भोपाल। बीजेपी को एक लोकसभा (Lok Sabha) और तीन विधानसभा उपचुनावों (Assembly By-Elections) में प्रत्याशी चुनने में पसीना आ रहा है. पार्टी ने अभी तक दो आंतरिक सर्वे (Two internal Surveys) तो कर लिए हैं, लेकिन टिकट किसको दिया जाए इसे लेकर मामला अभी भी उलझा हुआ है. सर्वे के मुताबिक इन चुनावी क्षेत्रों में पार्टी में अंतर्कलह (Squabbles in Party) बहुत ज्यादा है. बीजेपी भी दो गुटों में बटती नजर आ रही है. जिसके चलते खुद प्रदेश प्रभारी (State In-Charge) को मैदान में उतरना पड़ा है. मुख्यमंत्री शिवराज ने भी शुक्रवार रात अपने निवास पर मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई थी.
प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव (State In-Charge Muralidhar Rao) भी चुनावी क्षेत्र रैगांव, पृथ्वीपुर, जोबट और खंडवा (Raigaon, Prithvipur, Jobat and Khandwa) का दौरा कर चुके हैं. पार्टी के सीनियर नेताओं से रायशुमारी भी कर चुके हैं. इसके पहले राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश (National Co-Organization General Secretary Shivprakash) भी संभागीय दौरा कर चुके हैं. अब रायशुमारी के जरिये जिताऊ कैंडिडेट पर मंथन चल रहा है.
बीजेपी अलग-अलग स्तर पर कर रही सर्वे
भाजपा में उपचुनाव के दौरान टिकट के दावेदारों की लंबी लाइन है. जोबट और पृथ्वीपुर कांग्रेस के खाते वाली सीट रही है. पार्टी इस बार 2018 में हारे कैंडिडेट के साथ नए प्रत्याशी के लिए अलग-अलग स्तर पर सर्वे करवा रही है.
रैगांव विधानसभा और खंडवा लोकसभा बीजेपी के कब्जे वाली सीट थी, लेकिन यहां दावेदारी बहुत अधिक है. जिससे पार्टी को अंतर्कलह का खतरा नजर आ रहा है. केंद्रीय हाईकमान चाहता है कि भले ही आंतरिक सर्वे में पार्टी की जीत दिखाई नहीं दे रही है. बावजूद इसके सत्ता और संगठन को पूरी ताकत के साथ मैदान में डटे रहना है.
2028 तक हिंदू और मुसलमान की जन्म दर हो जाएगी बराबर: दिग्विजय सिंह
मैदान में उतरे मुख्यमंत्री और पार्टी के पदाधिकारी
केंद्रीय मंत्री, संगठन पदाधिकारी लगातार उपचुनाव वाले क्षेत्रों में बैठकें ले रहे है. पार्टी हाईकमान ने चारों सीटों पर हर हाल में जीतने को कहा है. यहीं वजह है कि सत्ता और संगठन ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं. मुख्यमंत्री खुद इन सीटों पर जनदर्शन यात्रा कर चुके हैं, हालांकि यात्रा में भीड़ न जुटने से पार्टी परेशानी में जरूर है.
पार्टी ने चुनाव पर फोकस करने के लिए महामंत्रियों को बैठक में निर्देश दिए है. पार्टी के प्रदेश प्रभारी और महामंत्री चुनावी सीटों पर लगातार बैठकें ले रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि चुनावी तैयारियों के लिए फीडबैक लिया जाता है. इसलिए बैठकें होती रहती हैं.
दिल्ली के पदाधिकारियों ने बूथ लेवल पर ली बैठक
बीजेपी में पहली बार देखा जा रहा है कि अभी तक कैंडिडेट को लेकर खींचतान मची है. बीजेपी में सत्ता और संगठन पूरी जोर से इन चारों सीटों पर जीतने के लिए मैदान में उतरे हैं. वहीं राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी कैंडिडेट के सर्वे को लेकर बूथ लेवल पर पर बैठके ले रहे हैं.
लठ के जोर पर शराबबंदी करवाएगी कांग्रेस! 25 हजार महिलाएं सड़कों पर उतरेंगी, Uma Bharti का किया समर्थन
सर्वे ने उड़ाए बीजेपी के होश, हार का डर
बीजेपी के आंतरिक सर्वे में पार्टी को हार दिखाई दे रही है. इसलिए प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव ने प्रदेश महामंत्रियों की ड्यूटी चुनावी क्षेत्रों में लगा दी है. इन क्षेत्रों में महामंत्रियों को 12 दिन प्रवास प्रवास करना होगा. वहां से फीडबैक लेकर रोज की रिपोर्टिंग संगठन को करनी होगी. सोशल मीडिया की टीम को आक्रमक तेवर के साथ काम करने की सलाह दी गई है. बीजेपी में यह पहली बार हो रहा है कि प्रदेश प्रभारी को बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं की बैठक लेनी पड़ी हो.
मुख्यमंत्री निवास पर सीएम ने ली मंत्रियों की बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मंत्रियों को अपने निवास पर बुलाकर चुनावी रणनीति (Election Strategy) तैयार की. बैठक में 25 मंत्री मौजूद रहे, जिसमें से 14 मंत्रियों को चुनावी जवाबदारी दी गई. इसके तहत 14 कमेटियां बनाई गई हैं. जिसमें तीन-तीन मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही सत्ता और संगठन समन्वय पर ध्यान देने की बात कही गई.
राज्य के मंत्री पार्टी के कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते
संगठन से शिकायतें मिल रही थी कि मंत्री पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की नहीं सुन रहे हैं. इसी वजह से मुख्यमंत्री ने संगठन से समन्वय बनाने की हिदायत दी है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने बताया की बैठक में वैक्सीनेशन महा अभियान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के जन्म दिन से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक चलने वाले सुराज और सुशासन अभियान को लेकर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने प्रभार वाले जिलों में कार्यक्रमों की समीक्षा करें.
बैठक में कई मंत्रियों की मिली शिकायत
सूत्रों से यह बात सामने आई है कि बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से जुड़ी शिकायत भी आई थी, जिसमें बताया गया है कि ट्रांसफर के दौरान उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की अनदेखी की है. वहीं इंदर सिंह परमार को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं से ठीक व्यवहार नहीं करने की शिकायत भी आई. इसके अलावा एक दो मंत्रियों की और शिकायत आई थी. इस पर मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को तालमेल बनाकर चलने की हिदायत दी.