भोपाल। मध्यप्रदेश में बस संचालकों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टैक्स माफी के आदेश जारी कर दिए थे. इसके बावजूद प्रदेश में बसों का संचालन सिर्फ 10 फीसदी ही है.
बस संचालकों का कहना है कि भले ही सरकार ने टैक्स माफी कर दी हो, लेकिन बस संचालकों की और भी कई मांगे थी, जिन पर अभी तक सरकार ने विचार नहीं किया है.
टैक्स माफ के बाद बसों का संचालन नहीं हो सकता, क्योंकि इसके अलावा भी कई बड़े खर्चे हैं. जिनकी भरपाई कर पाना बस संचालकों के लिए मुश्किल है.
बस संचालकों का कहना है पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. बसों का किराया भी नहीं बढ़ाया गया. ऐसे में अगर बस संचालक बसें चलाना शुरु करते हैं, तो एक बस पर टैक्स फ्री होने के बावजूद भी 70 से 80 हज़ार का खर्चा आएगा. ऐसे में खुद की जेब से पैसे देना बस संचालकों के लिए मुमकिन नहीं है.
अनलॉक के बावजूद बंद था बसों का संचालन
बता दें मध्यप्रदेश में अनलॉक के बावजूद भी बसों का संचालन पूरी तरह से बंद था. बस संचालकों की मांग थी कि बसों का टैक्स माफ किया जाए. आखिरकार थक हार के सरकार ने बसों का टैक्स माफ करने के लिए आदेश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन बावजूद इसके बस संचालकों ने बसें नहीं चलाई है.
बस संचालकों का कहना है की बसों का मेंटेनेंस का खर्चा, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम, बसों का फिटनेस, इंश्योरेंस समेत कई सारे खर्चें हैं. जिसे बस संचालक अपने खर्चे पर नहीं चला सकता है. सरकार को बसों का किराया बढाना होगा. पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने होंगे, तभी बस संचालक बस चला पाएंगे.