भोपाल। जिला पंचायत व जनपद पंचायत चुनाव में बीजेपी के दिग्गजों के परिवार वालों ने मैदान संभाल लिया है. विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र, मंत्री भूपेंद्र सिंह, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और मंत्री विजय शाह के परिजन चुनावी मैदान में उतर गए हैं. वहीं कुछ पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायकों, पूर्व विधायकों के परिजन भी चुनाव में हाथ आजमा रहे हैं. इस कारण कई जगहों पर मुकाबला टक्कर का हो गया है.
सागर में दो मंत्रियों के परिवार मैदान में : नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के भतीजे अशोक सिंह और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बड़े भाई जय सिंह राजपूत के बीच मुकाबला सागर में है. इसी वजह से भाजपा नेताओं का आपस में टकराव बढ़ गया. निवाड़ी में बीजेपी विधायक अनिल जैन की पत्नी ने जनपद पंचायत सदस्य की तैयारी कर ली है तो वहीं खरगापुर विधायक राहुल सिंह की पत्नी जिला पंचायत सदस्य के तौर पर मैदान में हैं.
टीकमगढ़ जिले में अपनों के बीच भिड़ंत : बीजेपी विधायक राहुल सिंह की पत्नी उमिता सिंह ने जिला पंचायत सदस्य के लिए फॉर्म भरा है. ये पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की बहू हैं. टीकमगढ विधायक राकेश गिरी की दो बहनों ने टीकमगढ़ जनपद सदस्य के नामांकन दाखिल किए हैं. सतना में मंत्री रामखेलावन पटेल की बहू ने जिला पंचायत सदस्य के लिए फॉर्म भरा है. पूर्व मंत्री जुगल किशोर बागरी के पुत्र पुष्पराज बागरी और जुगल किशोर की बहू वंदना और पूर्व विधायक ऊषा चौधरी के पुत्र आलोक चौधरी और मोनू चौधरी ने भी नामांकन जमा किए हैं.
सिधिंया समर्थक भी पीछे नहीं : सागर के बंडा से पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर ने जनपद सदस्य का पर्चा भरा है. दो मंत्रियों के परिजन के बीच हरिवंश की दावेदारी ने सियासी हलचल और बढ़ा दी है. सिंधिया समर्थकों ने भी पार्षद के लिए टिकट मांगा है. साथ ही बायोडाटा में खुद को श्रीमंत सिंधिया समर्थक बताया है. हालांकि भाजपा संगठन ने आपत्ति जताकर बायोडाटा सुधारने की नसीहत दी है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है " पार्टी मे परिवारवाद को जगह नहीं दी जायेगी, जहां तक पंचायत चुनावों मे उम्मीदवारों का मैदान में उतरने की बात है तो ये चुनाव बिना किसी पार्टी के चिह्न पर लड़े जाते है. व्यक्ति स्वतंत्र है चुनाव लड़ने के लिए."