भोपाल। चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग का जश्न भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के सरकारी आवास पर भी मनाया गया. ढोल की थाप पर प्रज्ञा सिंह ने झंडा उठाकर इसे गर्व का पाल बताया. वहीं खुद भी समर्थकों के संग ढोल भी बजाती हुई नजर आई. प्रज्ञा सिंह ठाकुर का कहना था कि "यह बेहद ही गर्व का पल है, भारत के वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया है, उन्हें ढेर सारी बधाइयां देती है. इसको लेकर प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री का भी आभार माना और कहा कि उनके नेतृत्व में लगातार देश आगे बढ़ रहा है और अब तो हम चांद पर भी पहुंच गए हैं. इसको लेकर प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने वैज्ञानिकों को आशीर्वाद भी दिया है. उन्होंने कहा की लगन से उन्होंने काम किया है. इतनी कुशलता से उन्होंने जो काम किया है, इसमें उन्होंने सफलता पाई है. इसके लिए उनको बहुत-बहुत बधाई.
दिग्विजय सिंह लगा भी नहीं सकते बजरंग दल पर बैन: दिग्विजय सिंह के बजरंग दल पर बैन न लगाने वाले बयान पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा. प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि "मध्य प्रदेश में जनता ने कांग्रेस को उखाड़ कर फेंक दिया है. यह क्या बजरंग दल पर बैन नहीं लगाने की बात कहते हैं. ऐसे बयान देना दिग्विजय सिंह की मजबूरी है. भले ही उनका शासन भी आ जाए, तो भी वह बजरंग दल पर बैन नहीं लगा सकते, क्योंकि यह धर्म भूमि है, यह पवित्र भूमि है और यह मध्य प्रदेश है. यहां का जन-जन जागृत है. इसलिए यहां ऐसा वह कुछ कर भी नहीं सकते. इसलिए पहले से ही ऐसे बयान दे रहे हैं की बजरंग दल पर बैन नहीं लगाएंगे. भोपाल से ही जनता ने उन्हें उखाड़ कर फेंक दिया था और जबकि वह 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे. जिन्होंने भगवा को आतंकवाद कहा, हिंदू को आतंकवाद कहा, ऐसे लोगों के विरुद्ध जनता है, लेकिन वह सोच रहे हैं कि अगर हम ऐसा कहेंगे तो जनता हमारे पक्ष में होगी, लेकिन जनता उनकी नीयत और उनके डीएनए को पहचान चुकी है."
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पूर्व सीएम के बयान पर सांसद का पलटवार: वहीं दिग्विजय सिंह के इसरो के वैज्ञानिकों को सैलरी न दिए जाने वाले बयान पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि "यह दिग्विजय सिंह की ये मानसिकता को दर्शाता है. यह वैज्ञानिकों के मनोबल को कम करने की बात करते हैं. यह पहले भी राम मंदिर के समय उसके मुहूर्त को लेकर अशुभता की बात कर चुके हैं. वैज्ञानिकों को इस तरह से कहना उनका मनोबल कम करना है. मंत्रिमंडल विस्तार और चुनाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह तो चुनाव की रणनीति होती है, लेकिन अभी बात सिर्फ चंद्रयान की क्योंकि हर जन इसको लेकर उत्साहित है. भोलेनाथ का सावन महीना चल रहा है और भोलेनाथ की कृपा से ही ये हुआ. शिवजी के मस्तक पर जो चंद्रमा है, उस चंद्रमा पर आज चंद्रयान उतरा है, तो यह विश्वास लोगों का था, उस विश्वास पर वैज्ञानिक खरे उतरे और भोलेनाथ की कृपा से यह काम हुआ है."