भोपाल। प्रदेश के कई जिलो में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण किसानों की फसलें प्रभावित हुईं हैं, फसलों का एक बार फिर निरीक्षण करने के लिए केंद्रीय दल प्रदेश के दौरे पर आया हुआ है. भारत सरकार के अंतर मंत्रालयीन अधिकारी दल ने कई जिलों का एक बार फिर से दौरा किया, और इस दौरान खराब हो चुकी फसल का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की गई है, जो केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी.
केंद्रीय दल ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की. इस दौरान सीएम ने केंद्रीय दल से चर्चा करते हुए प्रदेश में अति वर्षा और बाढ़ से प्रभावित जिलों का भ्रमण किया, साथ ही फसल के नुकसान का आकलन करने वाले अधिकारियों को धन्यवाद भी दिया.
अंतर मंत्रालयी दल के प्रभारी संयुक्त सचिव राजवीर सिंह ने मुख्यमंत्री को दल की राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, और संपादित कार्यों की जानकारी दी. बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त के के सिंह, प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री से भेंट करने आए दल में मत्स्य पालन और पशुपालन आयुक्त सुलेखा, संयुक्त संचालक एन सत्यनारायण, अवर सचिव हरित कुमार शाक्य, घनश्याम मीना, संचालक एफसीडी सुभाषचंद्र मीना, भारतीय खाद्य निगम के डीजीएम वीरेन्द्र कुमार भारती के अलावा मध्यप्रदेश के मंडी बोर्ड, बीज प्रमाणीकरण संस्था, कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय और कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे.
इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अतिवर्षा से प्रदेश के किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर्वोत्तम प्रबंध किए जा रहे हैं. शॉर्ट टर्म प्रयासों के अंतर्गत किसानों को तत्काल राहत राशि देने के बाद लॉन्ग टर्म योजना में किसानों को कृषि कार्य संबंधी मार्गदर्शन भी दिया जाएगा. सीएम ने कहा कि इस मानसून में अगस्त के अंतिम सप्ताह में हुई अतिवर्षा ने फसलों को काफी प्रभावित किया है, साथ ही उन्होंने स्वयं अनेक जिलों में जाकर बर्बाद फसलें देखीं, और किसानों से चर्चा की, वहीं केन्द्रीय दल ने भी आकलन की कार्रवाई की.
मुख्यमंत्री ने दल के सदस्यों से अपेक्षा की कि दल वास्तविक प्रतिवेदन सौंपेगी, इससे निश्चित ही मध्यप्रदेश के किसानों के हित में अन्य आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से भेंटकर मध्यप्रदेश में कृषि फसलों को हुए नुकसान की विस्तारपूर्वक जानकारी दी है. वहीं मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड-19 के संकट के कारण आपदा की मद की राशि का करीब एक तिहाई हिस्सा व्यय करना पड़ा, जिसके फलस्वरूप फसलों की क्षति के लिए भारत सरकार से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा है.
इस दौरान सीएम ने कहा कि अतिवर्षा और बाढ़ की वजह से फसलों की क्षति को देखते हुए कृषि और किसान कल्याण विभाग ने किसानों को क्रॉप पेटर्न के संबंध में जानकारी दी जाएगी. सिर्फ एक या दो प्रमुख फसलों पर निर्भर रहने वाले किसान बन्धुओं को अंतरवर्ती फसलों के लिए प्रेरित किया जाएगा.
आज किसान सिर्फ सोयाबीन के स्थान पर मक्का और धान उत्पादन के लिए आगे आएं हैं. रबी और खरीफ दोनों के लिए व्यवहारिक समाधान अपना कर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. मध्यप्रदेश की जलवायु, मिट्टी के मुताबिक फसलों के लिए बुआई और उद्यानिकी से लाभ प्राप्ति पर भी किसानों को मार्गदर्शन मिलेगा.