ETV Bharat / state

मंडी अधिनियम में बदलाव, प्रदेश के व्यापारी भी खोल सकेंगे अपनी निजी मंडियां

प्रदेश में चल रहे कोविड-19 संक्रमण के संकट के समय में प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मंडी अधिनियम में बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद प्रदेश के किसानों को फायदा हो सकता है. तमिलनाडु की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी अब निजी मंडिया खोलने की अनुमति दे दी गई है.

Traders of Madhya Pradesh will also be able to open their own mandis
मध्य प्रदेश के व्यापारी भी खोल सकेंगे अपनी निजी मंडियां
author img

By

Published : May 2, 2020, 8:44 AM IST

Updated : May 2, 2020, 5:17 PM IST

भोपाल | प्रदेश में चल रहे कोविड-19 संक्रमण के संकट के समय में प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मंडी अधिनियम में बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद प्रदेश के किसानों को फायदा हो सकता है. तमिलनाडु की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी अब निजी मंडिया खोलने की अनुमति दे दी गई हैं. शिवराज सरकार ने किसानों को उपज के प्रतिस्पर्धी दाम दिलाने की मनसा से यह बड़ा कदम उठाया है. यही वजह है कि निजी मंडियां खोलने का प्रावधान मंडी अधिनियम में कर दिया गया है.

सरकार व्यापारियों को एक लाइसेंस के जारी करेगी. जिसमे पूरे प्रदेश में कहीं भी अनाज खरीदी करने की छूट दी जाएगी. इसके अलावा गोदाम, स्टील सायलो या फिर कोल्ड स्टोरेज व्यापारियों के पास उपलब्ध होता है तो इसे मंडी घोषित किया जा सकेगा. सरकार ने किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए निजी मंडियों के कारोबार में मंडी बोर्ड का हस्तक्षेप नहीं रखा है, इसलिए मंडी बोर्ड किसी भी तरह से इन व्यापारियों के द्वारा स्थापित की जा रही निजी मंडियों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.मंडी अधिनियम में संशोधन को राज्यपाल लालजी टंडन की अनुमति से लागू किया गया है. 272 मंडी और मंडियां पहले से स्थापित हैं. अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद के अलावा सभी प्रकार की उपज की खरीदी बिक्री फिलहाल यही से हो रही है .

मध्य प्रदेश के व्यापारी भी खोल सकेंगे अपनी निजी मंडियां
सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि, मंडियों में आप एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. किसानों को उपज का अधिक से अधिक मूल्य मिले इसे देखते हुए ही मंडी अधिनियम को संशोधित किया गया है. भारत सरकार के मॉडल मंडी अधिनियम के सभी प्रावधान इसमें शामिल किए गए हैं. इसके अलावा इस संशोधन की जानकारी प्रदेश के किसानों को भी दी गई है और सभी किसान इस संशोधन के पक्ष में रहे हैं. सभी किसान चाहते हैं कि, प्रदेश में व्यापारियों के द्वारा भी निजी मंडियां स्थापित हो, इससे किसान अपनी स्वेच्छा से जहां चाहे वहां फसल बेच सकता है ऐसी स्थिति में किसान को फसल का अच्छा मूल्य भी मिलेगा और मार्केट में एक कंपटीशन भी दिखाई देगा. जिसका सीधा फायदा किसानों को ही होगा. सरकार का उद्देश्य है कि, किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिल सके. निजी मंडियां व्यापारी अपने स्तर पर जहां चाहें, वहां खोल सकते हैं. सरकार के जो नियम है उनका पालन उन्हें करना होगा. दूसरे राज्य में अपनी फसलों का किसान कर सकता है सौदा

राज्य सरकार के द्वारा ई टेंडरिंग व्यवस्था भी लागू की गई है. इसके तहत पूरे देश की मंडियों के दाम अब किसानों को उपलब्ध रहेंगे. वे देश की किसी भी मंडी या फिर किसी भी राज्य में अपनी फसलों का सौदा कर सकते हैं. यदि किसान को लगता है कि, उसकी फसल का अधिक मूल्य अन्य राज्य की कृषि मंडी में मिल रहा है, तो वह वहां पर अपना सौदा कर सकता है. मंडी अधिनियम में जो संशोधन किया गया है, उसके तहत किसानों को बहुत फायदा होने वाला है. क्योंकि अब किसान घर बैठे ही अपनी फसल व्यापारी को सही मूल्य मिलने पर बेच सकता है. उसे मंडी जाने की बाध्यता नहीं होगी, एक तरह से किसान अब पूर्ण रूप से स्वतंत्र है कि वह अपनी फसल किसे बेचना चाहता है.

भोपाल | प्रदेश में चल रहे कोविड-19 संक्रमण के संकट के समय में प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मंडी अधिनियम में बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद प्रदेश के किसानों को फायदा हो सकता है. तमिलनाडु की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी अब निजी मंडिया खोलने की अनुमति दे दी गई हैं. शिवराज सरकार ने किसानों को उपज के प्रतिस्पर्धी दाम दिलाने की मनसा से यह बड़ा कदम उठाया है. यही वजह है कि निजी मंडियां खोलने का प्रावधान मंडी अधिनियम में कर दिया गया है.

सरकार व्यापारियों को एक लाइसेंस के जारी करेगी. जिसमे पूरे प्रदेश में कहीं भी अनाज खरीदी करने की छूट दी जाएगी. इसके अलावा गोदाम, स्टील सायलो या फिर कोल्ड स्टोरेज व्यापारियों के पास उपलब्ध होता है तो इसे मंडी घोषित किया जा सकेगा. सरकार ने किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए निजी मंडियों के कारोबार में मंडी बोर्ड का हस्तक्षेप नहीं रखा है, इसलिए मंडी बोर्ड किसी भी तरह से इन व्यापारियों के द्वारा स्थापित की जा रही निजी मंडियों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.मंडी अधिनियम में संशोधन को राज्यपाल लालजी टंडन की अनुमति से लागू किया गया है. 272 मंडी और मंडियां पहले से स्थापित हैं. अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद के अलावा सभी प्रकार की उपज की खरीदी बिक्री फिलहाल यही से हो रही है .

मध्य प्रदेश के व्यापारी भी खोल सकेंगे अपनी निजी मंडियां
सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि, मंडियों में आप एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. किसानों को उपज का अधिक से अधिक मूल्य मिले इसे देखते हुए ही मंडी अधिनियम को संशोधित किया गया है. भारत सरकार के मॉडल मंडी अधिनियम के सभी प्रावधान इसमें शामिल किए गए हैं. इसके अलावा इस संशोधन की जानकारी प्रदेश के किसानों को भी दी गई है और सभी किसान इस संशोधन के पक्ष में रहे हैं. सभी किसान चाहते हैं कि, प्रदेश में व्यापारियों के द्वारा भी निजी मंडियां स्थापित हो, इससे किसान अपनी स्वेच्छा से जहां चाहे वहां फसल बेच सकता है ऐसी स्थिति में किसान को फसल का अच्छा मूल्य भी मिलेगा और मार्केट में एक कंपटीशन भी दिखाई देगा. जिसका सीधा फायदा किसानों को ही होगा. सरकार का उद्देश्य है कि, किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिल सके. निजी मंडियां व्यापारी अपने स्तर पर जहां चाहें, वहां खोल सकते हैं. सरकार के जो नियम है उनका पालन उन्हें करना होगा. दूसरे राज्य में अपनी फसलों का किसान कर सकता है सौदा

राज्य सरकार के द्वारा ई टेंडरिंग व्यवस्था भी लागू की गई है. इसके तहत पूरे देश की मंडियों के दाम अब किसानों को उपलब्ध रहेंगे. वे देश की किसी भी मंडी या फिर किसी भी राज्य में अपनी फसलों का सौदा कर सकते हैं. यदि किसान को लगता है कि, उसकी फसल का अधिक मूल्य अन्य राज्य की कृषि मंडी में मिल रहा है, तो वह वहां पर अपना सौदा कर सकता है. मंडी अधिनियम में जो संशोधन किया गया है, उसके तहत किसानों को बहुत फायदा होने वाला है. क्योंकि अब किसान घर बैठे ही अपनी फसल व्यापारी को सही मूल्य मिलने पर बेच सकता है. उसे मंडी जाने की बाध्यता नहीं होगी, एक तरह से किसान अब पूर्ण रूप से स्वतंत्र है कि वह अपनी फसल किसे बेचना चाहता है.

Last Updated : May 2, 2020, 5:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.