भोपाल। कोरोना काल में डिप्रेशन का शिकार हुए बच्चों के लिए बाल आयोग ने संवेदना नाम से टोल फ्री टेली काउंसलिंग शुरू की है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ऐसे बच्चों के लिए यह टोल फ्री नंबर जारी किया है, जो बच्चे कोरोना काल में मानसिक तनाव झेल रहे हैं. घर में माता-पिता के लड़ाई झगड़ों के चलते बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. कई बच्चे ऐसे भी हैं, जो कोरोना पीड़ित होकर अस्पतालों में भर्ती हैं या स्कूल की पढ़ाई को लेकर बच्चों में डिप्रेशन है. ऐसे बच्चों के लिए बाल आयोग ने संवेदना टोल फ्री टेली काउंसलिंग की शुरुआत की है.
कोरोना को रोकने लगाए गए लॉकडाउन में डिप्रेशन के कई मामले सामने आए हैं. खासतौर पर जो बच्चे 18 से कम उम्र के हैं, ऐसे बच्चों में डिप्रेशन की बड़ी संख्या में मामले देखने को मिले हैं. कई बच्चों ने मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या के प्रयास भी किए है. ऐसे बच्चों की काउंसलिंग के लिए बाल आयोग ने संवेदना टोल फ्री नंबर जारी किया है. जिसमें इन छात्रों की काउंसलिंग की जाएगी. जो छात्र कोरोना काल में डिप्रेशन का शिकार हुए हैं और इस मानसिक तनाव से निकल नहीं पा रहे हैं. ऐसे बच्चे टोल फ्री नंबर पर कॉल करके काउंसलर से अपनी समस्याएं साझा करेंगे और काउंसलर बच्चों की समस्याओं का निराकरण करेंगे.
बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि कोविड-19 के दौरान 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है. ऐसे में बच्चे विषय विशेषज्ञ काउंसलर से टोल फ्री नंबर पर सुबह 10 से 1 बजे और दोपहर 3 से रात 8 बजे तक बात कर अपनी समस्याओं का समाधान ले सकते हैं. यह टोल फ्री नंबर जारी कर दिया गया है. जिस पर बच्चे फोन कर अपनी समस्याओं का हल पा सकेंगे. संवेदना टोल फ्री नम्बर- 1800-1212-830