भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. यही वजह है कि एक तरफ बीजेपी रिटायर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का एक संगठन बना रही है तो वहीं विदेशों में जा बसे मध्य प्रदेश के रहने वाले एनआरआई को भी लुभाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रही है. हाल ही में बीजेपी की संवाद सेल ने भोपाल में रह रहे इन सभी एनआरआई के परिजनों को घर-घर मिठाई पहुंचाई है. इतना ही नहीं संवाद सेल के कार्यकर्ताओं ने कॉल और मैसेज करके विदेशों में रह रहे मध्य प्रदेश के लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं भी दी है. इससे पहले भी महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण इन्हीं NRI के जरिए 70 देशों में किया गया था. BJP Mission 2023) (mp assembly election 2023) (bjp nri plan for mp assembly election)
दीपावली पर घर घर पहुंचाई मिठाई, 70 देशों में किया था लाइव प्रसारण: बीजेपी ने इससे पहले 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भारत के कई NRI ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में भारत आकर प्रचार किया था. प्रधानमंत्री मोदी के विदेशी दौरों के दौरान भी बीजेपी से जुड़े यही विदेशी नागरिक विदेशों में भी मोदी और बीजेपी का माहौल बनाते रहे हैं. दरअसल एनआरआई को बुद्धिजीवी वर्ग के तहत जाना जाता है. साथ ही धन संपन्न भी होते हैं. वतन वापसी पर आम जनता में इनकी अच्छी पैठ होती है, लिहाजा इनकी छवि का फायदा उठाने के लिए इन्हें मध्य प्रदेश के चुनाव के लिए भी तैयार किया जा रहा है.
बीजेपी ने बताया सबको जोड़ने की परंपरा: आपको बता दें कि इस बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन 7 से 9 जनवरी के बीच मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल में आयोजित किया जा रहा है. जहां पीएम मोदी और सीएम शिवराज की मौजूदगी में इन्हें सरकारी मेहमान भी बनाया जाएगा. मध्य प्रदेश के मूल निवासी विदेशियों को एकजुट रखने और संपर्क बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने प्रवासी भारतीय विभाग भी बना रखा है. जहां एक तरफ बीजेपी अपनी इन तमाम कवायदों को शिष्टाचार बता रही है. बीजेपी कह रही है कि ये हमारी परंपरा है और इस तरह लोगों को जोड़ते हैं. यदि कोई हमसे जुड़ रहा है तो उसका हमारे परिवार में स्वागत है.
कांग्रेस ने साधा निशाना: वहीं कांग्रेस बीजेपी को एनआरआई और साथ में पुराने अफसरों को जोड़ने की रणनीति को छलावा करार दे रही है. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने हमला बोलते हुए कहा कि जनता समझ चुकी है, कांग्रेस का बढ़ता जनाधार बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन गया है. वे चाहे लाख कोशिश कर लें एनआरआई उनसे नहीं जुड़ेगें. बीजेपी सिर्फ उनसे चंदा वसूला का काम करेगी.
बीजेपी की तैयारी: 2023 के चुनाव के पहले बीजेपी ऐसे लोगों को अपने साथ जोड़ना चाहती है, जो कि उसकी विचारधारा से जुड़ना चाहते हैं. दरअसल विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी की नजर ऐसे लोगों पर है, जिनका अपने समाज में दबदबा है और विदेश में सेटल हो चुके हैं, लेकिन उनका परिवार यही एमपी में रहता है. बीजेपी की फारेन विंग 'एनआरआई प्लान पर काम कर रहा है. बीजेपी का विदेश संपर्क विभाग विदेशों में बसे एनआरआई युवाओं और उनके परिवारों को पार्टी से जोड़ने के काम पर लगा है. एनआरआई को शिवराज सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है और उनसे फीडबैक लिया जा रहा है. सरकार की ओर से कोई बड़ा आयोजन होता है तो एनआरआई को वर्चुअली भी जोड़ा जा रहा है. बीते दिनों उज्जैन में हुए 'महाकाल लोक' कार्यक्रम में वर्चुअली करीब 70 देशों में बसे एमपी के लोगों ने लाइव प्रसारण देखा था. इस कार्यक्रम की दुनिया भर में रहने वाले एमपी के नागरिकों ने अच्छा फीडबैक दिया था, बीजेपी ने महाकाल लोक के कार्यक्रम को विदेशों में प्रसारित किया था और खास तौर से उसे विदेशों में बसे भारतीयों से खासी लोकप्रियता मिली है. इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए शिवराज सरकार ऐसे एनआरआई को जोडना चाहती है. जो विदेशों में हैं लेकिन उनके संपर्क अभी भी मध्यप्रदेश से हैं.
मुस्लिम वोटर्स पर भी नजर: इस बार बीजेपी की नीति मुस्लिमों को साथ लेकर चलने की है, लिहाजा हमने देखा की बड़े कार्यक्रमों में जब नमाज अता होती है तो पार्टी के दिग्गज उस वक्त अपना भाषण रोक लेते हैं. संघ भी मस्जिदों में जा रहा है. मुस्लमानों के प्रति बदलता रुख बीजेपी की रणनीति में बदलाव का संकेत दे रहे हैं. अब देखना होगा कि बीजेपी को लोगों को जोड़ने का सोशल अभियान 2023 में उसे कितना फायदा दिलाएगा. BJP Mission 2023) (mp assembly election 2023) (bjp nri plan for mp assembly election) (congress targets bjp in mp) (bjp preparation for mission 2023)