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प्रत्याशी और एजेंटों को मिलेगी मतगणना स्थल में एंट्री, EC ने प्रेस नोट जारी कर दी जानकारी - मध्य प्रदेश इलेक्शन कमीशन

मध्य प्रदेश इलेक्शन कमीशन ने 10 नवंबर को होने वाली मतगणना को लेकर यह साफ कर दिया है कि मतगणना हॉल में प्रत्याशी और उनके एजेंटों को प्रवेश दिया जाएगा. कोरोना को देखते हुए खबर चल रही थी कि इस बार मतगणना हॉल में किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, इलेक्शन कमीशन ने उस खबर को गलत बताया है.

Madhya Pradesh Election Commission
मध्य प्रदेश इलेक्शन कमीशन
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Published : Nov 7, 2020, 8:18 PM IST

भोपाल। इलेक्शन कमीशन ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि प्रत्याशियों के एजेंट आयोग के निर्देश के अनुसार मतगणना स्थल पर मौजूद रह सकते हैं. भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा कोविड-19 के दौरान चुनाव संचालन के लिए विस्तृत गाइडलाइन के मुताबिक चुनाव परिणाम कंट्रोल यूनिट के जरिए बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित किए जा सकते हैं, ताकि बड़ी संख्या में मतगणना एजेंटों के एक साथ एकत्रित होने से बचा जा सके.

इन सीटों पर डाले गए हैं वोट

मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार 28 सीटों पर एक साथ उपचुनाव हुआ है. ग्वालियर चंबल की ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर, डबरा, बमोरी, भांडेर, अशोकनगर, मुंगावली, मुरैना, सुमावली, जोरा, पोहरी, करेरा, दिमनी, अंबाह, गोहद, मेहगांव, इसके अलावा सुवासरा, बदनावर, मांधाता, नेपानगर, सांवेर, हाटपीपलिया, सुरखी, सांची, बड़ा मलहरा, अनूपपुर, आगर मालवा सीट पर उपचुनाव हुए हैं.

ये भी पढ़े- EXIT POLL में शिवराज की बचती दिख रही सरकार, सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस आगे

फिलहाल की विधानसभा

मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में बीजेपी के पास 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 87, चार निर्दलीय, दो बसपा, एक सपा का विधायक है. बाकी 29 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से दमोह विधानसभा को छोड़कर 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इन उपचुनाव के बाद सदन में विधायकों की संख्या 202 से बढ़कर 229 हो जाएगी. इसलिए बीजेपी को बहुमत के 115 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र 8 सीटों को जीतने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को पूरी 28 सीटें जीतनी होंगी 10 नवंबर वोटों को मतगणना होनी है जिसके बाद एमपी में किसकी सरकार होगी ये साफ हो जाएगा.

भोपाल। इलेक्शन कमीशन ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि प्रत्याशियों के एजेंट आयोग के निर्देश के अनुसार मतगणना स्थल पर मौजूद रह सकते हैं. भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा कोविड-19 के दौरान चुनाव संचालन के लिए विस्तृत गाइडलाइन के मुताबिक चुनाव परिणाम कंट्रोल यूनिट के जरिए बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित किए जा सकते हैं, ताकि बड़ी संख्या में मतगणना एजेंटों के एक साथ एकत्रित होने से बचा जा सके.

इन सीटों पर डाले गए हैं वोट

मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार 28 सीटों पर एक साथ उपचुनाव हुआ है. ग्वालियर चंबल की ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर, डबरा, बमोरी, भांडेर, अशोकनगर, मुंगावली, मुरैना, सुमावली, जोरा, पोहरी, करेरा, दिमनी, अंबाह, गोहद, मेहगांव, इसके अलावा सुवासरा, बदनावर, मांधाता, नेपानगर, सांवेर, हाटपीपलिया, सुरखी, सांची, बड़ा मलहरा, अनूपपुर, आगर मालवा सीट पर उपचुनाव हुए हैं.

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फिलहाल की विधानसभा

मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में बीजेपी के पास 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 87, चार निर्दलीय, दो बसपा, एक सपा का विधायक है. बाकी 29 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से दमोह विधानसभा को छोड़कर 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इन उपचुनाव के बाद सदन में विधायकों की संख्या 202 से बढ़कर 229 हो जाएगी. इसलिए बीजेपी को बहुमत के 115 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र 8 सीटों को जीतने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को पूरी 28 सीटें जीतनी होंगी 10 नवंबर वोटों को मतगणना होनी है जिसके बाद एमपी में किसकी सरकार होगी ये साफ हो जाएगा.

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