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मोदी सरकार से MP को जल्द मिलेगा बाढ़ राहत पैकेज! केन्द्रीय दल ने प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा, शिवराज सरकार के बारे में कही ये बात

मध्यप्रदेश में बाढ़ और उससे जुड़ी घटनाओं में अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 हजार से अधिक घरों को भारी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने सर्वे रिपोर्ट केंद्र को भेज दी है. जिसके बाद दिल्ली से आई टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया.

य दल ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का किया दौरा
central team visited flood affected areas
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Published : Aug 18, 2021, 9:33 AM IST

Updated : Aug 18, 2021, 9:43 AM IST

भोपाल। दिल्ली से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने आए केंद्रीय दल ने शिवराज सरकार की जमकर तारीफ की, केंद्रीय दल ने पाया कि स्थानीय प्रशासन ने राहत के कार्यों में अच्छा काम किया. राज्य सरकार के निर्देश पर तत्काल उठाए गए कदमों और मंत्रियों के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में मौजूद रहकर राहत कार्यों के अवलोकन को सराहा, प्रशासन की स्वयंसेवी संस्था द्वारा किए गए बचाव और राहत के प्रयासों से लोगों को मदद मिली.

6 लोगों के दल की दो टीम बनाई गईं
केंद्रीय दल ने 16 और 17 अगस्त को ग्वालियर चंबल संभाग के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे के लिए डबरा तहसील के साथ-साथ अन्य तहसील और गांव का निरीक्षण किया. सिंध नदी के क्षतिग्रस्त पुल देखने के बाद टीम ने फसलों की क्षति का निरीक्षण भी किया. इसके अलावा एनएच 44 पर सिंध नदी पर बने पुल के नुकसान का भी जायजा लिया. केंद्रीय दल मेवाड़ा होते हुए मानपुर गया रास्ते में सड़क के किनारे रखा हजारों क्विंटल गेहूं और चने (जो बाढ़ से खराब हुआ) का अवलोकन भी किया. शहरी क्षेत्र श्योपुर का भी टीम ने निरीक्षण किया.

MP में बाढ़ से 10 हजार करोड़ का नुकसान, 36 की मौत: सरकार ने केंद्र को भेजी सर्वे रिपोर्ट, बड़े राहत पैकेज की उम्मीद

केंद्र से जल्द मिलेगा राहत पैकेज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय दल से बातचीत की और कहा कि राज्य शासन ने संसाधनों का उपयोग कर लोगों की जान बचाने का काम किया. आपदा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और कृषि मंत्रियों से संवाद होता रहा. उनका सहयोग लगातार मिलता रहा. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ सेना ने भी राहत कार्य में पूरी मदद की. क्षति के आकलन के लिए राजस्व कृषि और पंचायत विभागों का संयुक्त दल काम कर रहा है. पारदर्शिता के साथ प्रभावितों की सूची तैयार की जाएगी, इसे पंचायत भवन में प्रदर्शित किया जाएगा. कोरोना काल में सक्रिय रही क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों को भी जिम्मेदारी दी गई है.

नदी किनारे बने मकानों को भी मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित जिलों में जनहानि नहीं होने दी गई, लेकिन किसान जो फसल बेचने के लिए सुरक्षित रख लेते हैं की बाजार में कीमत ज्यादा मिलने पर उसे बेचेंगे वह बर्बाद हो गयी. कुछ दुकानों की भी ऐसी क्षति हुई है, जो राजस्व पुस्तक परिपत्र की परिधि में नहीं है. लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से मदद दी जाएगी. खेतों में जमा सिल्ट और विशेष रूप से नदियों नालों के किनारे रहने वाले लोगों के कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इन्हें अधिक से अधिक सहायता की अनुशंसा की जाती है. राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन कर 12 मंत्रियों को विशेष दायित्व सौपे हैं. हर दूसरे तीसरे दिन टास्क फोर्स की बैठक में राहत कार्यों की समीक्षा की जाती है.

श्योपुर बाढ़ में सबसे ज्यादा प्रभावित
श्योपुर सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित हुआ है. यहां का एक तिहाई क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित रहा. आवास योजनाओं में मध्यप्रदेश के कोटे के आवास गृह की संख्या बढ़ाने का प्रयास है. इसके लिए केंद्रीय मंत्रियों से चर्चा की जाएगी. मुख्यमंत्री निवास पर केंद्रीय दल के सदस्यों की बैठक हुई. 6 सदस्य केंद्रीय दल में सुनील कुमार वर्णवाल संयुक्त सचिव गृह मंत्रालय अभय कुमार उप आर्थिक सलाहकार वित्त एके तिवारी, डायरेक्टर डीपीडी समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.

भोपाल। दिल्ली से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने आए केंद्रीय दल ने शिवराज सरकार की जमकर तारीफ की, केंद्रीय दल ने पाया कि स्थानीय प्रशासन ने राहत के कार्यों में अच्छा काम किया. राज्य सरकार के निर्देश पर तत्काल उठाए गए कदमों और मंत्रियों के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में मौजूद रहकर राहत कार्यों के अवलोकन को सराहा, प्रशासन की स्वयंसेवी संस्था द्वारा किए गए बचाव और राहत के प्रयासों से लोगों को मदद मिली.

6 लोगों के दल की दो टीम बनाई गईं
केंद्रीय दल ने 16 और 17 अगस्त को ग्वालियर चंबल संभाग के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे के लिए डबरा तहसील के साथ-साथ अन्य तहसील और गांव का निरीक्षण किया. सिंध नदी के क्षतिग्रस्त पुल देखने के बाद टीम ने फसलों की क्षति का निरीक्षण भी किया. इसके अलावा एनएच 44 पर सिंध नदी पर बने पुल के नुकसान का भी जायजा लिया. केंद्रीय दल मेवाड़ा होते हुए मानपुर गया रास्ते में सड़क के किनारे रखा हजारों क्विंटल गेहूं और चने (जो बाढ़ से खराब हुआ) का अवलोकन भी किया. शहरी क्षेत्र श्योपुर का भी टीम ने निरीक्षण किया.

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केंद्र से जल्द मिलेगा राहत पैकेज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय दल से बातचीत की और कहा कि राज्य शासन ने संसाधनों का उपयोग कर लोगों की जान बचाने का काम किया. आपदा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और कृषि मंत्रियों से संवाद होता रहा. उनका सहयोग लगातार मिलता रहा. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ सेना ने भी राहत कार्य में पूरी मदद की. क्षति के आकलन के लिए राजस्व कृषि और पंचायत विभागों का संयुक्त दल काम कर रहा है. पारदर्शिता के साथ प्रभावितों की सूची तैयार की जाएगी, इसे पंचायत भवन में प्रदर्शित किया जाएगा. कोरोना काल में सक्रिय रही क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों को भी जिम्मेदारी दी गई है.

नदी किनारे बने मकानों को भी मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित जिलों में जनहानि नहीं होने दी गई, लेकिन किसान जो फसल बेचने के लिए सुरक्षित रख लेते हैं की बाजार में कीमत ज्यादा मिलने पर उसे बेचेंगे वह बर्बाद हो गयी. कुछ दुकानों की भी ऐसी क्षति हुई है, जो राजस्व पुस्तक परिपत्र की परिधि में नहीं है. लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से मदद दी जाएगी. खेतों में जमा सिल्ट और विशेष रूप से नदियों नालों के किनारे रहने वाले लोगों के कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इन्हें अधिक से अधिक सहायता की अनुशंसा की जाती है. राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन कर 12 मंत्रियों को विशेष दायित्व सौपे हैं. हर दूसरे तीसरे दिन टास्क फोर्स की बैठक में राहत कार्यों की समीक्षा की जाती है.

श्योपुर बाढ़ में सबसे ज्यादा प्रभावित
श्योपुर सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित हुआ है. यहां का एक तिहाई क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित रहा. आवास योजनाओं में मध्यप्रदेश के कोटे के आवास गृह की संख्या बढ़ाने का प्रयास है. इसके लिए केंद्रीय मंत्रियों से चर्चा की जाएगी. मुख्यमंत्री निवास पर केंद्रीय दल के सदस्यों की बैठक हुई. 6 सदस्य केंद्रीय दल में सुनील कुमार वर्णवाल संयुक्त सचिव गृह मंत्रालय अभय कुमार उप आर्थिक सलाहकार वित्त एके तिवारी, डायरेक्टर डीपीडी समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.

Last Updated : Aug 18, 2021, 9:43 AM IST
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