने बेटे ओम को लेकर भटक रहा है. जहां 5 साल के ओम की आंख वैस्कुलर ट्यूमर के कारण फूल कर बाहर आ गई है और आंख से दिखाई देना भी बंद हो गया है. इसके साथ ही परिवार अपनी पूरी जमा पूंजी भी खर्च कर चुका है और अब भी इलाज में 25 लाख रुपये का खर्चा है. जहां 25 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा था, की ओम के इलाज की जिम्मेदारी अब सरकार की है.
स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद भी इलाज नहीं
स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के आश्वासन देने के बाद परिवार को उम्मीद जगी थी, कि अब उनका बेटा ठीक हो जाएगा, लेकिन वो सिर्फ आश्वासन ही साबित हुआ और परिवार अब भी सरकार की मदद का इंतजार कर रहा है. वहीं ओम के पिता मुकेश कुशवाहा मंडीदीप की फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं, जिससें उन्हें महज 6 हज़ार रुपये मिलते हैं.वो करीब एक महीने से आर्थिक मदद के लिए सीएम हाउस, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग और कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहें है.
जा रही है मासूम की रोशनी
बता दें की भोपाल के सभी अस्पतालों से निराश होकर परिवार अब दिल्ली के एम्स पहुंचा है. जहां से उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला और ना ही बच्चे का इलाज किया गया. वहीं ओम की मां सुनीता ने बताया की स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन देने के बाद बच्चे को हमीदिया में भर्ती कराया था लेकिन 3 दिन तक कोई भी उनकी सुध लेने नहीं आया, जिसके बाद वो थक हार कर बच्चे को घर लेकर आ गए और ओम की आंख की रोशनी जा चुकी है.