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मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं, अलादीन नहीं, जो चिराग से पूरा जहां कर देंगे रोशनः बीजेपी

सीएमआईई ने प्रदेश में बेरोजगारी दर को लेकर एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया है कि प्रदेश में बेरोजगारी घटी है. जिस पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का नाम कमलनाथ है, अलादीन नहीं. जो चिराग लेकर पूरा जहां रोशन कर देंगे.

कमलनाथ हैं, कोई अलादीन नहीं: भाजपा
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Published : Oct 23, 2019, 8:44 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 10:17 PM IST

भोपाल। हाल ही में प्रदेश की बेरोजगारी दर को लेकर सीएमआईई ने एक रिपोर्ट जारी की थी. जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बेरोजगारी में कमी आई है. इस रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कमलनाथ सरकार अपने 10 माह के छोटे से कार्यकाल में बेरोजगारी दर को 40 प्रतिशत तक कम करने में कामयाब रही है. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में जो बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत थी. जो अब 4.2 प्रतिशत ही रह गई है. ये रिपोर्ट सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने जारी की है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं, अलादीन नहीं, जो चिराग से पूरा जहां कर देंगे

बेरोजगारी कम होने के दावे को लेकर प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कोई अलादीन नहीं हैं. जो चिराग लेकर पूरा जहां रोशन कर देंगे. रोजगार देना तो छोड़ें, बेरोजगारों को भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री का नाम कमलनाथ है, अलादीन नहीं.

प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने पलटवार करते कहा कि जो रिपोर्ट आई है, वह सीएम कमलनाथ की कार्यकुशलता है. सीएमआईई की रिपोर्ट ये बताती है कि प्रदेश सरकार सही दिशा में काम कर रही है. प्रदेश सरकार का फोकस था कि ऐसा कानून लाएंगे कि प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं को प्राइवेट सेक्टर या सरकारी सेक्टर में रोजगार मिले. रोजगार जैसे मामले में दलगत राजनीति से उठकर काम करना चाहिए. बीजेपी छोटी सोच का परिचय दे रही है. उनका विपक्ष के सवाल पर कहना है कि उनको ये सवाल एजेंसी से पूछना चाहिए कि प्रदेश में बेरोजगारी की दर कैसे कम हो गई.

भोपाल। हाल ही में प्रदेश की बेरोजगारी दर को लेकर सीएमआईई ने एक रिपोर्ट जारी की थी. जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बेरोजगारी में कमी आई है. इस रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कमलनाथ सरकार अपने 10 माह के छोटे से कार्यकाल में बेरोजगारी दर को 40 प्रतिशत तक कम करने में कामयाब रही है. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में जो बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत थी. जो अब 4.2 प्रतिशत ही रह गई है. ये रिपोर्ट सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने जारी की है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं, अलादीन नहीं, जो चिराग से पूरा जहां कर देंगे

बेरोजगारी कम होने के दावे को लेकर प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कोई अलादीन नहीं हैं. जो चिराग लेकर पूरा जहां रोशन कर देंगे. रोजगार देना तो छोड़ें, बेरोजगारों को भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री का नाम कमलनाथ है, अलादीन नहीं.

प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने पलटवार करते कहा कि जो रिपोर्ट आई है, वह सीएम कमलनाथ की कार्यकुशलता है. सीएमआईई की रिपोर्ट ये बताती है कि प्रदेश सरकार सही दिशा में काम कर रही है. प्रदेश सरकार का फोकस था कि ऐसा कानून लाएंगे कि प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं को प्राइवेट सेक्टर या सरकारी सेक्टर में रोजगार मिले. रोजगार जैसे मामले में दलगत राजनीति से उठकर काम करना चाहिए. बीजेपी छोटी सोच का परिचय दे रही है. उनका विपक्ष के सवाल पर कहना है कि उनको ये सवाल एजेंसी से पूछना चाहिए कि प्रदेश में बेरोजगारी की दर कैसे कम हो गई.

Intro:भोपाल।एक रिपोर्ट के आधार पर दावा किया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बेरोजगारी में कमी आई है।इस रिपोर्ट के अनुसार कहा जा रहा है कि मप्र में कमलनाथ सरकार अपने 10 माह के छोटे से कार्यकाल में में बेरोज़गारी दर को 40% तक कम करने में कामयाब रही है। वर्ष 2018 में जो बेरोज़गारी दर 7% थी, वो अब 4.2% ही रह गई है। यह रिपोर्ट सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआईई) द्वारा जारी की गई है।इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद कांग्रेस जहां कमलनाथ सरकार की तारीफ में जुट गई है। तो बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कोई अलादीन नहीं है कि वह चिराग लेकर आएंगे और पूरा जहां रोशन कर देंगे। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि रोजगार जैसे मामले में दलगत राजनीति से उठकर काम करना चाहिए। बीजेपी छोटी सोच का परिचय दे रही है।Body:बेरोजगारी कम होने के दावे को लेकर मध्य प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि मेरा जो सामान्य ज्ञान है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम कमलनाथ है, अलादीन नहीं है। कि वह चिराग लेकर आए और पूरा जहां रोशन कर दिया। सच तो यह है कि 10 महीने में जनता 8-8 आंसू रो रही है। जनकल्याण की सारी योजनाएं बंद हो गई हैं।रोजगार देना तो छोड़ें, बेरोजगारों को भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है। एक भी बेरोजगार ऐसा नहीं है, जिसे 4000 रूपए कमलनाथ सरकार ने दिए हों। ऐसी सरकार झूठ बोल रही है और जनता को छल रही है।धोखा दे रही है।Conclusion:वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि जो रिपोर्ट आई है, वह मुख्यमंत्री कमलनाथ की कार्यकुशलता, उनका व्यक्तित्व और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जो देश की चिंता है,वह दर्शाती है कि आज हमारे बच्चों को रोजगार कैसे मिले, उनको काम कैसे मिले और परिवार को सुकून कैसे मिले। मैं मानता हूं कि सीआईएमए की रिपोर्ट यह बताती है कि मध्य प्रदेश की सरकार सही दिशा में काम कर रही है।मुख्यमंत्री कमलनाथ का विजन काम कर रहा है। आप देखें कि उनका फोकस था और पहली बार में ही उन्होंने कहा था कि हम ऐसा कानून लाएंगे के मध्य प्रदेश के 70% युवाओं को प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी सेक्टर हो उसमें रोजगार मिले। उनका विजन है कि हमारे बेटे बेटियां स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में आत्मनिर्भर कैसे हो। उनका विजन है कि हम ऐसे कोर्स और सिलेबस बनाएं कि बच्चों की पढ़ाई रोजगार में भी मददगार साबित हो। सबसे महत्वपूर्ण है उनका विश्वास। जो अभी इंदौर में निवेशकों को बुलाया गया था। एक भरोसा एक विश्वास और कमलनाथ जी के पूरे जीवन के अनुभव, संबंध और कार्यशैली का लाभ मध्य प्रदेश को कैसे मिले, यह उनका विजन है। यही आधार है कि हमारे प्रदेश की बेरोजगारी 7% से बढ़कर 4.2% तक पहुंच गई है।अब सवाल विपक्ष का है तो उनको यह सवाल एजेंसी से पूछना चाहिए कि मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की दर कैसे कम हो गई ।हम तो यह चाहते हैं कि यह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करें।उनका इस तरह का बयान छोटी सोच का परिचायक है।
Last Updated : Oct 23, 2019, 10:17 PM IST
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