भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेश के मामले में मशहूर किसान नेता शिवकुमार शर्मा 'कक्का जी' केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान चलाने में जुट गए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार के अध्यादेशों को किसान विरोधी बताते हुए कहा है कि कृषि अध्यादेश लागू होने के बाद आने वाले समय में किसान अपने ही क्षेत्र में मजदूरी करता नजर आएगा. इन अध्यादेश के खिलाफ पूरे मध्यप्रदेश और देश में किसान मजदूर जागरण अभियान चला रहे हैं. केंद्र सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए अध्यादेश लाई है. जिन्हें सदन में पारित करवाया जाएगा. एक देश एक कृषि बाजार अध्यादेश के जरिए देश में थोक में निजी मंडियां खुलेंगी और इन में विवाद होने की स्थिति में किसान कोर्ट नहीं जा सकेगा. वही कांट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए किसान बड़ी-बड़ी कंपनियों का गुलाम हो जाएगा और अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएगा.
मध्यप्रदेश के जाने-माने किसान नेता शिवकुमार शर्मा का कहना है कि तीन अध्यादेश जो केंद्र सरकार ने लागू किए हैं. उनको लेकर संभावना है कि संसद में चल रहे सत्र में इन अध्यादेश को पारित करने के लिए पटल पर रखा जाएगा. इन तीन अध्यादेश के बाद देश का किसान नहीं बचेगा, पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. तीनों अध्यादेश को लेकर मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह जो मॉडल एक्ट लैंड बिल लाए हैं. ये पांच कानून पूरी तरह से किसानों को बर्बाद करने वाले कानून हैं. इसको लेकर पूरे प्रदेश में किसानों को जागरूक करने के लिए किसान मजदूर जागरण अभियान चलाया जा रहा है. आगे जगह-जगह पर यात्राएं निकाली जाएंगी. इन कानूनों का विरोध करने के लिए मध्यप्रदेश के किसान संसद के लिए भी रवाना हो रहे हैं.
तीनों अध्यादेश पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि पहला अध्यादेश एक देश एक कृषि बाजार का अध्यादेश है, जिसके तहत देश में प्राइवेट मंडियां खुलेंगी. जिसमें विवाद होने पर किसान न्यायालय नहीं जा सकेगा.
दूसरा अध्यादेश 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम में सुधार करके व्यापारियों को जमाखोरी की अनुमति दी गई है. इसके कारण बहुत सस्ते में किसानों का माल लिया जाएगा. व्यापारी उसको स्टोर करके जनता को महंगे दामों में बेचेंगे, जिससे किसान को और आम जनता को भी घाटा होगा.
तीसरा अध्यादेश कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से संबंधित है. इस अध्यादेश के तहत बड़ी-बड़ी कंपनियां और बड़े-बड़े व्यापारी किसानों की जमीन अपनी शर्तों पर लीज पर लेंगे और किसान को अपने ही खेत में मजदूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
शिवकुमार शर्मा का कहना है कि मध्यप्रदेश सहित 20 राज्यों में एक लैंड बिल आया है, जो भाजपा शासित राज्यों में लागू कर दिया गया है, इसमें हम जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकते हैं, उसका हम विरोध करते हैं. इन पांच बिंदुओं को लेकर पूरे मध्यप्रदेश में धरना प्रदर्शन और जागरण कार्यक्रम चलाया जाएगा.