भोपाल। कमलनाथ सरकार द्वारा पिछले कुछ दिनों में लगातार आयोगों में नियुक्तियां की जा रही हैं, जिससे प्रदेश सरकार पर बहुमत का संकट दिखाई दे रहा है ऐसी परिस्थिति में भी लगातार कई नेताओं को आयोग का दायित्व सौंपा जा रहा है, यहां तक कि अब प्रदेश सरकार की ओर से आयोग के अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री और सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा भी दे दिया गया है, जिस पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है.
इस मामले में बीजेपी की प्रदेश प्रवक्ता राजो मालवीय का कहना है कि कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ चुकी है. उनके पास संख्या बल के अनुसार विधायकों का गणित पूरी तरह से कम हो चुका है, इसलिए कांग्रेस सरकार फ्लोर टेस्ट से डर रही है जिस तरह से हारा हुआ जनरल अपने सैनिकों को कहता है कि जितना लूट सकते हो लूट लो, कुछ ऐसा ही ये सरकार भी कर रही है. जो नियुक्तियां प्रदेश सरकार के द्वारा की जा रही हैं वो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने बताया की बीजेपी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से भी निवेदन किया है कि इन सभी नियुक्तियों को निरस्त किया जाए.
कैबिनेट और राज्य मंत्री का मिला दर्जा
प्रदेश में राज्य महिला आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, और राज्य युवा आयोग के अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. इसी तरह राज्य महिला आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग और राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है.
किसको मिला कौन-सा आयोग
बता दें कि राज्य शासन ने हाल ही में कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया है. वहीं गजेंद्र सिंह राजू खेड़ी को राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग और आनंद अहिरवार को राज्य अनुसूचित जाति का अध्यक्ष बनाया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जेपी धनोपिया को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा मीडिया सेल का काम देख रहे अभय तिवारी को राज्य युवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.