भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव होना है और कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं और कमलनाथ को घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 28 सीटों पर अपने चक्रव्यूह की रचना की है और इस चक्रव्यू में करीब 19 मंत्री, 25 सांसद, 95 विधायक, सभी जिलाध्यक्ष और संगठन मंत्रियों को मैदान में उतारा गया है.
BJP का चक्रव्यूह-
भारतीय जनता पार्टी इन उपचुनाव को किसी भी कीमत में कांग्रेस के हाथों में नहीं देना चाहती. शायद यही वजह है कि पार्टी ने इतनी बड़ी संख्या में अपने नेताओं को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी है. इस दौरान पार्टी ने 19 मंत्री, 25 सांसद और 95 विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है. इसके साथ ही हर सीट के चुनाव प्रभारी के साथ जिला अध्यक्ष व उसकी टीम लगाई गई है. इसके अलावा संगठन मंत्रियों को कोआर्डिनेशन की जिम्मेदारी दी गई है. सीट से लेकर बूथ और पन्ना प्रमुख तक 60 से 70 लोगों की टीम तैनात है, जहां हर पन्ना प्रमुख के पास 30 से 50 वोटों का दायित्व है. ये उन्हें निकालकर बूथ तक ले जाएंगे.
9 सीटों पर BJP का फोकस-
यानी 28 सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी का गेम प्लान ये भी है कि सबसे ज्यादा फोकस बीजेपी का 9 सीटों पर है. जहां पर बीजेपी 10 हजार से भी कम वोटों से हारी थी. इसके साथ ही बीजेपी 12 सीटों को सिंधिया कैंप से बाहर का मान कर चल रही है. जिसमें अनूपपुर, सुवासरा, सुमावली, मुरैना, अंबाह, गोहद, नेपानगर, बड़ा मलहरा, मांधाता, जौरा, ब्यावरा और आगर मालवा शामिल हैं. लिहाजा इन 6 सीटों पर बीजेपी ने अपने खास सिपहसालार तैनात कर दिए हैं, जिससे पार्टी को जीत मिल सके.
संगठन स्तर पर चुनाव लड़ रही BJP-
चुनाव प्रचार को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि वाकई कमलनाथ को रोकने के लिए व्यू रचना की है और पार्टी संगठन स्तर पर चुनाव लड़ती है और संगठन की व्यवस्था होती है कि किस व्यक्ति को कहां की जिम्मेदारी दी जा रही है और वो व्यक्ति इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाता है और उपचुनाव में भी नतीजे भारतीय जनता पार्टी के फेवर में ही होंगे.
कांग्रेस का BJP पर वार-
वहीं उपचुनाव में प्रचार को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता नरेश नरेंद्र सलूजा का कहना है कि बीजेपी मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार में लगा रही है और अन्य राज्यों के नेताओं, कई केंद्रीय मंत्री चुनाव प्रचार कर रहे हैं, लेकिन इस बार जनता भारतीय जनता पार्टी का चेहरा समझ चुकी है और अब वो कांग्रेस के साथ रहेगी, क्योंकि जिस खरीद-फरोख्त की राजनीति भारतीय जनता पार्टी करती है, उस राजनीति को अब आम जनता समझ चुकी है. इसलिए अब भारतीय जनता पार्टी कितनी भी ताकत लगा ले जनता के विश्वास को नहीं जीत पाएगी.
BJP की जीत का गणित-
भारतीय जनता पार्टी के पास अभी 107 सीटें हैं, बहुमत के लिए 116 चाहिए और सरकार यदि उपचुनाव में 9 सीटें जीतती है तो बीजेपी बहुमत में आ जाएगी. साथ ही निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को खनिज निगम का अध्यक्ष बनाकर भाजपा पहले ही अपने साथ कर चुकी है और बाकी तीन निर्दलीय साथ आते हैं तो बीजेपी पूरी तरह से बहुमत में होगी.