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एमपी में बाढ़ से बर्बाद फसलों का आंकलन करने पहुंची केंद्रीय टीम

प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान के आंकलन के लिए केंद्र सरकार की 8 सदस्य टीम मध्यप्रदेश के गांवों का दौरा कर रही है. इस दल की तीन अलग-अलग टीमें जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन और सागर संभाग के जिलों के गांवों के हालात का जायजा ले रही है.

केंद्रीय टीम कर रही बर्बाद फसलों का सर्वे
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Published : Oct 14, 2019, 9:22 PM IST

भोपाल। प्रदेश में हुई भारी बारिश और बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान के आंकलन के लिए केंद्र सरकार की 8 सदस्य टीम मध्यप्रदेश के दौरे पर है. इस दल की तीन अलग-अलग यूनिट जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन और सागर संभाग के जिलों में जाकर हालात का जायजा ले रही है.

केंद्रीय टीम कर रही बर्बाद फसलों का सर्वे

टीम ने पहले दिन निवाड़ी जिले के ओरछा, निवाड़ी और पृथ्वीपुर के गांवों में हुए नुकसान का जायजा लिया. टीम के साथ राजस्व और अन्य विभागों के अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है, जो साथ जाकर प्रभावितों से बात कराने और नुकसान के बारे में जानकारी दिलाने में मदद करेंगे. जांच दल इस बार फसलों के साथ सड़क, पुल-पुलिया का भी निरीक्षण कर रहा है. माना जा रहा है कि अध्ययन दल दो दिन बाद यानि 16 अक्टूबर की शाम को मुख्य सचिव या राज्य के प्रमुख सचिव के साथ बैठक करेंगे.

अक्टूबर माह के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और बाढ़ से प्रदेश में हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट प्रधानमंत्री के समक्ष पेश की थी. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री से नुकसान के सर्वे के लिए एक बार फिर अध्ययन दल भेजने की मांग की थी.

भोपाल। प्रदेश में हुई भारी बारिश और बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान के आंकलन के लिए केंद्र सरकार की 8 सदस्य टीम मध्यप्रदेश के दौरे पर है. इस दल की तीन अलग-अलग यूनिट जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन और सागर संभाग के जिलों में जाकर हालात का जायजा ले रही है.

केंद्रीय टीम कर रही बर्बाद फसलों का सर्वे

टीम ने पहले दिन निवाड़ी जिले के ओरछा, निवाड़ी और पृथ्वीपुर के गांवों में हुए नुकसान का जायजा लिया. टीम के साथ राजस्व और अन्य विभागों के अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है, जो साथ जाकर प्रभावितों से बात कराने और नुकसान के बारे में जानकारी दिलाने में मदद करेंगे. जांच दल इस बार फसलों के साथ सड़क, पुल-पुलिया का भी निरीक्षण कर रहा है. माना जा रहा है कि अध्ययन दल दो दिन बाद यानि 16 अक्टूबर की शाम को मुख्य सचिव या राज्य के प्रमुख सचिव के साथ बैठक करेंगे.

अक्टूबर माह के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और बाढ़ से प्रदेश में हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट प्रधानमंत्री के समक्ष पेश की थी. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री से नुकसान के सर्वे के लिए एक बार फिर अध्ययन दल भेजने की मांग की थी.

Intro:भोपाल. मध्यप्रदेश में हुई भारी बारिश और बाढ़ से किसानों को हुए भारी नुकसान के आकलन के लिए केंद्र की 8 सदस्य टीम मध्य प्रदेश के दौरे पर है। अध्ययन दल कि तीन अलग-अलग टीमें जबलपुर ग्वालियर, इंदौर उज्जैन और सागर संभाग के जिलों में जाकर हालात का जायजा ले रही है। अध्ययन दल में शामिल अधिकांश अवसर वही है जो पिछले माह दौरे पर आए थे।


Body:अध्ययन दल के अधिकारियों ने राज्यसभा के अफसरों के साथ बैठक करने के स्थान पर सीधे फील्ड में जाने का फैसला लिया। अध्ययन दल 3 दिन तक लगातार 5 संभागों के जिलों में जाकर सर्वे कार्य करेंगे। पहले दिन अध्ययन दल ने सागर संभाग के निवाड़ी जिले के ओरछा निवाड़ी पृथ्वीपुर के गांव और सड़क पर बने पुल पुलिया ओं के नुकसान का जायजा लिया। अध्ययन दल की टीम के साथ राजस्व और अन्य विभागों के अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है जो साथ जाकर प्रभावितों से बात कराने और नुकसान के बारे में जानकारी दिलाने में मदद करेंगे जांच दल इस बार फसलों के साथ सड़क पुल-पुलिया का भी निरीक्षण कर रहा है. माना जा रहा है कि अध्ययन दल 2 दिन बाद यानी 16 अक्टूबर की शाम को मुख्य सचिव या राज्य सभा के प्रमुख सचिव के साथ बैठक करेंगे।


Conclusion:गौरतलब है कि माह के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और बाढ़ और भारी बारिश से मध्य प्रदेश में हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट प्रधानमंत्री के समक्ष पेश की थी। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री से नुकसान की सर्वे के लिए एक बार फिर अध्ययन दल भेजने की मांग की थी।
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