भोपाल| पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर दिए गए बयान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वन मंत्री उमंग सिंघार से अपने निवास पर मुलाकात की है. सूत्रों की माने तो मंत्री उमंग सिंघार को ऐसी किसी भी बयानबाजी से बचने की हिदायत दी गई है, जिससे सरकार की छवि खराब होती हो. हालांकि मुलाकात के बाद उमंग सिंघार मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया है. वहीं अब इसको लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में अंतर कलह मचा हुआ है. स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री को अपने ही मंत्रियों को बताना पड़ रहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री वे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा का कहना है कांग्रेस में इस समय अंदरुनी रूप से एक युद्ध छिड़ा हुआ है. जिसकी वजह से प्रदेश की जनता से जुड़े हुए विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. इस तरह के हालात देखने के बाद प्रदेश की जनता चिंतित नजर आ रही है कि उन्होंने किस तरह की सरकार को चुना है. वनमंत्री उम्र सिंगार मीडिया से बातचीत करने से इंकार करने पर उनका कहना है कि इससे साफ लग रहा है कि कांग्रेस के अंदर एक दमनकारी नीति काम करने लगी है. इस समय के माहौल को देखकर कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश की जनता से जो वादे कांग्रेस ने किए थे उससे उन्हें किसी प्रकार का कोई सरोकार नहीं है.
बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस बात का एहसास हो चुका है कि वे मुख्यमंत्री कम और इस मध्य प्रदेश में मदारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं. इनके ही मंत्री लगातार कह रहे हैं कि सुपर सीएम कोई और है. जिसके बाद मंत्रियों को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाकर बैठक लेना पड़े और मंत्रियों को बताना पड़ रहा है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री मैं हूं. इन परिस्थितियों से साफ नजर आ रहा है कि यह लोग मध्य प्रदेश को किस ओर ले जा रहे हैं. महेश शर्मा का कहना है कि इस सरकार में मंत्री मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहे हैं. मुख्यमंत्री कार्यकर्ता की नहीं सुन रहे हैं और प्रशासन मुख्यमंत्री की नहीं सुन रहा है और मुख्यमंत्री आखिर कौन है. यह मंत्री स्वयं तय कर रहे हैं और इनके ही मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पर्दे के पीछे मुख्यमंत्री कोई और है.