भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी तक अवैध नगदी, शराब, नशीले पदार्थ की रिकॉर्ड जब्ती हुई है. 2018 के चुनाव में 72 करोड़ जब्ती हुई थी. जबकि इस बार 330 करोड़ की सामग्री की जब्ती हो चुकी है. चुनाव आयोग के मुताबिक मध्यप्रदेश में निर्भीक और भय मुक्त माहौल में मतदान कराने के लिए संवेदनशील केन्द्रों पर पैरामिलिट्री फोर्सेस तैनात की जा रही हैं. वहीं मतदान केन्द्रों पर मतदान के लिए बैठने, पीने के पानी आदि की तमाम सुविधाएं मिलेंगी. महिलाओं, बुजुर्ग के लिए अलग व्यवस्था की गई है. यदि वोटर कार्ड भी नहीं हो, तो भी मतदान किया जा सकता है. मध्यप्रदेश के मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन से बात की ईटीवी भारत के संवाददाता बृजेन्द्र पटेरिया ने.
मतदान करने जाएं...तमाम सुविधाएं मौजूद: मतदान केन्द्रों पर वोटर्स के लिए बैठने, पीने के पानी आदि तमाम तरह की सुविधाएं की गई हैं. बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र पर रैंप और व्हील चेयर की व्यवस्थाएं की गई है. यदि किसी बुजुर्ग मतदाता को सहायता की जरूरत होगी तो उनके लिए वॉलेंटियर्स भी मौजूद रहेंगे. मतदान केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के साथ आने वाली महिलाओं और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए अलग से मतदान की लाइन की व्यवस्था की गई है. ताकि उन्हें मतदान के लिए अधिक समय इंतजार न करना पड़े. कुल मिलाकर यहां तमाम सुविधाएं मुहैया कराई गई है, ताकि लोग सुगमता से मतदान कर सकें.
वोटर्स कार्ड नहीं तब भी कर सकेंगे मतदान: हमने प्रयास किया है कि सभी के पास वोटर्स कार्ड पहुंच जाएं, लेकिन यदि किसी मतदाता के पास वोटर्स कार्ड नहीं पहुंचा है, या फिर ऐन वक्त पर नहीं मिले, तब भी मतदाता मतदान कर सकेगा. मतदान के लिए मतदान सूची में नाम होना ही जरूरी है. मतदान के लिए फोटो युक्त 12 तरह के डॉक्युमेंट निर्धारित किए गए हैं. जिसमें आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, बैंक के पासबुक की कॉपी सहित कोई भी डॉक्युमेंट दिखाकर आप अपना मतदान कर सकते हैं.
मतदान प्रतिशत बढ़ाने किए जा रहे कई प्रयास: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि 2018 के विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत करीबन 75 फीसदी था. हम लोगों ने इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ाने कई प्रयास किए हैं, खासतौर से ऐसे क्षेत्रों में जहां मतदान कम हुआ था. ऐसे क्षेत्रों में लोगों से लगातार संपर्क किया गया है और मतदाताओं को प्रेरित किया गया है कि वे मतदान जरूर करें. उम्मीद है कि इस बार 2018 की तुलना में मतदान प्रतिशत और बेहतर होगा.
अब तक 330 करोड़ की सामग्री जब्त: चाहे वह बाहुबल हो या धनबल हो आयोग की तरफ से काफी कार्रवाई की गई है. करीबन 2 लाख लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है. 2 लाख 85 हजार लाइसेंसी हथियारों को थानों में जमा कराया गया है. प्रदेश के 800 से ज्यादा नाकों पर लगातार चैकिंग की जा रही है और अभी तक 330 करोड़ सामग्री की जब्ती हो चुकी है. जो 2018 के चुनाव में सिर्फ 72 करोड़ थी. काफी सख्ती के साथ काम किया जा रहा है और मतदान के लिए कुछ घंटे ही बाकी बचे हैं और लगातार काम चल रहा है. उम्मीद है कि निर्भीक और भय मुक्त माहौल में मतदान कराया जाएगा.
संवेदनशील बूथों पर तैनात होगी पैरामिलिट्री फोर्स: प्रदेश में 64626 बूथ हैं. इसमें से संवेदनशील मतदान केन्द्रों की संख्या करीब 17 हजार है. इन संवेदनशील मतदान केन्द्रों में से अधिकांश केन्द्रों पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की जाएगी. साथ ही स्टेट की आर्म्स फोर्स तैनात की जाएगी. माइक्रो ऑब्जबर्स, बेव कॉस्टिंग, मोबाइल टीम तैनात रहेगी. इन पर पैनी निगाह रहती है.
3 जिलों में सिर्फ 3 बजे तक होगा मतदान: प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट के तीन विधानसभा क्षेत्र, मंडला के 55 मतदान केन्द्रों और डिंडोरी के 40 मतदान केन्द्रों पर मतदान सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक होगा.