भोपाल। CBI के भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते ने शुक्रवार को FCI के डिविजनल मैनेजर समेत 4 आरोपियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में एक क्लर्क को भी शामिल किया था, वहीं इसके बाद CBI ने इनके दफ्तरों में भी छापामार कार्रवाई की और रिकॉर्ड खंगाले. CBI के अफसरों ने बीती रात क्लर्क के घर भी छापामार कार्रवाई की थी.
मामले की गहन जांच में जुटी सीबीआई
छोला स्थित क्लर्क किशोर मीरा मीणा के घर पर सीबीआई की कार्रवाई जारी है. CBI ने अभी तक किशोर मीणा के घर से 387 ग्राम सोने के आभूषण, 670 ग्राम चांदी के लेख, तीन करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं. सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि उनको एक डायरी भी मिली है, जिसमें FCI के अधिकारियों ने अलग-अलग कंपनियों से ली गई रिश्वत की पूरी डिटेल है, अभी CBI की कार्रवाई जारी है.
सीबीआई ने इन्हें किया गिरफ्तार
गिरफ्तार व्यक्तियों को सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश भोपाल के समक्ष पेश किया. जहां से सीबीआई को दो जून तक की रिमांड मिल गई है. सीबीआई ने इस मामले में हरीश हिनोनिया मंडल प्रबंधक, अरुण श्रीवास्तव प्रबंधक (लेखा), मोहन पराटे प्रबंधक (सुरक्षा) और किशोर मीणा सहायक (ग्रेड-I) को गिरफ्तार किया है. रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में प्रबंधक (लेखा) एफसीआई मंडल कार्यालय भोपाल के खिलाफ शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था. वहीं
करोड़ों का माल बरामद
आरोपी किशोर मीणा के पास से उसके छोला निवास से CBI ने नोट गिनने की मशीन समेत सोना-चांदी भी बरामद किया जा रहा है. अभी भी CBI की कार्रवाई जारी है और भी बड़े खुलासा होने की संभावना है.
एफसीआई के संभागीय प्रबंधक सहित चार लोगों को रिश्वत के आरोप में किया गिरफ्तार
किशोर मीणा रखता था रिश्वत के पैसे
गुड़गांव की एक सिक्योरिटी एजेंसी की शिकायत के बाद क्लर्क, 3 मैनेजरों को रंगे हाथ रिश्वत लेते CBI ने पकड़ा था, उसके बाद से यह कार्रवाई शुरू हुई, जिसमें सामने आया कि पकड़े गए 3 मैनेजर डिविजनल मैनेजर समेत सभी रिश्वत के पैसे किशोर मीणा को देते थे और वह पैसे अपने घर पर रखता था और यह चारों मिलकर भ्रष्टाचार करते थे. बताया जा रहा है कि किशोर मीणा पहले FCI में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था, लेकिन भ्रष्टाचार की बदौलत उसे वहीं पर क्लर्क बना दिया गया, फिर इन्होंने मिलकर FCI में खूब भ्रष्टाचार किया.
यह था पूरा मामला
CBI भोपाल को गुड़गांव की कंपनी कपूर एंड संस ने एफसीआई के मैनेजर और अन्य कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की बात को लेकर शिकायत की गई थी, जिसमें कंपनी के बिल का 10 फीसदी हिस्सा और इस वक्त मांगा जा रहा था. जिसके बाद सीबीआई ने अपनी जाल में फंसाने के लिए क्लर्क और 2 मैनेजरों को पैसा देने के लिए भोपाल के माता मंदिर इलाके में बुलाया था, वहीं सीबीआई ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था, फिर उसके बाद सीबीआई ने फोन कर डिविजनल मैनेजर से बात की थी. पकड़े गए आरोपियों के ही नंबर से फोन लगाया था, जिसमें डिविजनल मैनेजर ने भी पैसे लाने की बात कही और फिर उसे भी गिरफ्तार किया गया. इस तरह पूरे मामले में सीबीआई ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कपूर एंड संस सिक्योरिटी एजेंसी के बिल पास कराने के लिए 50 हजार और 70 हजार की रिश्वत मांग रहे थे.