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कोरोना काल में ऑनलाइन हुआ बुटीक का पूरा काम, न संक्रमण का खतरा और न कोई दूसरी टेंशन - online work during corona period

लॉकडाउन के बाद तीन महीने का नुकसान झेलने के बाद अब बुटीक संचालक सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहते हैं. यही वजह है कि ऑनलाइन ही ऑर्डर लिए जा रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर....

Boutique work online
ऑनलाइन हुआ बुटीक का पूरा काम
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Published : Aug 20, 2020, 11:38 AM IST

भोपाल। कोरोना वायरस का कहर थमने की बजाय तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि इसे रोकने के लिए अब तक कारगर हथियार हाथ नहीं लगा. कोरोना की दस्तक के बाद किए गए लॉकडाउन के बाद जिंदगी बेपटरी हो गई है. उद्योग धंधों से लेकर दुकान, व्यापार सब कुछ थम गया. कोई बेरोजगार हो गया तो किसी की जिंदगी भर की कमाई कोरोना काल के गाल में समा गई. हालांकि अब जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटती दिख रही है. भोपाल के बुटीक भी पिछले तीन महीने से बंद थे, लेकिन अब बुटीक संचालकों ने ऑनलाइन काम शुरू किया है. ऑनलाइन ही नए ड्रेसेस के ऑर्डर लिए जा रहे हैं.

कोरोना काल में ऑनलाइन हुआ बुटीक का पूरा काम

आम दिनों में एक ड्रेस केल 15 से ज्यादा दिन का इंतजार करना होता था, लॉकडाउन के बाद तीन महीने का नुकसान झेलने के बाद अब बुटीक संचालक सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहते हैं. यही वजह है कि ऑनलाइन ही ऑर्डर लिए जा रहे हैं. बुटिक संचालकों के लिए अच्छी बात ये है कि कस्टमर भी ऑनलाइन ऑर्डर देने में रुचि दिखा रहे हैं.

राजधानी भोपाल में पिछले कुछ सालों में यूनि ड्रेसेस बनाने वाले बुटिक्स की संख्या तेजी से बढ़ी है, क्योंकि लोग नवरात्री, गरबा उत्सव में किराए की ड्रेस लेने की बयान डिजाइनर ड्रेस का ही उपयोग करने लगे हैं. ऐसे कई कई छोटे बड़े त्योहार हैं, जिसमे महिलाएं पुरुष डिजाइनर ऑउटफिट की डिमांड करते हैं. इसी को देखते हुए बुटीक संचालकों ने कोरोना काल में सोशल मीडिया का सहारा लिया और अपना काम शुरू कर दिया. संचालक अपने बुटीक के नाम से सोशल साइट्स पर पेज बनाए हैं और उसी पर ऑनलाइन ऑर्डर लिए जा रहे हैं.

बुटीक संचालक शेली राजपाल ने बताया कि जब अचानक लॉक डाउन लगा तब बहुत परेशानी हुई. शादी के ऑर्डर्स थे, वो कैंसिल हुए. अभी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इससे साफ है कि सामान्य जीवन में लौटने में अभी लंबा वक्त लगेगा. लिहाजा ऑनलाइन ऑर्डर लेना शुरु किए हैं. उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों से बिल्कुल अलग काम अब बुटिक्स में हो रहा है. पहले ग्राहकों की लाइन लगती थी, हमे ग्राहकों को कई कई दिनों तक होल्ड करना पड़ता था, लेकिन अब सारा काम इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं, जिसमें आसानी भी हो रही है.

संक्रमण का नहीं खतरा

सहेली राजपाल बताती हैं कि बिजनेस दोबारा अच्छा चलने लगा है. अब कॉटन के कपड़े और हल्के कपड़ों को लोग पहनना पसंद कर रहे हैं. उन्होंने बताया हम हमारी डिजाइन को फेसबुक, व्हाट्सअप, या हमारे खुद के बनाये हए पेज पर शेयर करते हैं. कस्टमर हमे फोन पर आर्डर देते हैं और हम कस्टमर का नाम भी उसी से मंगाते हैं और ड्रेस की ऑनलाइन डिलीवरी करते हैं ऐसा करने से हमारा काम अब ओर भी आसान हो गया है. ऐसे में संक्रमण का खतरा भी कस्टमर को नहीं होता.

स्थिति सामान्य होने तक ऐसे ही होगा काम

शेली राजपाल बताती हैं कि अब हम कोरोना को देखते हुए ही कंफर्टेबल ऑउटफिट तैयार कर रहे हैं. साथ ही हर ड्रेस के साथ मैचिंग का मास्क भी बनाते हैं और सारा काम ऑनलाइन ही कर रहे हैं. लॉक डाउन में जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई अनलॉक में चल रही है और अब जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक इसी तरह काम करने के लिए हमने अपने आपको तैयार कर लिया है.

भोपाल। कोरोना वायरस का कहर थमने की बजाय तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि इसे रोकने के लिए अब तक कारगर हथियार हाथ नहीं लगा. कोरोना की दस्तक के बाद किए गए लॉकडाउन के बाद जिंदगी बेपटरी हो गई है. उद्योग धंधों से लेकर दुकान, व्यापार सब कुछ थम गया. कोई बेरोजगार हो गया तो किसी की जिंदगी भर की कमाई कोरोना काल के गाल में समा गई. हालांकि अब जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटती दिख रही है. भोपाल के बुटीक भी पिछले तीन महीने से बंद थे, लेकिन अब बुटीक संचालकों ने ऑनलाइन काम शुरू किया है. ऑनलाइन ही नए ड्रेसेस के ऑर्डर लिए जा रहे हैं.

कोरोना काल में ऑनलाइन हुआ बुटीक का पूरा काम

आम दिनों में एक ड्रेस केल 15 से ज्यादा दिन का इंतजार करना होता था, लॉकडाउन के बाद तीन महीने का नुकसान झेलने के बाद अब बुटीक संचालक सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहते हैं. यही वजह है कि ऑनलाइन ही ऑर्डर लिए जा रहे हैं. बुटिक संचालकों के लिए अच्छी बात ये है कि कस्टमर भी ऑनलाइन ऑर्डर देने में रुचि दिखा रहे हैं.

राजधानी भोपाल में पिछले कुछ सालों में यूनि ड्रेसेस बनाने वाले बुटिक्स की संख्या तेजी से बढ़ी है, क्योंकि लोग नवरात्री, गरबा उत्सव में किराए की ड्रेस लेने की बयान डिजाइनर ड्रेस का ही उपयोग करने लगे हैं. ऐसे कई कई छोटे बड़े त्योहार हैं, जिसमे महिलाएं पुरुष डिजाइनर ऑउटफिट की डिमांड करते हैं. इसी को देखते हुए बुटीक संचालकों ने कोरोना काल में सोशल मीडिया का सहारा लिया और अपना काम शुरू कर दिया. संचालक अपने बुटीक के नाम से सोशल साइट्स पर पेज बनाए हैं और उसी पर ऑनलाइन ऑर्डर लिए जा रहे हैं.

बुटीक संचालक शेली राजपाल ने बताया कि जब अचानक लॉक डाउन लगा तब बहुत परेशानी हुई. शादी के ऑर्डर्स थे, वो कैंसिल हुए. अभी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इससे साफ है कि सामान्य जीवन में लौटने में अभी लंबा वक्त लगेगा. लिहाजा ऑनलाइन ऑर्डर लेना शुरु किए हैं. उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों से बिल्कुल अलग काम अब बुटिक्स में हो रहा है. पहले ग्राहकों की लाइन लगती थी, हमे ग्राहकों को कई कई दिनों तक होल्ड करना पड़ता था, लेकिन अब सारा काम इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं, जिसमें आसानी भी हो रही है.

संक्रमण का नहीं खतरा

सहेली राजपाल बताती हैं कि बिजनेस दोबारा अच्छा चलने लगा है. अब कॉटन के कपड़े और हल्के कपड़ों को लोग पहनना पसंद कर रहे हैं. उन्होंने बताया हम हमारी डिजाइन को फेसबुक, व्हाट्सअप, या हमारे खुद के बनाये हए पेज पर शेयर करते हैं. कस्टमर हमे फोन पर आर्डर देते हैं और हम कस्टमर का नाम भी उसी से मंगाते हैं और ड्रेस की ऑनलाइन डिलीवरी करते हैं ऐसा करने से हमारा काम अब ओर भी आसान हो गया है. ऐसे में संक्रमण का खतरा भी कस्टमर को नहीं होता.

स्थिति सामान्य होने तक ऐसे ही होगा काम

शेली राजपाल बताती हैं कि अब हम कोरोना को देखते हुए ही कंफर्टेबल ऑउटफिट तैयार कर रहे हैं. साथ ही हर ड्रेस के साथ मैचिंग का मास्क भी बनाते हैं और सारा काम ऑनलाइन ही कर रहे हैं. लॉक डाउन में जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई अनलॉक में चल रही है और अब जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक इसी तरह काम करने के लिए हमने अपने आपको तैयार कर लिया है.

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