भोपाल। मानसून में हुई भारी बारिश के बाद राजधानी भोपाल के आस-पास के कई ग्रामीण क्षेत्रों में भारी मात्रा में फसलों को नुकसान हुआ है. इसके अलावा प्रदेश के कई जिलों में भी अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसल बर्बाद हुई है. वहीं फसलों का निरीक्षण करने एक बार फिर केंद्रीय निरीक्षण दल दोबारा मध्यप्रदेश पहुंचा है.
भारत सरकार के केन्द्रीय दल ने भोपाल जिले के ग्राम भौरी, खजूरी सड़क, धमानिया फंदा, टीलाखेड़ी में कीट व्याधि से सोयाबीन, उड़द फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया. केन्द्रीय दल में शामिल मत्स्य पालन पशुपालन विभाग की आयुक्त सुलेखा एसएल और रिसर्च एसोसिएट डॉ. श्वेतल वानखेड़े ने हुई फसलों को अति वर्षा के साथ ही कीट व्याधि से हुए नुकसान का जायजा लिया. अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान केन्द्रीय दल को फसलों को हुए नुकसान के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया.
कलेक्ट्रेट कार्यालय में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने भी केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों से मुलाकात कर बताया कि अति वृष्टि और कीट व्याधि से जिले में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने दल को गांव और फसलों के नुकसान की सूची भी सौंपी है. भोपाल कलेक्टर ने केन्द्रीय दल से आग्रह किया है कि वे प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने में जिला-प्रशासन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर सहानुभूतिपूर्वक कार्रवाई करें.
बता दें अतिवृष्टि से खराब हुईं फसलों को लेकर किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया था. इसके बाद फसलों का निरीक्षण करने के लिए एक बार केंद्रीय दल प्रदेश के दौरे पर आ चुका है और जितने भी क्षेत्रों का उस समय निरीक्षण किया गया था, उसकी एक रिपोर्ट भारत सरकार को सौंप दी गई है. लेकिन प्रदेश के बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों का निरीक्षण नहीं हो पाया था. इसे देखते हुए केंद्रीय निरीक्षण दल दोबारा मध्य प्रदेश पहुंचा है.