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BJP का ट्राइबल कार्ड, जगदीशपुर के बाद अब हलाली नदी और डैम का बदलेगा नाम! - Islamnagar was named Jagdishpur

यूपी के बाद एमपी में भी हिंदुत्व के एजेंडे पर बीजेपी सरकार आगे बढ़ रही है, इस्लामनगर का नाम जगदीशपुर किए जाने के बाद अब सामुहिक हत्याकांड का प्रतीक हलाली नदी का नाम बदलने अभियान शुरु किया जा रहा है. तैयारी ये है कि हलाली नदी का नाम बाणगंगा नदी किया जाएगा और हलाली डैम का नाम गौंड रानी कमलापति के नाम पर किया जाए.

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Published : Feb 5, 2023, 8:54 AM IST

Updated : Feb 5, 2023, 9:31 AM IST

जगदीशपुर के बाद अब हलाली नदी और हलाली डैम का बदलेगा नाम

भोपाल। हलाली नदी का नाम बदलने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अब इसकी मांग ने रफ्तार पकड़ ली है. इस्लामनगर का नाम जगदीशपुर किए जाने से उत्साहित बीजेपी सरकार और उनके विधायक अब इसी तरफ आगे बढ़ रहे हैं. क्षेत्रीय विधायक विष्णु खत्री से जब बात की तो उन्होंने बताया कि हलाली नाम एक हत्याकांड का प्रतीक है और इसे बदलने के लिए हमने पहले ही पत्र लिख दिया था, जबकि इसी हलाली नदी के डैम का नाम बदलने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह बयान दे चुकी हैं, इसके बाद यह सुर्खियां तो बना, लेकिन कभी बात आगे नहीं बढ़ी. अब ग्रामीणों ने भी इस अभियान को पुरजोर तरीके से शुरू कर दिया है. एक बड़ी जानकारी यह भी सामने आई है कि हलाली नदी का नाम जिस वजह से पड़ा यानी जहां दोस्त मोहम्मद खान ने धोखे से जगदीशपुर के राजा की हत्या की, वहां एक स्मारक भी बनाया जाएगा. इसका नाम हुतात्मा स्मारक होगा.

Halali river and Halali dam will be renamed
अब हलाली नदी और हलाली डैम का बदलेगा नाम

सामुहिक नरसंहार का प्रतीक है हलाली नदी: सरदार दोस्त मोहम्मद ने 1715 ईस्वी में जगदीशपुर पर आक्रमण किया, उस समय जगदीशपुर चारों तरफ से किले की ऊंची दीवारों से घिरा हुआ था, उसका शासक देवरा चौहान एक राजपूत सरदार था. दोस्त मोहम्मद ने एक षड्यंत्र करके जगदीशपुर के चौहान राजपूतों को बेस नदी के तट पर एक विशाल तंबू में सह भोज पर आमंत्रित किया, जैसे ही बहुत प्रारंभ हुआ तभी दोस्त मोहम्मद खान के सिपाहियों ने तंबू की रसिया काटी छिपे हुए मुस्लिम सैनिकों ने समस्त निहत्थे एवं राजपूतों को हलाल करके बेस नदी में फेंक दिया. बेस्ट नदी रक्त रंजित हो गई, इसलिए उसका नाम हलाली नदी पड़ा. इस प्रकार दोस्त मोहम्मद ने जगदीशपुर दुर्ग पर विजय प्राप्त कर ली और उसका नाम इस्लामनगर रख दिया. लेखक निरंजन वर्मा की किताब में भी इस बात का जिक्र है कि मोहम्मद खान ने राजपूत सरदार को बुलाया और पंडाल में ही फंसाकर मार डाला. इसी पुस्तक में नदी का नाम बाणगंगा नदी होने का जिक्र मिलता है, जिन राजपूत सरदाराें को धोखे से मारा गया, उनकी इतनी लाशें थी कि फैकते फैकते पूरा दिन निकल गया. पूरी नदी का पानी लाल सुर्ख हो गया, जब शाम को सब खिदमतगार जमा हुए तो एक ऊंचे मुकाम पर खड़े होकर दोस्त मोहम्मद ने बोला कि आज से इस नदी का नाम हलाली और नगर का नाम इस्लाम नगर होगा. इस मामले पर अब क्षेत्रीय विधायक विष्णु खत्री कहते हैं कि "यह नगर और नदी के नाम सामुहिक नरसंहार और धोखे के प्रतीक हैं, इसलिए दोनों को ही बदलना जरूरी है."

राज्य सरकार ने भी माना, इस्लामनगर बना जगदीशपुर, 308 साल बाद वापस मिली पहचान

धोखे की याद दिलाता है हलाली डैम: हलाली डैम का नाम बदलने के लिए उमा भारती ने सबसे पहले बयान दिया था. जनवरी 2021 में आयोजित एक कार्यक्रम में उमा भारती ने कहा था कि "यह डैम धोखे और विश्वासघात का प्रतीक है, इसलिए इसका नाम बदला जाना चाहिए. कमाल की बात यह है कि मप्र का पर्यटन निगम ही हलाली डैम लिखकर अपना हलाली स्ट्रीट चलाता है."

Islamnagar was named Jagdishpur
इस्लामनगर का नाम हुआ जगदीशपुर

नाम बदलने से बीजेपी का कैसे फायदा: भोपाल और उसके आसपास के चार जिले, जिनमें विदिशा, रायसेन, राजगढ़ और सीहोर में नवाबी शासन रहा है, यहां हिन्दुत्व के नाम पर ही जीत होती है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा सिंह को बीजेपी ने टिकट दिया तो भोपाल समेत आसपास की सभी सीटें प्रभावित हुई. अभी भोपाल की 7 में से 4 सीटों गोविंदुपरा, हुजूर, बैरसिया और नरेला पर बीजेपी काबित है, बाकी 3 सीट दक्षिण पश्चिम, मध्य और उत्तर सीट को भी बीजेपी हिन्दुत्व कार्ड के सहारे वापिस पाना चाहती है. इसके अलावा रायसेन में कांग्रेस की एक, विदिशा में एक और राजगढ़ में तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी उत्तरप्रदेश के सीएम योगी की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी जगहों के नाम बदलकर हिंदु वोटर्स को अपनी ओर लुभाने की कोशिश कर रही है, जिससे आगामी विधानसभा चुनाव में (mp assembly election 2023) भाजपा को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके और के पार्टी के खाते में ज्यादा से ज्यादा हिंदु वोट गिर सकें.

जगदीशपुर के बाद अब हलाली नदी और हलाली डैम का बदलेगा नाम

भोपाल। हलाली नदी का नाम बदलने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अब इसकी मांग ने रफ्तार पकड़ ली है. इस्लामनगर का नाम जगदीशपुर किए जाने से उत्साहित बीजेपी सरकार और उनके विधायक अब इसी तरफ आगे बढ़ रहे हैं. क्षेत्रीय विधायक विष्णु खत्री से जब बात की तो उन्होंने बताया कि हलाली नाम एक हत्याकांड का प्रतीक है और इसे बदलने के लिए हमने पहले ही पत्र लिख दिया था, जबकि इसी हलाली नदी के डैम का नाम बदलने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह बयान दे चुकी हैं, इसके बाद यह सुर्खियां तो बना, लेकिन कभी बात आगे नहीं बढ़ी. अब ग्रामीणों ने भी इस अभियान को पुरजोर तरीके से शुरू कर दिया है. एक बड़ी जानकारी यह भी सामने आई है कि हलाली नदी का नाम जिस वजह से पड़ा यानी जहां दोस्त मोहम्मद खान ने धोखे से जगदीशपुर के राजा की हत्या की, वहां एक स्मारक भी बनाया जाएगा. इसका नाम हुतात्मा स्मारक होगा.

Halali river and Halali dam will be renamed
अब हलाली नदी और हलाली डैम का बदलेगा नाम

सामुहिक नरसंहार का प्रतीक है हलाली नदी: सरदार दोस्त मोहम्मद ने 1715 ईस्वी में जगदीशपुर पर आक्रमण किया, उस समय जगदीशपुर चारों तरफ से किले की ऊंची दीवारों से घिरा हुआ था, उसका शासक देवरा चौहान एक राजपूत सरदार था. दोस्त मोहम्मद ने एक षड्यंत्र करके जगदीशपुर के चौहान राजपूतों को बेस नदी के तट पर एक विशाल तंबू में सह भोज पर आमंत्रित किया, जैसे ही बहुत प्रारंभ हुआ तभी दोस्त मोहम्मद खान के सिपाहियों ने तंबू की रसिया काटी छिपे हुए मुस्लिम सैनिकों ने समस्त निहत्थे एवं राजपूतों को हलाल करके बेस नदी में फेंक दिया. बेस्ट नदी रक्त रंजित हो गई, इसलिए उसका नाम हलाली नदी पड़ा. इस प्रकार दोस्त मोहम्मद ने जगदीशपुर दुर्ग पर विजय प्राप्त कर ली और उसका नाम इस्लामनगर रख दिया. लेखक निरंजन वर्मा की किताब में भी इस बात का जिक्र है कि मोहम्मद खान ने राजपूत सरदार को बुलाया और पंडाल में ही फंसाकर मार डाला. इसी पुस्तक में नदी का नाम बाणगंगा नदी होने का जिक्र मिलता है, जिन राजपूत सरदाराें को धोखे से मारा गया, उनकी इतनी लाशें थी कि फैकते फैकते पूरा दिन निकल गया. पूरी नदी का पानी लाल सुर्ख हो गया, जब शाम को सब खिदमतगार जमा हुए तो एक ऊंचे मुकाम पर खड़े होकर दोस्त मोहम्मद ने बोला कि आज से इस नदी का नाम हलाली और नगर का नाम इस्लाम नगर होगा. इस मामले पर अब क्षेत्रीय विधायक विष्णु खत्री कहते हैं कि "यह नगर और नदी के नाम सामुहिक नरसंहार और धोखे के प्रतीक हैं, इसलिए दोनों को ही बदलना जरूरी है."

राज्य सरकार ने भी माना, इस्लामनगर बना जगदीशपुर, 308 साल बाद वापस मिली पहचान

धोखे की याद दिलाता है हलाली डैम: हलाली डैम का नाम बदलने के लिए उमा भारती ने सबसे पहले बयान दिया था. जनवरी 2021 में आयोजित एक कार्यक्रम में उमा भारती ने कहा था कि "यह डैम धोखे और विश्वासघात का प्रतीक है, इसलिए इसका नाम बदला जाना चाहिए. कमाल की बात यह है कि मप्र का पर्यटन निगम ही हलाली डैम लिखकर अपना हलाली स्ट्रीट चलाता है."

Islamnagar was named Jagdishpur
इस्लामनगर का नाम हुआ जगदीशपुर

नाम बदलने से बीजेपी का कैसे फायदा: भोपाल और उसके आसपास के चार जिले, जिनमें विदिशा, रायसेन, राजगढ़ और सीहोर में नवाबी शासन रहा है, यहां हिन्दुत्व के नाम पर ही जीत होती है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा सिंह को बीजेपी ने टिकट दिया तो भोपाल समेत आसपास की सभी सीटें प्रभावित हुई. अभी भोपाल की 7 में से 4 सीटों गोविंदुपरा, हुजूर, बैरसिया और नरेला पर बीजेपी काबित है, बाकी 3 सीट दक्षिण पश्चिम, मध्य और उत्तर सीट को भी बीजेपी हिन्दुत्व कार्ड के सहारे वापिस पाना चाहती है. इसके अलावा रायसेन में कांग्रेस की एक, विदिशा में एक और राजगढ़ में तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी उत्तरप्रदेश के सीएम योगी की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी जगहों के नाम बदलकर हिंदु वोटर्स को अपनी ओर लुभाने की कोशिश कर रही है, जिससे आगामी विधानसभा चुनाव में (mp assembly election 2023) भाजपा को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके और के पार्टी के खाते में ज्यादा से ज्यादा हिंदु वोट गिर सकें.

Last Updated : Feb 5, 2023, 9:31 AM IST
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