भोपाल। प्रदेश में 52 फीसदी ओबीसी आबादी को हर हाल में शिवराज सरकार (Shivraj Govt) खुश करना चाहती है. यही वजह है की दिल्ली (Delhi) में वरिष्ठ वकीलों के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने मुलाकात की, कांग्रेस (Congress) द्वारा किए गए छल की जानकारी देने के लिए बीजेपी के मंत्री, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि सीधा संवाद भी करेंगे. मुख्यमंत्री ने पिछड़ा वर्ग से जुड़े 20 संगठनों के प्रतिनिधियों से आरक्षण की स्थिति को लेकर चर्चा की.
वकीलों का पैनल करेगा कोर्ट में ओबीसी आरक्षण की पैरवी
बता दें कि सीएम शिवराज ने देश के जाने माने वकीलों को मप्र में 27% आरक्षण मामले पर पैरवी के लिए तैयार किया. दरअसल, प्रदेश में पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है. मुख्यमंत्री ने पिछड़े वर्ग का सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक अध्ययन करने के लिए अलग से आयोग बनाने की घोषणा की है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ वकील एम नटराजन, रविशंकर प्रसाद, प्रदेश के महा अधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव और वकीलों का पैनल करेगा कोर्ट में ओबीसी आरक्षण की पैरवी.
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सीएम ने की सॉलिसिटर जनरल से मुलाकात
सीएम शिवराज ने दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मुलाकात की. इसके साथ ही अन्य वकीलों की सहायता भी शिवराज सरकार लेगी, जिससे कि हर हाल में हाईकोर्ट में वकील ओबीसी को 27% आरक्षण दिलाने में सफल हो सके.
इन चुनावों पर रहेगा फोकस
प्रदेश में बीजेपी ने एक बैठक भी बुलाई, जिसमें यह फैसला लिया गया कि नगरीय निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव भी हैं, और ऐसे में ओबीसी वर्ग को किसी भी हाल में खुश रखना है. पार्टी ये संदेश इस वर्ग तक पहुंचाना चाहती है कि कमलनाथ ने कोर्ट में पक्ष नहीं रखा. यही वजह रही कि हाईकोर्ट ने ओबीसी को 27% आरक्षण नहीं दिया. मध्य प्रदेश के सभी विधायक, सांसद, पदाधिकारी जोकि पिछड़ा वर्ग से आते हैं. वह सभी जनता के बीच जाकर अलग-अलग बैठक करेंगे, और पार्टी की और से उनके लिए किए जा रहे कार्यों का खाका पेश करेंगे.