ETV Bharat / state

लॉकडाउन से पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर ब्रेक, अब होता है वाहनों का इंतजार

कोरोना वायरस से सबकुछ थम सा गया. कोरोना काल में हर वर्ग को नुकसान हुआ है. पेट्रोल पंप संचालक और उस पर काम करने वाले कर्मचारियों के सामने भी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. पढ़िए पूरी खबर..

author img

By

Published : May 7, 2020, 6:11 PM IST

Updated : May 14, 2020, 5:56 PM IST

bhopal
भोपाल

भोपाल। कभी शहर की सड़कों पर गाड़ियों की खूब आवाजाही होती थी, लेकिन अब नजारा बिल्कुल अलग है. वाहन दिखाई तो देते हैं, लेकिन इक्का-दुक्का. कोरोना संकट की वजह से पहियों में ब्रेक लगने से इसका बड़ा असर शहर के पेट्रोल पंप पर भी पड़ा है. पेट्रोल पंप पर पहले वाहनों की कतारें लगी रहती थीं, लेकिन अब यहां कर्मचारियों को वाहनों का इंतजार रहता है. इस स्थिति से पेट्रोलियम उत्पाद की खपत 90 फीसदी तक गिर गई है.

लॉक डाउन से पेट्रोल डीजल की बिक्री पर ब्रेकडाउन

पहले लगती थी कतारें, अब होता है इंतजार

शहर के व्यवसायिक क्षेत्र एमपी नगर के पेट्रोल पंप को ही लीजिए. पेट्रोल पंप चालू है, लेकिन वाहन नदारद हैं. पहले यहां कर्मचारियों को सुबह से शाम तक आराम नहीं मिलता था, लेकिन अब आधे से कम कर्मचारी बचे हैं, फिर भी आराम ही आराम है. दिन में गिने-चुने वाहन डीजल पेट्रोल भरवाने पहुंचते हैं. यहां काम करने वाले कर्मचारी संजय हाथ में नोट की गड्डी दिखाते हुए कहते हैं कि आधे से ज्यादा दिन बीत गया और बिक्री सिर्फ इतनी ही हुई है.उनके साथी मनोज मिश्रा कहते हैं कि उन्हें अब पेट्रोल डीजल भरवाने वालों का इंतजार ही रहता है. वो भी कम ही आते हैं. पहले हर रोज 15000 लीटर डीजल पेट्रोल की बिक्री होती थी, जो अब मुश्किल से 800 से 1000 ही रह गई ह. कमोबेश यही हालात दूसरे पेट्रोल पंप के भी हैं.

लॉकडाउन से पेट्रोल डीजल की बिक्री पर ब्रेक

कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट

रोजी रोटी का संकट पेट्रोल पंप पर सामान्य दिनों में गाड़ियों की बड़ी आवाजाही की वजह से यहां कई कर्मचारी काम में लगे रहते थे, लेकिन लॉकडाउन से बिक्री में गिरावट आई तो पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों की संख्या भी कम हो गई है. जाहिर है इन कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. हालांकि पेट्रोल पंप एसोसिएशन का दावा है कि ऐसे कर्मचारियों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

पेट्रोल-डीजल की बिक्री में भारी गिरावट

लॉक डाउन की वजह से लोग घरों से नहीं निकल रहे. ट्रांसपोर्ट कारोबार भी ठप है. मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन अजय सिंह अध्यक्ष कहते है कि लॉकडाउन से बिक्री मुश्किल से 10 फीसदी बची है. राजधानी भोपाल में हर रोज 9 लाख लीटर पेट्रोल की खपत होती थी, लॉकडाउन में गिरकर 80 हजार लीटर रह गई है. वहीं डीजल की हर रोज खपत 12 लाख लीटर थी, जो गिरकर दो लाख लीटर रह गई है. कुल मिलाकर देखा जाए तो पूरे प्रदेश में 90 फीसदी पेट्रोल डीजल नहीं बिक रहा है.

सरकार से राहत की मांग

मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने पेट्रोलियम मंत्रालय को पिछले दिनों पत्र लिखकर ब्याज में राहत की मांग की है. साथ ही रोलिंग क्रेडिट को 15 दिन से बढ़ाकर 90 दिन करने के लिए कहा है. उम्मीद है कि सरकार कुछ राहत पैकेज जारी करें. पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने स्थानीय प्रशासन से भी पेट्रोल पंपों को सेनिटाइज करने में सहयोग की मांग की है.

भोपाल। कभी शहर की सड़कों पर गाड़ियों की खूब आवाजाही होती थी, लेकिन अब नजारा बिल्कुल अलग है. वाहन दिखाई तो देते हैं, लेकिन इक्का-दुक्का. कोरोना संकट की वजह से पहियों में ब्रेक लगने से इसका बड़ा असर शहर के पेट्रोल पंप पर भी पड़ा है. पेट्रोल पंप पर पहले वाहनों की कतारें लगी रहती थीं, लेकिन अब यहां कर्मचारियों को वाहनों का इंतजार रहता है. इस स्थिति से पेट्रोलियम उत्पाद की खपत 90 फीसदी तक गिर गई है.

लॉक डाउन से पेट्रोल डीजल की बिक्री पर ब्रेकडाउन

पहले लगती थी कतारें, अब होता है इंतजार

शहर के व्यवसायिक क्षेत्र एमपी नगर के पेट्रोल पंप को ही लीजिए. पेट्रोल पंप चालू है, लेकिन वाहन नदारद हैं. पहले यहां कर्मचारियों को सुबह से शाम तक आराम नहीं मिलता था, लेकिन अब आधे से कम कर्मचारी बचे हैं, फिर भी आराम ही आराम है. दिन में गिने-चुने वाहन डीजल पेट्रोल भरवाने पहुंचते हैं. यहां काम करने वाले कर्मचारी संजय हाथ में नोट की गड्डी दिखाते हुए कहते हैं कि आधे से ज्यादा दिन बीत गया और बिक्री सिर्फ इतनी ही हुई है.उनके साथी मनोज मिश्रा कहते हैं कि उन्हें अब पेट्रोल डीजल भरवाने वालों का इंतजार ही रहता है. वो भी कम ही आते हैं. पहले हर रोज 15000 लीटर डीजल पेट्रोल की बिक्री होती थी, जो अब मुश्किल से 800 से 1000 ही रह गई ह. कमोबेश यही हालात दूसरे पेट्रोल पंप के भी हैं.

लॉकडाउन से पेट्रोल डीजल की बिक्री पर ब्रेक

कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट

रोजी रोटी का संकट पेट्रोल पंप पर सामान्य दिनों में गाड़ियों की बड़ी आवाजाही की वजह से यहां कई कर्मचारी काम में लगे रहते थे, लेकिन लॉकडाउन से बिक्री में गिरावट आई तो पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों की संख्या भी कम हो गई है. जाहिर है इन कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. हालांकि पेट्रोल पंप एसोसिएशन का दावा है कि ऐसे कर्मचारियों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

पेट्रोल-डीजल की बिक्री में भारी गिरावट

लॉक डाउन की वजह से लोग घरों से नहीं निकल रहे. ट्रांसपोर्ट कारोबार भी ठप है. मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन अजय सिंह अध्यक्ष कहते है कि लॉकडाउन से बिक्री मुश्किल से 10 फीसदी बची है. राजधानी भोपाल में हर रोज 9 लाख लीटर पेट्रोल की खपत होती थी, लॉकडाउन में गिरकर 80 हजार लीटर रह गई है. वहीं डीजल की हर रोज खपत 12 लाख लीटर थी, जो गिरकर दो लाख लीटर रह गई है. कुल मिलाकर देखा जाए तो पूरे प्रदेश में 90 फीसदी पेट्रोल डीजल नहीं बिक रहा है.

सरकार से राहत की मांग

मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने पेट्रोलियम मंत्रालय को पिछले दिनों पत्र लिखकर ब्याज में राहत की मांग की है. साथ ही रोलिंग क्रेडिट को 15 दिन से बढ़ाकर 90 दिन करने के लिए कहा है. उम्मीद है कि सरकार कुछ राहत पैकेज जारी करें. पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने स्थानीय प्रशासन से भी पेट्रोल पंपों को सेनिटाइज करने में सहयोग की मांग की है.

Last Updated : May 14, 2020, 5:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.