भोपाल। हाल ही में प्रदेश की बेरोजगारी दर को लेकर सीएमआईई ने एक रिपोर्ट जारी की थी. जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बेरोजगारी में कमी आई है. इस रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कमलनाथ सरकार अपने 10 माह के छोटे से कार्यकाल में बेरोजगारी दर को 40 प्रतिशत तक कम करने में कामयाब रही है. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में जो बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत थी. जो अब 4.2 प्रतिशत ही रह गई है. ये रिपोर्ट सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने जारी की है.
बेरोजगारी कम होने के दावे को लेकर प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कोई अलादीन नहीं हैं. जो चिराग लेकर पूरा जहां रोशन कर देंगे. रोजगार देना तो छोड़ें, बेरोजगारों को भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री का नाम कमलनाथ है, अलादीन नहीं.
प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने पलटवार करते कहा कि जो रिपोर्ट आई है, वह सीएम कमलनाथ की कार्यकुशलता है. सीएमआईई की रिपोर्ट ये बताती है कि प्रदेश सरकार सही दिशा में काम कर रही है. प्रदेश सरकार का फोकस था कि ऐसा कानून लाएंगे कि प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं को प्राइवेट सेक्टर या सरकारी सेक्टर में रोजगार मिले. रोजगार जैसे मामले में दलगत राजनीति से उठकर काम करना चाहिए. बीजेपी छोटी सोच का परिचय दे रही है. उनका विपक्ष के सवाल पर कहना है कि उनको ये सवाल एजेंसी से पूछना चाहिए कि प्रदेश में बेरोजगारी की दर कैसे कम हो गई.