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कांग्रेस में मचे बवाल पर बीजेपी ने साधा निशाना, कहा- 'कमलनाथ को बताना पड़ रहा कि मैं ही हूं प्रदेश का मुख्यमंत्री'

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वन मंत्री उमंग सिंघार से अपने निवास पर मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि सीएम ने मंत्री को सरकार की छवि खराब करने वाले बयान से बचने की हिदायत दी. जिसको लेकर बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
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Published : Sep 4, 2019, 11:06 AM IST

Updated : Sep 4, 2019, 12:40 PM IST

भोपाल| पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर दिए गए बयान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वन मंत्री उमंग सिंघार से अपने निवास पर मुलाकात की है. सूत्रों की माने तो मंत्री उमंग सिंघार को ऐसी किसी भी बयानबाजी से बचने की हिदायत दी गई है, जिससे सरकार की छवि खराब होती हो. हालांकि मुलाकात के बाद उमंग सिंघार मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया है. वहीं अब इसको लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में अंतर कलह मचा हुआ है. स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री को अपने ही मंत्रियों को बताना पड़ रहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री वे हैं.

कांग्रेस में मचे बवाल पर बीजेपी ने साधा निशाना, कहा- 'कमलनाथ को बताना पड़ रहा कि मैं ही हूं प्रदेश का मुख्यमंत्री'

बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा का कहना है कांग्रेस में इस समय अंदरुनी रूप से एक युद्ध छिड़ा हुआ है. जिसकी वजह से प्रदेश की जनता से जुड़े हुए विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. इस तरह के हालात देखने के बाद प्रदेश की जनता चिंतित नजर आ रही है कि उन्होंने किस तरह की सरकार को चुना है. वनमंत्री उम्र सिंगार मीडिया से बातचीत करने से इंकार करने पर उनका कहना है कि इससे साफ लग रहा है कि कांग्रेस के अंदर एक दमनकारी नीति काम करने लगी है. इस समय के माहौल को देखकर कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश की जनता से जो वादे कांग्रेस ने किए थे उससे उन्हें किसी प्रकार का कोई सरोकार नहीं है.

बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस बात का एहसास हो चुका है कि वे मुख्यमंत्री कम और इस मध्य प्रदेश में मदारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं. इनके ही मंत्री लगातार कह रहे हैं कि सुपर सीएम कोई और है. जिसके बाद मंत्रियों को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाकर बैठक लेना पड़े और मंत्रियों को बताना पड़ रहा है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री मैं हूं. इन परिस्थितियों से साफ नजर आ रहा है कि यह लोग मध्य प्रदेश को किस ओर ले जा रहे हैं. महेश शर्मा का कहना है कि इस सरकार में मंत्री मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहे हैं. मुख्यमंत्री कार्यकर्ता की नहीं सुन रहे हैं और प्रशासन मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहा है और मुख्यमंत्री आखिर कौन है. यह मंत्री स्वयं तय कर रहे हैं और इनके ही मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पर्दे के पीछे मुख्यमंत्री कोई और है.

भोपाल| पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर दिए गए बयान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वन मंत्री उमंग सिंघार से अपने निवास पर मुलाकात की है. सूत्रों की माने तो मंत्री उमंग सिंघार को ऐसी किसी भी बयानबाजी से बचने की हिदायत दी गई है, जिससे सरकार की छवि खराब होती हो. हालांकि मुलाकात के बाद उमंग सिंघार मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया है. वहीं अब इसको लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में अंतर कलह मचा हुआ है. स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री को अपने ही मंत्रियों को बताना पड़ रहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री वे हैं.

कांग्रेस में मचे बवाल पर बीजेपी ने साधा निशाना, कहा- 'कमलनाथ को बताना पड़ रहा कि मैं ही हूं प्रदेश का मुख्यमंत्री'

बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा का कहना है कांग्रेस में इस समय अंदरुनी रूप से एक युद्ध छिड़ा हुआ है. जिसकी वजह से प्रदेश की जनता से जुड़े हुए विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. इस तरह के हालात देखने के बाद प्रदेश की जनता चिंतित नजर आ रही है कि उन्होंने किस तरह की सरकार को चुना है. वनमंत्री उम्र सिंगार मीडिया से बातचीत करने से इंकार करने पर उनका कहना है कि इससे साफ लग रहा है कि कांग्रेस के अंदर एक दमनकारी नीति काम करने लगी है. इस समय के माहौल को देखकर कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश की जनता से जो वादे कांग्रेस ने किए थे उससे उन्हें किसी प्रकार का कोई सरोकार नहीं है.

बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस बात का एहसास हो चुका है कि वे मुख्यमंत्री कम और इस मध्य प्रदेश में मदारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं. इनके ही मंत्री लगातार कह रहे हैं कि सुपर सीएम कोई और है. जिसके बाद मंत्रियों को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाकर बैठक लेना पड़े और मंत्रियों को बताना पड़ रहा है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री मैं हूं. इन परिस्थितियों से साफ नजर आ रहा है कि यह लोग मध्य प्रदेश को किस ओर ले जा रहे हैं. महेश शर्मा का कहना है कि इस सरकार में मंत्री मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहे हैं. मुख्यमंत्री कार्यकर्ता की नहीं सुन रहे हैं और प्रशासन मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहा है और मुख्यमंत्री आखिर कौन है. यह मंत्री स्वयं तय कर रहे हैं और इनके ही मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पर्दे के पीछे मुख्यमंत्री कोई और है.

Intro:कांग्रेसमें चल रहा है अंतर्द्वंद मुख्यमंत्री को बताना पड़ रहा है कि वही है मुख्यमंत्री= बीजेपी


भोपाल | मध्यप्रदेश में मंत्री उमंग सिंगार के बयान के बाद राजनीति में एक नया तूफान सा आया हुआ है जिसे संभालने की कोशिश मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुरू कर दी है दिल्ली से लौटने के तुरंत बाद ही उन्होंने मंत्री उमंग सिंगार के साथ अन्य मंत्रियों को भी मुख्यमंत्री निवास पर बुलाकर उनकी सभी विषयों पर चर्चा की है साथ ही उन्हें कई तरह की हिदायत भी दे दी गई है लेकिन अब बीजेपी भी इस मामले को छोड़ना नहीं चाहती है बीजेपी का मानना है कि कांग्रेस में इस समय अंतर्द्वंद मचा हुआ है स्थिति यह हो गई है कि मुख्यमंत्री को अपने ही मंत्रियों को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाकर यह बताना पड़ रहा है कि वही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री है



Body:बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा का कहना है कि जिस तरह से कांग्रेस में लगातार अंतर कलह का माहौल दिखाई दे रहा है यह प्रदेश की जनता भी देख रही है कांग्रेस में इस समय अंदरुनी रूप से एक युद्ध छिड़ा हुआ है जिसकी वजह से प्रदेश की जनता से जुड़े हुए विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं और इस तरह के हालात देखने के बाद प्रदेश की जनता चिंतित नजर आ रही है कि उन्होंने किस तरह की सरकार को चुना है और अब मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ उनके निवास पर बैठक करने के बाद वन मंत्री उम्र सिंगार मीडिया से बातचीत नहीं कर रहे हैं जो मंत्री कल तक मीडिया से लगातार बातचीत कर रहे थे अब उन्हें मीडिया से बात करने का अधिकार भी नहीं मिल रहा है इससे साफ लग रहा है कि कांग्रेस के अंदर एक दमनकारी नीति काम करने लगी है इस समय के माहौल को देखकर कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश की जनता से जो वादे कांग्रेस ने किए थे उससे उन्हें किसी प्रकार का कोई सरोकार नहीं है जिस प्रकार से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के द्वारा मंत्रियों को पत्र लिखा गया है उससे कहीं ना कहीं मध्य प्रदेश के विकास को अवरुद्ध करने का काम उनके द्वारा किया गया है


Conclusion:बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि मंत्री उमंग सिंगार के द्वारा अपना दर्द बयान किया गया था और उस दर्द को मध्य प्रदेश की जनता बहुत अच्छे से समझती है लेकिन सरकार को इस तरह की दबाओ की राजनीति को छोड़ देना चाहिए और इस से ऊपर उठकर मध्य प्रदेश की जनता के भले के लिए जो कुछ किया जा सकता है वह मुख्यमंत्री कमलनाथ को करना चाहिए जिस प्रकार का माहौल इस समय दिखाई दे रहा है उससे कहा जा सकता है कि जो वचन मध्य प्रदेश की जनता को कांग्रेस ने दिए थे वह यह लोग पूरा नहीं कर पा रहे हैं यही वजह है कि अब इस तरह के मामले सामने आने लगे हैं


बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस बात का एहसास हो चुका है कि वे मुख्यमंत्री कम और इस मध्य प्रदेश में मदारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं इनके ही मंत्री लगातार कह रहे हैं कि सुपर सीएम कोई और है और उसके बाद मंत्रियों को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाकर बैठक लेना पड़े और उन्हें इन सब बातों के लिए समझाना कि मैं ही इस प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं इन परिस्थितियों से साफ नजर आ रहा है कि यह लोग मध्य प्रदेश को किस ओर ले जा रहे हैं उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अंतर्द्वंद से ही गिरेगी इस सरकार में मंत्री मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहे हैं मुख्यमंत्री कार्यकर्ता की नहीं सुन रहे हैं और प्रशासन मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहा है और मुख्यमंत्री आखिर कौन है यह मंत्री स्वयं तय कर रहे हैं और इनके ही मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पर्दे के पीछे मुख्यमंत्री कोई और है इससे जनता में किस तरह का संदेश जाएगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है .
Last Updated : Sep 4, 2019, 12:40 PM IST
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