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महाराजा के द्वार प्रशासन दे रहा हाजिरी- बीजेपी विधायक

बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्वारा अधिकारियों की बैठक लेने के मामले में सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह खत्म हो गया और सामंतवादी प्रवृत्ति पूरी तरह से हावी है.

बीजेपी विधायक के निशाने पर सिंधिया
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Published : Nov 22, 2019, 3:04 PM IST

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ग्वालियर कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ की गई बैठक पर सियासत गरमाने लगी है. बीजेपी इस मुद्दे पर लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. बीजेपी का कहना है कि प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह से समाप्त हो चुका है और सामंतवादी प्रवृत्ति पूरी तरह से प्रदेश में हावी है.

बीजेपी विधायक के निशाने पर सिंधिया


'ग्वालियर में महाराजा भर रहे हुंकार'
बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार भय ग्रस्त और गुलामी की प्रवृत्ति की सरकार है. हिंदुस्तान की राजनीति से राजा महाराजाओं और सामंतवादी लोगों का भले ही राज खत्म हो गया हो पर मध्य प्रदेश की धरती पर ग्वालियर के महाराजा अलग हुंकार भर रहे हैं. वहीं छोटे राजा अलग सरकार चलाने की दम रखते हैं. अपने ही मंत्रियों से आस्तीन चढ़ाकर हिसाब किताब मांग रहे हैं. उनसे पूछा जा रहा है कि किस मामले में क्या कार्रवाई की गई.


'महाराजाओं की सामंतवादी प्रवृति हावी'
उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में अधिकारी कर्मचारी भय से ग्रस्त हैं. हालात तो ये हो गए हैं कि जब महाराजा बुलाते है तो अधिकारी अपना माथा टेकने महाराजा के पास जाते हैं. इसके अलावा अगर कोई दिग्विजय सिंह, कमलनाथ से कोई व्यक्ति जुड़ा हुआ है. भले ही वो किसी पद पर नहीं है लेकिन अगर वे लोग भी उन्हें बुलाता है तो अधिकारी कलेक्टर तक उसके साथ दौड़ने लगते हैं. प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है. कांग्रेस का अफसरशाही और गुटीय राज यहां पूरी तरह से परिवर्तित हो चुका है. राजा-महाराजाओं की सामंतवादी प्रवृत्ति यहां पर अब पूरी तरह से हावी होती जा रही है.


रामेश्वर शर्मा का कहना है कि महाराजा के द्वार पर कलेक्टर से लेकर कमिश्नर और कमिश्नर से लेकर मुख्य सचिव तक सब अपनी हाजिरी दे रहे हैं. अगर ये सरकार महाराजाओं के द्वार की चौखट पर हैं तो इसका साफ मतलब है कि कमलनाथ आप मजबूर मुख्यमंत्री हैं. आप किसी भी हाल में मजबूत मुख्यमंत्री नहीं है या तो मुख्यमंत्री कमलनाथ जनता को यह बताएं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किस संवैधानिक दायित्व के तहत उन्होंने बैठक ली है और या फिर किस अधिकारी कर्मचारी में सिंधिया को बैठक के लिए आमंत्रित किया है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ग्वालियर कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ की गई बैठक पर सियासत गरमाने लगी है. बीजेपी इस मुद्दे पर लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. बीजेपी का कहना है कि प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह से समाप्त हो चुका है और सामंतवादी प्रवृत्ति पूरी तरह से प्रदेश में हावी है.

बीजेपी विधायक के निशाने पर सिंधिया


'ग्वालियर में महाराजा भर रहे हुंकार'
बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार भय ग्रस्त और गुलामी की प्रवृत्ति की सरकार है. हिंदुस्तान की राजनीति से राजा महाराजाओं और सामंतवादी लोगों का भले ही राज खत्म हो गया हो पर मध्य प्रदेश की धरती पर ग्वालियर के महाराजा अलग हुंकार भर रहे हैं. वहीं छोटे राजा अलग सरकार चलाने की दम रखते हैं. अपने ही मंत्रियों से आस्तीन चढ़ाकर हिसाब किताब मांग रहे हैं. उनसे पूछा जा रहा है कि किस मामले में क्या कार्रवाई की गई.


'महाराजाओं की सामंतवादी प्रवृति हावी'
उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में अधिकारी कर्मचारी भय से ग्रस्त हैं. हालात तो ये हो गए हैं कि जब महाराजा बुलाते है तो अधिकारी अपना माथा टेकने महाराजा के पास जाते हैं. इसके अलावा अगर कोई दिग्विजय सिंह, कमलनाथ से कोई व्यक्ति जुड़ा हुआ है. भले ही वो किसी पद पर नहीं है लेकिन अगर वे लोग भी उन्हें बुलाता है तो अधिकारी कलेक्टर तक उसके साथ दौड़ने लगते हैं. प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है. कांग्रेस का अफसरशाही और गुटीय राज यहां पूरी तरह से परिवर्तित हो चुका है. राजा-महाराजाओं की सामंतवादी प्रवृत्ति यहां पर अब पूरी तरह से हावी होती जा रही है.


रामेश्वर शर्मा का कहना है कि महाराजा के द्वार पर कलेक्टर से लेकर कमिश्नर और कमिश्नर से लेकर मुख्य सचिव तक सब अपनी हाजिरी दे रहे हैं. अगर ये सरकार महाराजाओं के द्वार की चौखट पर हैं तो इसका साफ मतलब है कि कमलनाथ आप मजबूर मुख्यमंत्री हैं. आप किसी भी हाल में मजबूत मुख्यमंत्री नहीं है या तो मुख्यमंत्री कमलनाथ जनता को यह बताएं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किस संवैधानिक दायित्व के तहत उन्होंने बैठक ली है और या फिर किस अधिकारी कर्मचारी में सिंधिया को बैठक के लिए आमंत्रित किया है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.

Intro:प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह हो गया खत्म , सामंतवादी प्रवृत्ति पूरी तरह से है हावी = बीजेपी विधायक


भोपाल | ग्वालियर में विकास कार्यों को लेकर 2 दिन पहले जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित की गई बैठक अब विवादों में घिरती जा रही है . इस बैठक में शहर के विकास और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया था , लेकिन इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी अबप्रदेश सरकार के लिए मुसीबत बन सकती है , क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लगातार कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रहा है . विपक्ष का मानना है कि प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह से समाप्त हो चुका है और सामंतवादी प्रवृत्ति पूरी तरह से प्रदेश में हावी है जिसका ताजा उदाहरण ग्वालियर में देखने को मिल चुका है .
Body:बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार भय ग्रस्त और गुलामी की प्रवृत्ति की सरकार है . हिंदुस्तान की राजनीति से राजा महाराजाओं और सामंतवादी लोगों का भले ही राज खत्म हो गया हो पर मध्य प्रदेश की धरती पर ग्वालियर के महाराजा अलग हुंकार भर रहे हैं , वहीं छोटे राजा अलग सरकार चलाने की दम रखते हैं . अपने ही मंत्रियों से आस्तीन चढ़ाकर हिसाब किताब मांग रहे हैं . उनसे पूछा जा रहा है कि किस मामले में क्या कार्यवाही की गई .
उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में अधिकारी कर्मचारी भय ग्रस्त हैं . स्थिति यह है कि अपने बेटे बेटियों के भविष्य को देखते हुए जब राजा बुलाता है तो राजा के द्वार पर मस्तक टेकते हैं और जब महाराजा बुलाता है तो फिर उसके द्वार पर अपना माथा टेकते हैं . इसके अलावा कोई दिग्विजय सिंह , कमलनाथ से कोई व्यक्ति जुड़ा हुआ है भले ही वह किसी पद पर नहीं है लेकिन यदि वह भी उन्हें बुलाता है तो अधिकारी कलेक्टर तक उसके साथ दौड़ने लगते हैं . प्रदेश में जनतंत्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है . कांग्रेस का अफसरशाही और गुटीय राज यहां पूरी तरह से परिवर्तित हो चुका है . राजा महाराजाओं की सामंतवादी प्रवृत्ति यहां पर अब पूरी तरह से हावी होती जा रही है . Conclusion:रामेश्वर शर्मा का कहना है कि सरकारी अधिकारी कर्मचारी जनता की सुध लेने की बजाए इन लोगों के काम में लगे हुए हैं .उन्होंने कहा कि बीजेपी के चुने हुए जनप्रतिनिधि को अपनी बेटी के इलाज के लिए कितना परेशान होना पड़ा है . यह किसी से छिपा नहीं है . स्थिति यह रही कि 8 घंटे तक एक जनप्रतिनिधि की बेटी की डिलीवरी तक नहीं हो पाई . मजबूरी में उसे एक निजी अस्पताल में जाना पड़ा . एक जनप्रतिनिधि की बेटी के लिए एक डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं हो पाया , लेकिन महाराजा के द्वार पर कलेक्टर से लेकर कमिश्नर और कमिश्नर से लेकर मुख्य सचिव तक सब अपनी हाजिरी दे रहे हैं . यदि यह सरकार महाराजाओं के द्वार की चौखट पर है तो इसका साफ मतलब है कि कमलनाथ आप मजबूर मुख्यमंत्री हैं . आप किसी भी हाल में मजबूत मुख्यमंत्री नहीं है या तो मुख्यमंत्री कमलनाथ जनता को यह बताएं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किस संवैधानिक दायित्व के तहत उन्होंने बैठक ली है और या फिर किस अधिकारी कर्मचारी में सिंधिया को बैठक के लिए आमंत्रित किया है उन पर कार्यवाही करो .
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