भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम कोवि़ड-19 से बचाव व उपचार की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि, प्रदेश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए अब आईआईटीटी की रणनीति पर प्रभावी रूप से अमल किया जाए. सीएम ने कहा कि, प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण किसी भी हाल में अब फैलना नहीं चाहिए, इसके लिए संक्रमित क्षेत्रों से कोई भी व्यक्ति किसी भी हाल में अंदर- बाहर आना- जाना ना कर सके. प्रत्येक मरीज ठीक हो जाए. इसके लिए पूरे प्रयास हर स्तर पर होने चाहिए.
ये है IITT रणनीति-
- I- IDENTIFY (मरीज को पहचानना)
- I- ISOLATE (मरीज को अलग करना)
- T- TEST (मरीज की जांच करना)
- T- TREAT (मरीज का इलाज करना)
ड्रोन से रखी जा रही नजर, उल्लंघन किया तो FIR
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि, प्रदेश के 22 संक्रमित जिलों के 564 क्षेत्रों को पूरी तरह सील कर दिया गया है . अतः यह सुनिश्चित किया जाए, कि वहां से कोई भी व्यक्ति आना- जाना ना कर सके. इस कार्य के लिए तकनीकी प्रक्रिया का भी प्रयोग किया जाए . ड्रोन से निगरानी रखी जाए . आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए .उन्होंने कहा, प्रदेश में किसी भी क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की बिल्कुल कमी नहीं होनी चाहिए. कहीं भी सप्लाई चैन टूटे नहीं . हॉट-स्पॉट क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे वहां सभी आवश्यक वस्तुएं पहुंचे. प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन संजय दुबे ने बताया कि, भोपाल में 400 वाहनों से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है . इंदौर में भी एक हजार लोडर वाहनों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रारंभ की गई है . सांची पार्लर खुले हैं तथा हाथ ठेलों को भी जांच उपरांत प्रारंभ किया जा रहा है.
टेस्टिंग लैब हो जाएंगे 34, जल्द होगा इलाज
समीक्षा के दौरान बताया गया कि, प्रदेश में 55 कोरोना संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं . इंदौर में ही आज 7 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है . इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, ऐसे व्यक्ति, जो कोरोना को हराकर घर लौट रहे हैं, वे भी योद्धा से कम नहीं हैं . उन सभी को मेरी शुभकामनाएं. अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रदेश में अभी 7 लैब कार्य कर रहे हैं और 14 लैब शीघ्र ही चालू हो जाएंगे तथा 20 और बनेंगे. इस प्रकार प्रदेश में कुल 34 कोरोना टेस्टिंग लैब हो जाएंगे.
सरकार हर तरह के कर रही प्रयास
अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि, प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक कुल 4 लाख 68 हजार 482 मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. इनमें प्रदेश के बाहर से आए मजदूर भी शामिल हैं . प्रदेश में विभिन्न राज्यों के 18174 मजदूर रह रहे हैं . सभी मजदूरों के लिए खाद्यान्न एवं भोजन आदि की व्यवस्था कराई गई है. साथ ही उन्हें आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक तथा यूनानी दवाओं का वितरण भी किया जा रहा है.
14 अप्रैल के बाद प्रदेश में भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार सीमित आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ की जाएंगी. जिन जिलों में संक्रमण नहीं है, वहां मनरेगा के कार्य भी प्रारंभ किए जाएंगे. इसके अलावा, तेंदूपत्ता संग्रहण, महुआ तथा अन्य वनोपज संग्रहण का कार्य वनोपज समितियों के माध्यम से किया जाएगा. स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा मास्क बनाने आदि की गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी .