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बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने आई केंद्रीय दल, सरकार ने मांगी करीब 6 हजार करोड़ की सहायता राशि - bhopal news

मध्यप्रदेश सरकार ने अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल की बैठक में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को हुई क्षति के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फण्ड (एनडीआरएफ) से 6 हजार 621 करोड़ की मदद देने की मांग की है.

केंद्रीय दल ने की बैठक
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Published : Oct 17, 2019, 8:48 AM IST

Updated : Oct 17, 2019, 11:44 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान की वास्तविक स्थिति का संज्ञान लेने के लिए एक बार फिर केंद्रीय दल मध्य प्रदेश के दौरे पर आया हुआ है. इस दौरान टीम ने मंत्रालय पहुंचकर मुख्य सचिव से बाढ़ की स्थिति पर बैठक की है. वहीं राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन से भी मुलाकात की है.

केंद्रीय दल ने की बैठक

संयुक्त सचिव केन्द्रीय गृह मंत्रालय एसके शाही के नेतृत्व में आए अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल ने प्रदेश के 15 जिलों का भ्रमण कर राज्य शासन के अधिकारियों के साथ मंत्रालय में बैठक की. मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में मंत्रालय में संपन्न अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल की बैठक में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को हुई क्षति के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (एनडीआरएफ) से 6 हजार 621 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है.

कितना हुआ नुकसान

प्रदेश में खरीफ की 149.35 लाख हेक्टेयर फसल में से 60.52 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है. इससे लगभग 55.36 लाख किसान प्रभावित हुए हैं. वहीं 11 हजार किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. लगभग 18 हजार 604 बिजली के खंभे, ट्रांसफॉर्मर और 1.2 लाख मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

मुख्य सचिव एस आर मोहन्ती ने बैठक में केन्द्र की ओर से तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुये प्रदेश की स्थिति को गंभीर आपदा के रूप में लेने का अनुरोध किया.

कितनी राशि की है जरूरत

  • क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के लिए 2 हजार 285.88 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी.
  • वहीं फसलों को हुए नुकसान के लिए 3 हजार 742 करोड़.
  • क्षतिग्रस्त मकानों और जानमाल के नुकसान की भरपाई के लिए 579 करोड़ 96 लाख तथा आपदा राहत आदि के लिए 13 करोड़ 44 लाख रूपये की सहायता की केन्द्र से मांग गई है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान की वास्तविक स्थिति का संज्ञान लेने के लिए एक बार फिर केंद्रीय दल मध्य प्रदेश के दौरे पर आया हुआ है. इस दौरान टीम ने मंत्रालय पहुंचकर मुख्य सचिव से बाढ़ की स्थिति पर बैठक की है. वहीं राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन से भी मुलाकात की है.

केंद्रीय दल ने की बैठक

संयुक्त सचिव केन्द्रीय गृह मंत्रालय एसके शाही के नेतृत्व में आए अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल ने प्रदेश के 15 जिलों का भ्रमण कर राज्य शासन के अधिकारियों के साथ मंत्रालय में बैठक की. मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में मंत्रालय में संपन्न अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल की बैठक में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को हुई क्षति के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (एनडीआरएफ) से 6 हजार 621 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है.

कितना हुआ नुकसान

प्रदेश में खरीफ की 149.35 लाख हेक्टेयर फसल में से 60.52 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है. इससे लगभग 55.36 लाख किसान प्रभावित हुए हैं. वहीं 11 हजार किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. लगभग 18 हजार 604 बिजली के खंभे, ट्रांसफॉर्मर और 1.2 लाख मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

मुख्य सचिव एस आर मोहन्ती ने बैठक में केन्द्र की ओर से तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुये प्रदेश की स्थिति को गंभीर आपदा के रूप में लेने का अनुरोध किया.

कितनी राशि की है जरूरत

  • क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के लिए 2 हजार 285.88 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी.
  • वहीं फसलों को हुए नुकसान के लिए 3 हजार 742 करोड़.
  • क्षतिग्रस्त मकानों और जानमाल के नुकसान की भरपाई के लिए 579 करोड़ 96 लाख तथा आपदा राहत आदि के लिए 13 करोड़ 44 लाख रूपये की सहायता की केन्द्र से मांग गई है.
Intro:बाढ़ से हुई क्षति के लिये केन्द्रीय दल से 6 हजार 621 करोड़ की सहायता की मांग

भोपाल | मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद आई बाढ़ की वास्तविक स्थिति का संज्ञान लेने के लिए एक बार फिर केंद्रीय दल मध्य प्रदेश के दौरे पर आया हुआ है इस दौरान उन्होंने मंत्रालय पहुंचकर मुख्य सचिव से बाढ़ की स्थिति को लेकर बैठक की है तो वहीं राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से भी मुलाकात की है .
Body:संयुक्त सचिव केन्द्रीय गृह मंत्रालय एस.के.शाही के नेतृत्व में आये अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल ने प्रदेश के 15 जिलों का भ्रमण कर राज्य शासन के अधिकारियों के साथ मंत्रालय में बैठक की . मुख्य सचिव एस.आर मोहन्ती की अध्यक्षता में मंत्रालय में संपन्न अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल की बैठक में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को हुई क्षति के लिये नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फण्ड (एनडीआरएफ) से 6 हजार 621 करोड़ रूपये की सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है . प्रदेश में खरीफ की 149.35 लाख हेक्टेयर फसल में से 60.52 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है . इससे लगभग 55.36 लाख किसान प्रभावित हुए हैं . प्रदेश की लगभग 11 हजार किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं . लगभग 18 हजार 604 बिजली के खंबे और ट्रांन्सफार्मर तथा 1.2 लाख मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं . मुख्य सचिव मोहन्ती ने बैठक में केन्द्र की ओर से तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुये प्रदेश की स्थिति को गंभीर आपदा के रूप में लेने का अनुरोध किया .
केन्द्रीय दल को अवगत कराया गया कि प्रदेश में एक जून से 30 सितम्बर तक की अवधि में 1348.3 एम.एम. वर्षा हुई, जो सामान्य से 43 प्रतिशत अधिक है. प्रदेश के 20 जिले अतिवृष्टि से प्रभावित हैं. भारी बारिश के कारण लगभग 75 हजार लोगों को राहत शिविरों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर लाना पड़ा और लगभग 289 राहत शिविर संचालित किये गये .

बैठक में बताया गया कि स्कूल शिक्षा तथा आदिम जाति कार्य विभाग के 19 हजार 958 और महिला-बाल विकास के 17 हजार 106 भवन तथा ग्रामीण विकास की 2 हजार 923 जल प्रदाय से संबंधित 2 हजार 398 संरचनाओं को नुकसान हुआ है . इसके साथ स्वास्थ्य, जल संसाधन विभाग के भवन भी प्रभावित हुए हैं . क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के लिए 2285.88 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी . इसी क्रम में फसलों को हुए नुकसान के लिए 3 हजार 742 करोड़, क्षतिग्रस्त मकानों और जानमाल के नुकसान की भरपाई के लिए 579 करोड़ 96 लाख तथा आपदा राहत आदि के लिए 13 करोड़ 44 लाख रूपये की सहायता की केन्द्र से मांग गई है . Conclusion:केन्द्रीय दल ने राज्यपाल से भी की मुलाकात

राज्यपाल लालजी टंडन से प्रदेश में अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के आंकलन के लिए प्रदेश प्रवास पर आये अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल ने राजभवन में भेंट की . राज्यपाल ने दल से कहा कि प्रदेश के अतिवृष्टि पीड़ित किसान और गरीब के प्रति संवेदनशील दृष्टि के साथ क्षति का अध्ययन किया जाए . क्षति का आंकलन उदार और व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि से सोयाबीन और अन्य फसलों की काफी हानि की सूचनाएँ मिल रही हैं . उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े भू-भाग में सोयाबीन फसल का उत्पादन होता है. अतिवृष्टि से सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ है . राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की कृषि अर्थ-व्यवस्था में सोयाबीन का बड़ा योगदान है . फसल की क्षति से ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा .राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली आपदा राहत अधिकतम हो . केन्द्रीय दल द्वारा इस दिशा में सकारात्मक पहल की जाए .
Last Updated : Oct 17, 2019, 11:44 AM IST
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