भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ग्वालियर कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ की गई बैठक पर सियासत गरमाने लगी है. बीजेपी इस मुद्दे पर लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. बीजेपी का कहना है कि प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह से समाप्त हो चुका है और सामंतवादी प्रवृत्ति पूरी तरह से प्रदेश में हावी है.
'ग्वालियर में महाराजा भर रहे हुंकार'
बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार भय ग्रस्त और गुलामी की प्रवृत्ति की सरकार है. हिंदुस्तान की राजनीति से राजा महाराजाओं और सामंतवादी लोगों का भले ही राज खत्म हो गया हो पर मध्य प्रदेश की धरती पर ग्वालियर के महाराजा अलग हुंकार भर रहे हैं. वहीं छोटे राजा अलग सरकार चलाने की दम रखते हैं. अपने ही मंत्रियों से आस्तीन चढ़ाकर हिसाब किताब मांग रहे हैं. उनसे पूछा जा रहा है कि किस मामले में क्या कार्रवाई की गई.
'महाराजाओं की सामंतवादी प्रवृति हावी'
उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में अधिकारी कर्मचारी भय से ग्रस्त हैं. हालात तो ये हो गए हैं कि जब महाराजा बुलाते है तो अधिकारी अपना माथा टेकने महाराजा के पास जाते हैं. इसके अलावा अगर कोई दिग्विजय सिंह, कमलनाथ से कोई व्यक्ति जुड़ा हुआ है. भले ही वो किसी पद पर नहीं है लेकिन अगर वे लोग भी उन्हें बुलाता है तो अधिकारी कलेक्टर तक उसके साथ दौड़ने लगते हैं. प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है. कांग्रेस का अफसरशाही और गुटीय राज यहां पूरी तरह से परिवर्तित हो चुका है. राजा-महाराजाओं की सामंतवादी प्रवृत्ति यहां पर अब पूरी तरह से हावी होती जा रही है.
रामेश्वर शर्मा का कहना है कि महाराजा के द्वार पर कलेक्टर से लेकर कमिश्नर और कमिश्नर से लेकर मुख्य सचिव तक सब अपनी हाजिरी दे रहे हैं. अगर ये सरकार महाराजाओं के द्वार की चौखट पर हैं तो इसका साफ मतलब है कि कमलनाथ आप मजबूर मुख्यमंत्री हैं. आप किसी भी हाल में मजबूत मुख्यमंत्री नहीं है या तो मुख्यमंत्री कमलनाथ जनता को यह बताएं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किस संवैधानिक दायित्व के तहत उन्होंने बैठक ली है और या फिर किस अधिकारी कर्मचारी में सिंधिया को बैठक के लिए आमंत्रित किया है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.