भोपाल। हर वर्ष पर्यावरण (2021 Environment Day) को लेकर थीम (2021 Environment Theme) बनाकर जागरूक किया जाता है, बावजूद इसके पर्यावरण खराब होता जा रहा है. पर्यावरण का स्तर राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गिर रहा है. कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की कमेटियां होने के बावजूद स्तिथियां बद से बदतर होती जा रही हैं. हालांकि पर्यावरण प्रेमी अपने स्तर से पुरजोर कोशिशें करते हैं. मध्य प्रदेश में ऐसे कई पर्यावरण प्रेमी हैं, जो लगातार जंगलों से हो रहे दोहन को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते रहते हैं. वहीं कुछ पर्यावरण प्रेमी लगातार पौधे लगाते आ रहे हैं.
ऐसे हुई थी पर्यावरण दिवस की शुरुआत
साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में इस दिन को लेकर चर्चा की गई. इसके बाद 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया, जिसके बाद हर साल पांच जून को यह दिन मनाये जाने लगा.
साल 2021 का यह है थीम
हर साल की तरह इस साल भी विश्व पर्यावरण दिवस (2021 Environment Day) के लिए थीम रखी गई है. साल 2021 की थीम 'पारिस्थितिकी तंत्र बहाली' है. पारिस्थितिक तंत्र की बहाली कई रूप में हो सकती है, जैसे- पेड़ उगाना, शहर को हरा-भरा करना, बगीचों को फिर से बनाना, नदियों और तटों की सफाई करना. हर किसी को इस दिन पर्यावरण की बहाली का संकल्प लेना चाहिए.
पर्यावरण से हैं हम
संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर ही निर्भर है. हमें समय रहते एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण की कल्पना करनी चाहिए. प्रकृति को बचाने के लिए सिर्फ एक अकेला व्यक्ति काफी नहीं है. हम सब को मिलकर कुछ संकल्प लेने होंगे, जिनसे हम अपने पर्यावरण को फिर से हरा-भरा कर सकें. हर किसी को साल में कम से कम एक या दो पौधे जरूर लगाने चाहिए और उनकी देखरेख भी करनी चाहिए. इसके साथ ही संकल्प लेना चाहिए कि वो नदी, तालाबों और पोखर को प्रदूषित नहीं करेंगे. पर्यावरण की रक्षा हमारे निर्भर है.
कोरोना कर्फ्यू में ऐसे मना सकते हैं पर्यावरण दिवस
- पर्यावरण दिवस (2021 Environment Day) के दिन घर में पेड़-पौधे लगा सकते हैं.
- ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित कर लोगों को अपने संदशों के जरिए पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
- आज के दिन खुद तो एक पौधा लगाएं, साथ ही अपने परिवार के हर सदस्य से भी एक-एक पौधा लगवाएं. इसके अलावा अपने पड़ोसी और दोस्तों को भी प्रेरित करें, ताकि आपके आस-पास का इलाके में पेड़ों की संख्या बढ़े और हरा भरा दिखे.
- आज के दिन सोशल मीडिया के जरिए लोगों से बात करें. उन्हें पर्यावरण के बारे में समझाएं. उन्हें बताएं कि पेड़ लगाना कितना जरूरी है. ऐसा करने से आप पर्यावरण दिवस के थीम पर भी काम कर पाओगे.
- पौधे को रोप देना काफी नहीं है, साल भर उसकी देखभाल का जिम्मा भी उठाएं क्योंकि लगभग एक साल में पेड़ अपनी जड़ें मजबूती से पकड़ लेता है.
एक लाख से ज्यादा पौधारोपण कर 25 सालों से कर रहे रखवाली, BSW की टीम ने किया सम्मान
साल 2021 के थीम पर 25 सालों से काम कर रहे गया प्रसाद
इस वर्ष के पर्यावरण के थीम (2021 Environment Theme) अन्य वर्षों के मुकाबले बहुत आसान है. इसे आप अपने घर पर भी मना सकते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस थीम पर कई वर्षों से काम कर रहे हैं. साल 2021 की थीम के आधार पर दमोह के गयाप्रसाद यादव पिछले 25 वर्षों से पौधे लगा रहे हैं और अब तक एक लाख से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं. वन विभाग के चौकीदार गयाप्रसाद वनविहीन पहाड़ियों में पौधरोपण के लिए रोल मॉडल बन गए हैं. वीरान पहाड़ी कहलाने वाली मड़ियादो के शिलापरी जंगल की सूरत गयाप्रसाद की मेहनत से बदल गई है. करीब 30 हेक्टेयर में फैला यह पहाड़ अब खूबसूरत वादियों में तब्दील हो गया है.
आबिद ने बंजर जमीन को किया हरा-भरा
नीमच के युवक आबिद पठान ने अपनी तीन साल की मेहनत से पीर बावजी घाटी की बंजर जमीन को हरा भरा कर दिया. लगातार तीन साल की मेहनत के बाद घाटी के चारों तरफ विभिन्न प्रकार के पेड़ लहरा रहे हैं. आबिद ने बताया कि उन्हें गार्डनिंग का बहुत शौक है. अब तक वह 1500 से ज्यादे पेड़ लगा चुके हैं, जिनकी सुरक्षा का जिम्मा उनके पास है. जिसकी देखरेख, निंदाई, खुदाई सहित अन्य कार्य की जिम्मेदारी आबिद की ही है. पेड़ पौधों की सुरक्षा के लिए चारों तरफ तार फेंसिंग की गई है. आबिद ने बताया कि इस घाटी में आम, सीताफल, आवला, जामफल, चीकू, अंजीर, अनार, नीम सहित अन्य प्रजाती के करीब 1500 पोधै लहरा रहे हैं.